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बच्चों में बुक रीडिंग की आदत कैसे डालें?

पुस्तको में ज्ञान का अथाह भंडार निहित है। आज के युग में बच्चों के लिए स्वस्थ मनोरंजन प्रदान करने वाले कथा साहित्य के साथ-साथ लगभग प्रत्येक विषय पर जानकारी देने वाली अनगिनत अच्छी पुस्तकें उपलब्ध हैं, जिन्हें पढ़कर मनोरंजन के साथ साथ किसी भी विषय से संबंधित बहुमुखी जानकारी बड़ी आसानी से घर बैठे प्राप्त की जा सकती है।

बुक रीडिंग की हैबिट न केवल बहुआयामी ज्ञान प्रदान करती है, वरन यह बच्चों को घर बैठे भरपूर मनोरंजन एवं प्रेरणा भी देती है। कथा साहित्य में वर्णन की गई परिस्थितियां, पात्र, उनके जीवन और संघर्ष बच्चों की अनुभवों की दुनिया को समृद्ध बनाते हैं, जिससे उन के विज़न का दायरा बढ़ता है और इन के दम पर वह भविष्य में जीवन की कठिन परिस्थितियों का सामना बेहतरीन ढंग से कर पाने में सक्षम हो पाते हैं।

पुस्तकों के पात्रों के जीवन जीने का चुनौती भरा ढंग, उनके संघर्षों का सामना करने की क्षमता, अपने जीवन की समस्याओं एवं चुनौतियों से सफलतापूर्वक लड़ने के लिए प्रेरित करते हैं, और अप्रत्यक्ष रूप से उनके अनुभवों के क्षेत्र का विस्तार करते हैं।

बुक रीडिंग बच्चों का मनोरंजन करने के साथ-साथ उनके विभिन्न अध्ययन संबन्धित कौशल जैसे रीडिंग स्पीड, रीडिंग स्किल, राइटिंग स्किल, स्पीकिंग स्किल को निखारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस प्रकार यदि शुरुआत से बच्चों में बुक रीडिंग की आदत का विकास किया जाए तो उनकी रीडिंग स्पीड तो बढ़ेगी ही, साथ ही उनके राइटिंग स्किल्स, रीडिंग स्किल्स, स्पीकिंग स्किल्स में भी निखार आएगा, जिससे वे विभिन्न परीक्षाओं में बेहतर भाषा में अच्छी और प्रभावशाली वोकैबुलरी का उपयोग करते हुए सटीक एवं स्पष्ट उत्तर लिख पाने में सक्षम होंगे, और उसके परिणामस्वरुप वह स्टडीज़ में अच्छा प्रदर्शन कर पाने में भी सफल होंगे।

अतः अभिभावकों को अपने बच्चों को उनकी बाल्यावस्था से स्वस्थ और रोचक साहित्यिक पुस्तके ला कर देनी चाहिए, जिससे रीडिंग हैबिट का विकास बचपन से ही हो सके।

बुक रीडिंग के ऊपरोक्त बेशकीमती फायदों के संदर्भ में यदि आप अपने बच्चे में बुक रीडिंग की उपयोगी आदत का समावेश करना चाहती हैं, तो निम्न उपाय अपनाएं:

प्रारम्भिक बचपन से कहानियाँ सुनाएँ

बच्चे को उसके प्रारंभिक वर्षों यानी एक डेढ़ वर्ष की उम्र से ही रोचक कहानियां सुनाएं। इससे आपके बच्चे का रुझान स्वतः कहानियों की ओर होगा, और पढ़ने लायक उम्र होने तक उसमें बुक रीडिंग की आदत का विकास होगा। थोड़ा बड़ा होने पर यानी दो ढाई वर्ष की उम्र से उसे रोजाना दिन के किसी निश्चित समय पर कोई भी रोचक, नैतिक एवं मनोरंजक कहानियां पढ़कर सुनाएं।
आप उसे रामायण, महाभारत, पंचतंत्र की प्रेरक कहानियां, विभिन्न ऐतिहासिक व्यक्तित्वों जैसे राणा प्रताप, सम्राट अशोक, एकलव्य, श्रवण कुमार, भगवान राम, भगवान कृष्ण, पन्नाधाय की कहानियां सुना सकती है।

आपकी यह नियमित आदत ना केवल उसमें रीडिंग हैबिट का विकास करेगी, वरन उनमें स्वस्थ नैतिक मूल्यों का रोपण भी करेगी।

पुस्तकों को बच्चों की आसान पहुँच में रखें

अपने घर में रोचक, रंगीन चित्रों वाली आकर्षक पुस्तकों को अपने बच्चे की 3 वर्ष की उम्र से आसान पहुंच में रखें। इन्हें आप अपने बेडरूम में बेड के पास कहीं भी, उसके खिलौने रखने की जगह पर भी रख सकती हैं, जिससे वह जब भी खिलौनों से खेले, उसकी नज़र उन पर पड़े, और वे उनके पन्ने पलटें और पढ़ने के लिए प्रोत्साहित महसूस करें। इन किताबों को आप अपनी कार, लिविंग रूम, बाथरूम यहां तक कि टीवी के पास भी रख सकती हैं, जहां से वह इन्हें आसानी से उठाकर पढ़ सके।

नियमित फैमिली रीडिंग टाइम निर्धारित करें

रोजाना कम से कम आधे घंटे का फैमिली रीडिंग टाइम निर्धारित करें, जब आप भी उसे उसके सामने कोई पुस्तक पढ़ती नजर आनी चाहिए। याद रखें, बच्चे अपने माता-पिता की हर बात का अनुकरण करते हैं। अतः आपको रोजाना पढ़ते देख उसे भी पुस्तकें पढ़ने की प्रेरणा मिलेगी।

विभिन्न प्रकार की लिखित सामग्री पढ़ने के लिए प्रेरित करें

जब आपका बच्चा पढ़ने लायक आयु का हो जाए, उसे विभिन्न प्रकार की लिखित सामग्री पढ़ने के लिए प्रेरित करें जैसे रेस्टौरेंट मेन्यू, रोड साइड साइंस, मौसम की भविष्यवाणी, रोड साइड पर लगे साइन बोर्ड, बैनर आदि।

बच्चों को अपने साथ लाइब्रेरी ले जाएँ

आप स्वयं किसी लाइब्रेरी के सदस्य बनें एवं अपने बच्चे को अपने साथ वहां नियमित रूप से ले जाएं एवं उसे वहां अपने मार्गदर्शन में अच्छा स्वस्थ साहित्य चुनने की स्वतंत्रता दें। साथ ही करीब आधा घंटा लाइब्रेरी के रीडिंग रूम में अवश्य बिताएं। रीडिंग रूम के शांत वातावरण में अनेक लोगों को पूरी एकाग्रचित्तता से किताबें पढ़ते देख उसे मौन रहकर किताबें पढ़ने की प्रेरणा मिलेगी।

बच्चों को विशिष्ट अवसरों पर पुस्तकें उपहार में दें

अपने बच्चे को अपने, उसके या उसके भाई बहन के जन्मदिन पर अथवा किसी विशेष अवसर पर अथवा उसके परीक्षा में अच्छी ग्रेड लाने पर अथवा उसके कोई प्रशंसनीय कार्य करने पर स्वस्थ साहित्यिक पुस्तकें खरीद कर उसे गिफ्ट करें।

उसके लिए अच्छी साहित्यिक पत्रिकाएं जैसे रीडर्स डाइजेस्ट, बालहंस, चंदामामा, चंपक, टिंकल जैसी पत्रिकाएं सब्सक्राइब करें।

आज कल के ऑनलाइन शॉपिंग के दौर में अमेजॉन पर बच्चों के लिए पुस्तकों का एक विशाल संग्रह उपलब्ध है। आप समय-समय पर उसके लिए उसकी मनचाही पुस्तकें वहां से आर्डर कर सकती हैं।

Renu Gupta

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