हर अभिभावक की यह दिली तमन्ना होती है कि उनके बच्चे की हाइट अच्छी हो । जर्नल प्लॉस जेनेटिक्स में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार अच्छी हाइट न केवल शारीरिक तौर पर लाभप्रद होती है, वरन इसका संबंध IQ के उच्च स्तर और जीवन के प्रति अधिक पॉजिटिव नज़रिए से भी होता है।
वैज्ञानिकों के अनुसार एक व्यक्ति के कद का लगभग 80 प्रतिशत माता-पिता से प्राप्त जींस पर निर्भर करता है। बाकी का 20% कुछ विशेष कारणों पर निर्भर करता है, जैसे बच्चे का पोषण, शारीरिक गतिविधि का स्तर आदि।
बच्चों की बांहों और पैरों की लंबी हड्डियों में ग्रोथ प्लेट्स होती है। ये ग्रोथ प्लेट्स जैसे-जैसे नई हड्डियां बनाती हैं, बांहों और पैरों की लंबी हड्डियों की लंबाई बढ़ती है, और परिणाम स्वरूप बच्चों का कद निरंतर बढ़ता रहता है। 1 वर्ष की उम्र एवं यौवन के आरंभ यानि प्युबर्टी तक कद में हर वर्ष लगभग 2 इंच बढ़ जाते हैं। किशोरावस्था में बच्चे प्रतिवर्ष 4 इंच तक बढ़ सकते हैं । यह एक तथ्य है कि बच्चे की हाइट किशोरावस्था में सबसे अधिक बढ़ती है।
लड़कियों की हाइट 14 या 15 वर्ष की आयु तक अपना वयस्क कद प्राप्त कर लेती है। लड़कों की हाइट उनकी किशोरावस्था के आखिरी दौर में अचानक बहुत तेजी से बढ़ती है।
18 वर्ष तक पहुंचते-पहुंचते बच्चे का कद बढ़ना बंद हो जाता है। वयस्क अवस्था में हाइट बिल्कुल नहीं बढ़ती।
बच्चों की हाइट कैसे बढ़ाएं, हमने इस विषय पर जयपुर की चाइल्ड स्पेशलिस्ट, डॉक्टर सुमन अंकित यादव, MBBS, MD (Pediatrics) से बातचीत की। उन्होंने हमें बताया कि माता-पिता बच्चों के बचपन और किशोरावस्था में कुछ बातों का ध्यान रखकर अपने बच्चे की अच्छी हाइट सुनिश्चित कर सकते हैं, जो कि निम्न हैं:
बच्चों की बढ़वार में भरपूर पोषक तत्वों से युक्त पोषण एक अहम भूमिका निभाता है। जो बच्चे पौष्टिक भोजन नहीं ले पाते, उनकी हाइट पौष्टिक भोजन लेने वाले बच्चों से कम बढ़ सकती है।
बचपन एवं किशोरावस्था की बढ़वार की उम्र में अभिभावकों को अपने बच्चे की डाइट में निम्न चीजों का समावेश करना चाहिए –
ये शरीर को बढ़वार के लिए आवश्यक विटामिन एवं खनिज पदार्थ प्रदान करते हैं।
प्रोटीन हड्डियों के स्वास्थ्य एवं बढ़वार के लिए महत्वपूर्ण होता है। इन खाद्य पदार्थों से शरीर को प्रोटीन की अच्छी मात्रा मिलती है, जैसे दूध, दही, पनीर, चीज़, दालें, सोयाबीन, मेवा, विभिन्न बीज
कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ जैसे दही, दूध, संतरे, सोयाबीन, चीज़।
भ्रूण की भरपूर बढ़वार एवं उसकी हड्डियों के समुचित विकास के लिए मां को अपनी गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक एवं संतुलित भोजन का सेवन करना चाहिए। WHO के अनुसार गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक भोजन के साथ-साथ अपनी डाइट में हरे और नारंगी रंग की सब्जियां, मीट, मछली, विभिन्न फलियां, मेवा, फल एवं पाश्चराइज्ड डेयरी उत्पादों का समावेश करना चाहिए।
भरपूर नींद बच्चों एवं किशोरों की बढ़वार एवं विकास को गति देती है। गहरी नींद के दौरान शरीर में बढ़वार के लिए आवश्यक हार्मोन का स्राव होता है। अतः छोटे बच्चों को 11 से 13 घंटे एवं स्कूल जाने वाले बच्चों को 10 से 11 घंटों की नींद अवश्य लेनी चाहिए।
बढ़वार की उम्र में बच्चों एवं किशोरों को नियमित व्यायाम करने के लिए प्रोत्साहित करें। नियमित शारीरिक गतिविधियां मांस पेशियां एवं हड्डियों को मजबूती प्रदान करती हैं और बच्चों एवं किशोरों की भरपूर बढ़वार के लिए आवश्यक हार्मोन के स्राव को गति देती है।
स्कूली बच्चों को दिन भर में कम से कम एक घंटा व्यायाम अवश्य करना चाहिए। निम्न व्यायाम उनके लिए फायदेमंद सिद्ध हो सकते हैं:
जॉगिंग से आपके बच्चे के पैर की हड्डियां मजबूत होंगी। यह गतिविधि शरीर में ग्रोथ हार्मोन का स्राव बढ़ाती है जो कि शरीर की किसी भी प्रकार की बढ़वार के लिए आवश्यक होता है। अतः अपने बच्चे को नियमित रूप से जॉगिंग करने के लिए प्रोत्साहित करें।
अपने बच्चे को नियमित रूप से धूप में बैठने या खेलने के लिए प्रोत्साहित करें, जिससे कि उसका शरीर विटामिन डी बना सके। विभिन्न खाद्य पदार्थों से कैल्शियम सोखने के लिए विटामिन डी अनिवार्य होता है। कैल्शियम हड्डियों के विकास एवं बढ़वार को गति देता है।
लंबा होने के लिए अच्छा पॉश्चर बेहद महत्वपूर्ण होता है। गलत मुद्रा में खड़े होने और बैठने से आपके बच्चे का कद वास्तविक हाइट से कम लग सकता है। समय के साथ कंधे झुकाते हुए और आगे झुकते हुए खड़े होना या बैठना आपके बच्चे की हाइट को प्रभावित कर सकता है।
अतः अपने बच्चे को हमेशा सीधे चलने और सीधे बैठने के लिए कहें। झुकते हुए चलना या बैठने से उसकी रीढ़ की हड्डी झुक सकती है, जो उसकी बढ़वार पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
पारिवारिक वातावरण आपके बच्चे की हाइट को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित नहीं करता, लेकिन घर का नेगेटिव वातावरण आपके बच्चे को तनावपूर्ण बना सकता है और उसकी बढ़वार पर नेगेटिव प्रभाव डाल सकता है।
अतः अपने बच्चे के सर्वांगीण विकास के लिए उसे एक खुशनुमा पारिवारिक वातावरण प्रदान करें।
मुंबई के डॉ. अमित मिश्रा, B.A.M.S., Ph.D.(Yoga) के अनुसार निम्न यौगिक आसन शरीर की मांसपेशियों को स्ट्रेच करते हैं, ग्रोथ हार्मोन को उत्तेजित करते हैं और इस प्रकार बच्चों के कद बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं ।
इस योगासन में सिर से एड़ी तक शरीर की सभी मांसपेशियां स्ट्रेच होती हैं । इससे शरीर में ग्रोथ हार्मोन के उत्पादन को गति मिलती है।
यह आसन बच्चों का कद बढ़ाने में अद्भुत परिणाम देता है। इससे शरीर की मांसपेशियों को ताकत मिलती है। योगासन के दौरान जब गर्दन को ऊपर ताना जाता है तो ग्रोथ हार्मोन का उत्पादन करने वाली पिट्यूटरी ग्लैंड सक्रिय हो जाती है, जो बच्चों के कद को बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो सकता है।
यह महत्वपूर्ण यौगिक आसन 12 आसनों को मिलाकर किया जाता है। इस आसन को नियमित रूप से करने से पूरा शरीर स्ट्रेच होता है जिससे पिट्यूटरी ग्लैंड सक्रिय होती है और इस प्रकार यह आसन बच्चों के कद को बढ़ाने में मददगार साबित हो सकता है। यदि यह आसन भोर की धूप में किया जाए तो इससे शरीर में विटामिन डी बनता है जो शरीर को कैल्शियम सोखने में मदद करता है और इस प्रकार यह आसन बच्चों की हाइट बढ़ाने में मदद करता है। बच्चे अपना कद बढ़ाने के उद्देश्य से इन आसनों के अलावा सर्वांगासन, हलासन, चक्रासन और पश्चिमोत्तानासन भी कर सकते हैं। हमारी सलाह है कि माता-पिता को अपने बच्चों को किसी कुशल प्रशिक्षित योग शिक्षक के निर्देशन में ही ये यौगिक आसन सिखाने चाहिए।
विज्ञापनों के वर्तमान दौर में बच्चों के अनेक मिल्क सप्लीमेंट के विज्ञापनों की टीवी और रेडियो पर धूम मची हुई है, जो बच्चों की हाइट बढ़ाने का दावा करते हैं । डॉक्टर सुमन अंकित यादव के अनुसार इनका कोई ठोस वैज्ञानिक आधार नहीं है कि उन्हें बच्चों के दूध में मिलाने से उन्हें संतुलित डाइट का फायदा मिलेगा। मात्र संतुलित एवं पौष्टिक भोजन एवं भरपूर शारीरिक गतिविधियां ही उनका कद बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो सकती हैं ।
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