एक स्वस्थ व्यक्ति की पहचान उसका चमकता और हँसता हुआ चेहरा और महकती साँसे होता है। लेकिन कई बार साँसों में से सुगंध के स्थान पर दुर्गंध आने की शिकायत होती है। मुंह से आने वाली दुर्गंध जहां एक ओर स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह होती है, वहीं दूसरी ओर व्यक्ति के आत्मविश्वास में भी कमी का कारण बन जाती है। लेकिन वास्तव में मुंह से दुर्गंध क्यूँ आती है, आइये इसके कारणों पर एक नज़र डालें:
साधारण रूप से हर व्यक्ति को सुबह सबसे पहले अपने मुंह से दुर्गंध आने का अहसास होता है। लेकिन यह कोई बीमारी की पहचान नहीं है। इसका कारण, रात को सोते समय हमारे मुंह में सलाइवा या लार का बनना कम हो जाता है और साथ ही जीभ तथा गालों की हरकत कम होती है। इस कारण पहले दिन के खाये हुए खाने के छोटे छोटे कण मुंह में चिपके रह जाते हैं। यही कण सुबह के समय दुर्गंध का कारण बनते हैं।
सुबह के समय अच्छी तरह से ब्रश करके मुंह साफ किया जा सकता है और साँस की बदबू से छुटकारा पाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त कभी-कभी नाक बंद होने से भी सुबह के समय मुंह से बदबू आती है। लेकिन इसके अतिरिक्त यदि किसी व्यक्ति के मुंह से लगातार और हर समय बदबू आती है तो इस बीमारी को हलिटोसिस कहा जाता है, जिसका इलाज किया जाना आवश्यक होता है। इस बीमारी का इलाज करने से पूर्व, इसके होने के कारणों का पता करना आवश्यक होता है, जो इस प्रकार हैं:
मुंह से आने वाली बदबू का सर्वप्रथम उपचार है, रोजाना मुंह की ब्रुश द्वारा तो समय अच्छी तरह से सफाई करना। इसके अतिरिक्त कुछ अन्य उपाय भी हैं जिनके करने से मुंह से आने वाली बदबू से पीछा छुटाया जा सकता है। ये उपाय इस प्रकार हैं:
पानी का उपयोग अधिक से अधिक करना चाहिए। खाना खाने के बाद अच्छी तरह से हल्के गुन गुने पानी से कुल्ला करें और अगर हो सके तो गरारा भी कर लें। इससे मुंह के अंदर की सफाई अच्छी तरह से हो जाएगी और किसी भी प्रकार के खाने के कण बचे या फंसे नहीं रह सकते। इसके साथ ही दिन भर अच्छी मात्रा में पानी पीना चाहिए। साधारण रूप में एक व्यक्ति को कम से कम 7 से 8 गिलास या लगभग एक लीटर पानी का सेवन करना चाहिए। इससे मुंह में पैदा होने वाले बैक्टीरिया मर जाते हैं और मुंह से बदबू नहीं आती है।
अपने भोजन में ऐसे फल व सब्जी अधिक से अधिक शामिल कर लें जिनमें विटामिन सी अधिक मात्रा में हो। जैसे संतरा और नींबू। संतरे में विटामिन सी की मात्रा काफी होती है और नींबू में पाये जाने वाले एन्टी औक्सीडेंट मुंह की दुर्गंध को दूर करने में सहायक होता है। इसके अतिरिक्त एक क्लीनसिंग एजेंट के रूप में भी नींबू मुंह के सारे बैक्टीरिया खत्म कर देता है।
सेब को काटकर खाने से मुंह में लार ज़्यादा बनती है और इससे मुंह में बनने वाले बैक्टीरिया मर जाते हैं। रोज खाया जाने वाला एक सेब मुंह की दुर्गंध को आसानी से दूर कर सकता है।
सेब के और भी ढेर सारे फाड़े होते हैं। जानिए।
ग्लिसरीन में थोड़ा सा नींबू के रस को मिलकर उसका माऊथवॉश की तरह इस्तेमाल करने से मुंह की दुर्गंध दूर हो जाती है।
पेपरमिंट को पीस कर उसमें ऐलोवीरा के रस को मिलाकर एक माऊथवॉश बनाया जा सकता है। इस माऊथवॉश को दिन में तीन चार बार इस्तेमाल करने से मुंह की दुर्गंध और दांतों का पीलापन और बदबू दूर हो जाते है।
नीम के पत्तों को पीसकर उसमें थोड़ा सा पानी मिलकर उसे छान लें। नीम के कड़वेपन को कम करने के लिए एक चम्मच शहद मिलाया जा सकता है। इस माऊथवॉश का इस्तेमाल करने से मुंह के बैक्टीरिया को भी खत्म किया जा सकता है। साथ ही नीम शरीर में मौजूद किसी भी अन्य बैक्टीरिया को भी खत्म करने में सहायक होता है।
इसके अतिरिक्त हर दूसरे महीने में अपना दांतों का ब्रश भी बदल लेना चाहिए। मुंह की सफाई करते समय फ्लॉस के द्वारा जीभ की भी सफाई करनी चाहिए। अगर डेंचर का इस्तेमाल करते हैं तो उसकी देखभाल भी सामान्य दाँतो की तरह ही करनी चाहिए। नीम की ही भांति, मेथी, तुलसी, लौंग और दालचीनी भी मुंह की बदबू को दूर करने में सहायक सिद्ध होती हैं। कभी कभी लीवर की खराबी से भी मुंह से बदबू आती है, इसलिए समय रहते डॉक्टर को दिखा कर जांच करवा लेनी चाहिए।
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