जैसा कि आपने देखा या सुना होगा कि हिन्दू धर्म में अधिकतर महिलाएँ और लड़कियाँ किसी भी तीज-त्यौहार या अन्य शुभ अवसर पर अपने हाथों में मेहंदी लगाती है. मेहंदी, उनके हाथों को सुंदर रंग में रंगती तो है ही, परन्तु इसके अलावा भी इसका अपना अलग महत्व है| प्राचीन समय में मेहंदी मुगलों के सजावट की सामग्री थी. इसके अलावा सुंदरता के प्रतीक के रूप में देवी-देवता भी इसका उपयोग करते थे. किसी भी शुभ अवसर पर मेहंदी शांति और खुशहाली का प्रतिक मानी गई है. आइए जानते है ,कि आखिर हिन्दू धर्म में मेहंदी लगाने का क्यों विशेष महत्व है?
हिन्दू धर्म में मेहंदी लगाने का महत्व
हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार प्रत्येक सुहागन महिला या कुवाँरी लड़की शादी, त्यौहार या किसी भी अन्य शुभ अवसर पर अपने हाथों में मेहंदी लगाती है. भारतीय परम्परा और संस्कृति के अनुसार मेहंदी को सुहागन महिलाओं के 16 श्रृंगारों में गिना जाता है. इतना ही नहीं हिन्दू धर्म में अलग-अलग अवसरों पर मेहंदी लगाने के अलग-अलग महत्व वर्णित है.
1. विवाह के अवसर पर
हिन्दू संस्कृति में विवाह के अवसर पर दुल्हा और दुल्हन दोनों के हाथों में मेहंदी लगाई जाती है. मेहंदी के अधिक रचने को खुशहाली और प्यार का संदेश माना जाता है. विवाह के समय वर-वधु दोनों के हाथों में मेहंदी से एक-दूसरे का नाम लिखना भी भारतीय संस्कृति की परम्परा मानी गई है. ऐसा कहा जाता है कि मेहंदी जितना गहरा रंग देती है, वह पति-पत्नी के उतने ही मज़बूत रिश्ते की तरफ इशारा करती है. मेहंदी नवविवाहित पति-पत्नी और उनके परिवारों को उम्र भर एक साथ जोड़े रखने का प्रतीक है.
2. अन्य अवसरों पर
इसके अतिरिक्त त्यौहार या अन्य किसी शुभ अवसर पर मेहंदी लगाना सुखी खुशहाली और समृद्ध जीवन की निशानी होती है. जिस परिवार की महिलाएँ और लड़कियाँ अपने हाथों पर मेहंदी लगती है, वहाँ देवी-देवता निवास करते हैं. इसके अलावा उन पर देवी की असीम कृपा भी बनी रहती है. कहा जाता है कि एक बार माँ दुर्गा के क्रोध को शांत करने के लिए ,देवी-देवताओं ने माता को मेहँदी से सजाया था. तब से किसी भी विशेष अवसर पर मेहंदी लगाने को शुभ माना जाता है.
3. औषधीय गुण
हिन्दू धर्म में प्राचीनकाल से ही मेहंदी को कई औषधीय उपयोगों में भी लाया जाता है. मेहंदी शीतलता का प्रतीक होती है| इसी कारण से मानसिक तनाव, बुखार या सर दर्द के समय मेहंदी लगाना अच्छा होता है. मेहंदी से शरीर की जलन या गर्मी में भी राहत मिलती है.
अतः इसे एक गुणकारी औषधि की भाँति माना गया है|हिन्दू धर्म में मेहंदी का विशेष महत्व है. किसी भी शुभ और मांगलिक अवसर पर इसे लगाना अच्छे कार्य का प्रतीक माना गया है. मेहंदी को साज-श्रृंगार के अतिरिक्त शुभता का प्रतीक माना गया है.
मेहंदी का तेल क्या होता है? इस तेल के क्या फायदे हैं और कैसे प्रयोग किया जाता है?
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