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हिंदी फिल्मों के दस यादगार संवाद (डायलॉग)

भारतीय सिनेमा ने हमें कई यादगार फिल्‍में व गाने दिये हैं। लेकिन इनके साथ-साथ कुछ ऐसे शानदार व सदाबहार संवाद भी दिये है, जिनका जिक्र जब कभी हो ही जाता है। इनमें से कई डायलॉग तो हमारी रोजमर्रा के जीवन का हिस्‍सा भी बन गए है। इसी को ध्‍यान में रखते हुए हम आपके लिए लाएं हैं, ऐसे ही कुछ दिल को छुने वाले हिंदी संवाद।

1. ‘जिनके घर शीशे के होते है, वो दूसरों के घर पर पत्‍थर नहीं फेंका करते’ – 1965 में आई फिल्‍म ‘वक्‍त’ का यह डायलॉग अभिनेता राजकुमार ने अपने विशेष अंदाज व दमदार आवाज़ में बोला था। यह संवाद आज भी दर्शकों के बीच जीवंत बना हुआ है।


2. ‘आज मेरे पास गाड़ी है, बंगला है, पैसा है….तुम्‍हारे पास क्‍या हैॽ….. मेरे पास माँ है।’ – यह संवाद महानायक अमिताभ बच्चन और शशि कपूर के बीच फिल्‍म ‘दीवार’ का है, यह डायलॉग इस बेहतरीन फिल्‍म का मुख्य आर्कषण साबित हुआ।


3. ‘जली को आग कहते है, बुझी को राख कहते हैं, जिस राख से बारूद बने उसे विश्‍वानाथ कहते हैं।‘- सन् 1978 में आई फिल्म ‘विश्‍वानाथ’ का यह संवाद अभिनेता शत्रुघ्‍न सिंहा का ट्रेडमार्क डायलॉग बन गया।


4. ‘पुष्‍पा आई हेट टियर्स… इन्‍हें पोंछ डालो’ – यह डायलॉग फिल्‍म ‘अमर प्रेम’ का है, जो फिल्‍म जगत के पहले सुपरस्‍टार राजेश खन्‍ना द्वारा अपने अनोखे अंदाज में कहा गया था।


5. ‘रिश्‍ते में तो हम तुम्‍हारे बाप लगते हैं, नाम है शहंशाह’- ‘शहंशाह’ फिल्‍म का यह संवाद अमिताभ बच्‍चन की जादुई आवाज में काफी ज्‍यादा लोकप्रिय हुआ।


6. ‘कुत्‍ते कमीने, तू मुझसे बचकर नहीं जा सकता, मैं तेरा खून पी जाऊँगा’- ‘यादों की बारात’ फिल्‍म में धरम पाजी द्वारा बोला गया यह डायलॉग उनकी पहचान बन गया, जो आगे चलकर कई और फिल्‍मों में बोला गया।

7. ‘बड़े-बड़े देशों में ऐसी छोटी-छोटी बातें… होती रहती है’- ‘दिलवाले दुल्‍हनिया ले जायेंगे’ फिल्म का यह डायलॉग शाहरूख खान द्वारा बोला गया था, जो नौजवानों के दिलों पर आज भी राज करता है।

8. ‘तारीख पे तारीख, तारीख पे तारीख, तारीख पे तारीख मिलती है… लेकिन इंसाफ नहीं मिलता मॉय लॉड… मिली है तो सिर्फ यह तारीख’- ‘दामिनी’ फिल्‍म का यह डायलॉग सनी देयोल की दमदार व भारी-भरकम आवाज़ में काफी सराहा गया था।

9. ‘हम अंग्रेजों के जमाने के जेलर है’- वैसे तो फिल्‍म ‘शोले’ का हर किरदार व संवाद काफी लोकप्रिय हुआ, लेकिन असरानी द्वारा चुलबुले अंदाज में बोला गया यह डायलॉग दर्शकों के दिलों पर अपनी अलग व ख़ास छाप छोड़ गया।


10. ‘एक बार जो मैंने कमिटमेंट कर दी… उसके बाद तो मैं खुद की भी नहीं सुनता’- सलमान ख़ान की आवाज़ में फिल्‍म ‘वांटेड’ का यह डायलॉग बहुत ही पसंद किया गया है और इस शानदार फिल्‍म की सफलता का एक अहम हिस्‍सा बना।

शिखा जैन

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