“समझने की कोशिश करो, मितुल, मैं अब अपना झुलसा हुआ दागी चेहरा लेकर तुम से शादी नहीं कर सकता,” इंडियन एयर फोर्स में पायलट फ्लाइट लेफ्टिनेंट चहक ने अपनी मंगेतर डाक्टर मितुल से कहा। अभी कुछ माह पहले चहक का एयर क्राफ्ट एयर फोर्स की ड्रिल के दौरान दुर्घटना ग्रस्त हो गया था जिसमें उसका चेहरा और दोनों हाथ बुरी तरह से जल गए थे।
“क्यूँ, चेहरा ही तो जला है, मैं वही हूँ, तुम वही हो, तुम्हारे लिए मेरे एहसास वही हैं। आज भी तुम्हारी नज़दीकियाँ मेरी धड़कनें बढ़ा देती हैं। फिर बताओ क्या बदला?”
“नहीं,नहीं हमें अपना यह रिश्ता यहीं खत्म कर देना चाहिए। क्या तुम मेरे इस कुरूप चेहरे को ताजिंदगी झेल पाओगी?”
“फ्लाइट लेफ्टिनेंट चहक, यह कह कर तुम मेरे प्यार की तौहीन कर रहे हो। मैंने तुम्हारी सूरत से नहीं, सीरत से प्यार किया है चहक।”

“अभी कोरी भावुकता में तुम यह सब कुछ कह रही हो, लेकिन बाद में पछताओगी। मेरा यह जला हुआ,वीभत्स चेहरा हर लम्हा, अपने इर्द गिर्द देख कर दिन भर में सौ सौ मौतें मरोगी।”
“नहीं, नहीं, तुम मेरे पास होते हो तो मुझे लगता है मैं जी रही हूँ। लेकिन तुमसे दूर जाते ही मेरे पांवों तले से जमीन खिसक जाती है, बेमानी हो जाती है मेरी हर सांस। मैं विवाह करूंगी तो तुमसे, नहीं तो कुंवारी रहूँगी। चलो ये बातें छोड़ो, कल वैलेंटाइन डे है, क्या तोहफा सोचा है मेरे लिए?”
“अरे अब यह सब अच्छा नहीं लगता। कल हम नहीं मिलें तो ही अच्छा होगा।”
“चलो, कल मैं तुम्हें एक सरप्राइज़ देने वाली हूँ, कल दस बजे तैयार रहना,” कह कर मितुल उठ गई।
अगले दिन वैलेंटाइन डे पर मितुल ने चहक को लिया और दोनों कोर्ट पहुँच गए। कोर्ट में दोनों के विवाह की पूरी तैयारी थी। चहक ने कांपते हाथों से विवाह के पेपर्स पर साइन किए। वरमालाएँ बदली गई।
लौटते वक्त फ्लाइट लेफ्टिनेंट चहक और मीतुल दोनों निःशब्द थे। सुनाई दे रही थी तो सिर्फ प्यार में मदहोश दो दिलों की धड़कनें ।
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So short story kuch majaa nahi aaya kahani me.