भारत में तो प्राचीन काल से ही दोस्ती की कई मिसालें दी गयी हैं- फिर चाहे वह कृष्णा और सुदामा की दोस्ती हो या राम और सुग्रीव की मित्रता.
दोस्ती का रिश्ता हम सभी के जीवन में बहुत महत्त्वपूर्ण होता है. दोस्तों से हम अपने दिल की सारी बातें कर सकते हैं.सुख व दुःख की घड़ी में एक सच्चा मित्र ही हमारा सहारा बनता है.प्रेम, विश्वास व आपसी समझ इस पवित्र रिश्ते को बनाये रखती है.
इन्हीं सब बातों को ध्यान रखते हुए तथा दोस्ती के इस ख़ूबसूरत रिश्ते को अहमीयत देने के लिए, विश्वभर में “फ्रेंडशिप डे” मनाया जाता है. रोचक बात यह है, कि अलग-अलग देशों में इसे अलग-अलग दिन मनाया जाता है. भारत में अगस्त के महीने के पहले रविवार को “फ्रेंडशिप डे” मनाया जाता है. लोग एक-दूसरे के गले लगकर, ख़ुशी से फ्रेंडशिप बैंड्स पहनाते हैं और एक-दूसरे को ग्रीटिंग कार्ड्स देते हैं.
फ्रेंडशिप डे की शुरुआत १९१९ में अमरीका में हुई थी.१९५८ में औपचारिक रूप से अंतर-राष्ट्रीय मित्रता दिवस की घोषणा कर दी गयी थी . ग्रीटिंग-कार्ड्स इंडस्ट्री द्वारा शुरू किया हुआ यह त्योहार, हर्ष-उल्लास व प्रेम से हर साल मनाया जाने लगा.
पर आजकल इस भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी में, हम इस अनमोल रिश्ते को ज़्यादा अहमियत नहीं दे पाते . पैसा कमाने की इस रेस में सब इतनी तेज़ी से दौड़ रहे हैं, कि सुख-दुःख के समय में साथ देना तो दूर, एक दूसरे का हाल-चाल पूछने का भी वक्त नहीं है. सोशल मीडिया के इस बोल बाले में स्वार्थ और दिखावा ज़्यादा प्रचलित हो गया है.हम केवल अपने काम के लिए दोस्तों को याद करते हैं.यदि फेसबुक और व्हाट्सप्प से बाहर निकल कर देखें, तो हम रिश्तों की अहमियत खोते जा रहे हैं.
तो आइये, इस फ्रिएंड्शीप डे कुछ नया करें.मैसेज भेजने के अतिरिक्त, उन सभी दोस्तों को फ़ोन करें जो हमारी ज़िन्दगी में किसी भी समय पर अहमियत रखते थे, फिर चाहे आप उनसे अब बात न भी करते हों. हो सके तो अपने पुराने दोस्तों से मिलिए और उन बीती हुई यादों को ताज़ा करें.फ्रेंडशिप बैंड्स की जगह “वक्त” दीजिये . एक-दूसरे को यह अहसास दिलाइये, कि अभी भी दोस्ती का रिश्ता उतना ही अनमोल है, जैसे बचपन में होता था,सुकून मिलेगा.
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