साड़ी भारतीय महिलाओं का सबसे प्राचीन परिधान है जो भारत के हर प्रांत में पहनी जाती है। ये ऐसा पहनावा है जिसमें शरीर सौष्ठव का मर्यादा में रहकर प्रदर्शन भी हो जाता है। यानी साड़ी से ज्यादा ग्लैमराइज्ड दूसरा कोई परिधान है ही नहीं। आज साड़ी की कई वैरायटी चलन में है जो ज्यादातर महिलाओं के पास होती ही हैं। लिहाजा इनके रख-रखाव पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। अलग-अलग फैब्रिक की साड़ियों को धोने के तरीके भी अलग-अलग होते हैं। आज हम आपको अलग-अलग फैब्रिक की साड़ियों को घर पर ही धोने के कुछ आसान तरीकों के बारे में बताएंगे। इन आसान तरीकों से आप ड्राई क्लीनिंग के मंहगे खर्चों से तो बचेंगी ही, आपकी कीमती साड़ियां भी लंबे वक्त तक नई जैसी बनी रहेंगी।
अक्सर हम सिल्क की साड़ियों को घर पर धोने से बचते है क्योंकि हमें डर रहता है कि साड़ी खराब ना हो जाए। लेकिन आप हमारे बताएं तरीकों से सिल्क साड़ी को घर पर ही धोएंगी तो साड़ी की चमक और कलर सालों साल तक बनी रहेगी।
सबसे पहले सिल्क की साड़ी को एक घंटे के लिए ठंडे पानी में भिगो कर रख दें।जब साड़ी पानी को अच्छे से सोखलें तो फिर दूसरे बर्तन में थोड़ा सिरका डालें और पानी में अच्छे से मिक्स कर लें। इसके बाद साड़ी को इस मिश्रण में 15 मिनट के लिएछोड़ दें। इसके बाद साड़ी को निकालें और फिर माइल्ड डिटर्जेंट के साथ हल्के हाथों से धोएं। सिल्क साड़ी को कभी भी धूप में ना सुखाएं क्योंकि उससे रंग फीका पड़ सकता है।अगर आप साड़ी को प्रेस करना चाहती हैं तो साड़ी पर अखबार या कॉटन कपड़े को बिछा कर प्रेस कर सकती हैं।
कॉटन यानी सूती साड़ी को कैरी करना सबसे आसान होता है। इसलिए कामकाजी महिलाओं की पहली पसंद कॉटन साड़ी ही होती है। यह जितनी आरामदायक होती है, उतना ही मुश्किल इसकी देखभाल करना होता है।
कॉटन साड़ी को हमेशा ही दूसरे कपड़ों से अलग धोना चाहिए वरना साड़ी के खराब होने की आशंका बनी रहती है। कॉटन की साड़ी को धोने से पहले कुछ देर के लिए गुनगुने पानी में थोड़ा सा नमक मिलाकर भिगोकर रख दें। इससे साड़ी का कलर जस का तस बना रहेगा। गुनगुने पानी से निकालने के बाद साड़ी को माइल्ड डिटर्जेंट से हल्केहाथों से साफ कर लें। कॉटन की साडियों को लंबे समय तक नए जैसा रखने के लिए बीच-बीच में स्टार्च भी करते रहें। इससे साड़ी का कड़कपन बना रहता है। कॉटन साड़ी को कभी भी निचोड़ना नहीं चाहिए, निचोड़ने से साड़ी की कढ़ाई खराब होने का डर रहता है।
शिफान और जॉर्जेट की साड़ी को धोने के लिए सबसे पहले इसे 15 मिनट डिटर्जेंट वाले पानी में भीगो के छोड़ दें। फिर साड़ी को 2 से 3 बार साफ पानी से धो लें। इन दोनों साड़ियों को भी अलग से ही धोना चाहिए, दूसरे कपड़ों के साथ मिक्स नहीं करना चाहिए। शिफान और जॉर्जेट की साड़ियों को हमेशा छांव में ही सुखाएं। शिफान और जॉर्जेट की साड़ी के उपर सूती कपड़े को बिछा कर ही प्रेस करें। इन साड़ियों को अखबार में रैप करके ही वार्डरोब में रखें क्योंकि यह बहुत जल्दी खराब होते हैं। बीच-बीच में इन साड़ियों को वार्डरोब से निकाल कर देखते भी रहना चाहिए ताकि इनमें से किसी प्रकार की गंध ना आए।
सबसे पहले आधी बाल्टी पानी में शैम्पू को घोलें, फिर 2 चम्मच डिटर्जेंट डालें, साथ ही 1 छोटा चम्मच हाइड्रोक्लोराइड एसिड डालें। जरी की साड़ी को एक मिनट के लिए इस मिश्रण में भिगो कर रख दें। फिर साड़ी को हल्के हाथों से धोएं। इसके बाद साड़ी को साफ पानी से धो लें। जरी साड़ी को धूप में उल्टा करके ही सुखाएं। जरी की साड़ी को बहुत ही कम टेम्पेचर पर आयरन से प्रेस करना चाहिए ताकि इसे कोई नुकसान ना पहुंचे। अगर जरी की साड़ी के हर एक फोल्ड के बाद अखबार का एक पेज रख दिया जाए, तो साड़ी का कड़कपन बना रहता है।
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