आग की एक छोटी सी लपट भी हमारे शरीर को छू जाये, तो हम कैसे सहम जाते हैं! इसलिए कोई आश्चर्य की बात नहीं कि जब कोई इंसान आग में फंस जाता है, तो वो घबरा उठता है। हक्का-बक्का हो जाता है। आग की समस्या तो पहले से थी ही। यह घबराहट और एक समस्या बन जाती है।
यह जानकारी आग की स्थिति में केवल आपके जान की ही रक्षा नहीं करेगी। बल्कि आप अन्य जन जो आग में फंसे हुए हैं, उन्हें भी संभाल पाएंगे और सुरक्षित कर पाएंगे। कृपया धीरे-धीरे पढ़ें और किसी पॉइंट को स्किप न करें।
भारत में फायर ब्रिगेड का नंबर है 101 । आप जिस भी शहर या गाँव में रहते हैं, यह पता रखिए कि अग्निशामन विभाग का नंबर क्या है। सबसे पहले उन्हें इतलाह करिए।
हम मानते हैं कि हमारे देश का अग्निशमन विभाग उतना चुस्त-दुरस्त नहीं है, जितना होना चाहिए। पर थोड़ी देर में ही सही, वो आपकी मदद के लिए आएंगे जरूर। बस आपको तब तक के लिए स्थिति को संभालना है। और सबसे महत्वपूर्ण बात: तब तक के लिए खुद को जीवित रखना है। तब तक आपको क्या करना चाहिए, यह हम आपको विस्तार से अब बताएँगे।
सुनने में यह बात बचकानी लगे। पर सच्चाई यह है कि लोग घबरा कर तरह-तरह के गलत हल निकालते हैं। (जैसे कि ऊंची इमारत से कूद कर खुद को आग से बचाने की कोशिश करना)। स्वयं को शांत करें। पहले-पहल, बगैर हड़बड़ाये, यह पता लगाईए या अनुमान लगाईए कि आग किस दिशा में लगी है।
अगर आप किसी शॉपिंग मॉल, सिनेमा घर या ऑफिस वाली बिल्डिंग में हैं, तो वहाँ अवश्य आम दरवाजों के अलावा एक या अधिक आपातकालीन द्वार भी होंगे। जो द्वार आग की दिशा से सबसे दूर है, उस द्वार से निकास करने की आपकी सबसे पहली कोशिश होनी चाहिए।
आग घर पर लगी है, तो देखिये कि आग से दूरी बनाते हुए आप कैसे घर से बाहर निकल सकते हैं। उस रास्ते से स्वयं को और अपने परिवार के अन्य जनों को शांति से बाहर निकालें।
आप किसी बहुमंज़िली इमारत में है, तो लिफ्ट का प्रयोग बिलकुल न करें। केवल सीढ़ियों का ही प्रयोग करें। शॉपिंग मॉल या सिनेमा घरों में जरूर आपातकालीन सीढ़ियाँ भी होती हैं। आग की दिशा से दूर जो सीढ़ियाँ हैं, उनका प्रयोग करें।
आग लगने की सूरत में आपकी कोशिश होनी चाहिए – नीचे जाने की, यानि कि जमीन की तरफ। कभी भी छत की और मत बढ़िए। आप इमारत में जितना नीचे वाले तल्ले पर रहेंगे, आपको बचाने की संभावना उतनी ही बढ़ जाएगी।
आग में फँसते ही घबराहट होना स्वभाविक है। आप यह जान शायद हैरान हो जाएँगे कि आग की स्थिति में लोग आग से कम, हड़बड़ाहट की वजह से ज्यादा मरते हैं।
ज़्यादातर लोग आग की चपेट में नहीं आते। लेकिन धुआँ उनके मौत का कारण बन जाता है। धुएँ से जितनी दूरी बना सकें, बनाइये। अगर आप किसी कमरे में, जैसे कि किसी होटल के कमरे में, फंसे हुए हैं तो कमरे में धुएँ को प्रवेश करने से हर तरह से रोकें।
ऐसी स्थिति में तुरंत फर्श पर लेट जाइए। अब खुद को फर्श पर तब तक घूम-घूम कर रोल करिए जब तक कि कपड़ों पर लगी आग बुझ न जाये। ऐसा करने से आग जल्दी ही बुझ जाएगी।
हाँ, रोल करने से पहले अपने हाथों से अपने मुंह को ढ़क लीजिये ताकि आपका मुंह आग की लपटों से सुरक्षित रहे।
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