“किसी शिद्दत की उमस भरे गर्म दिन अथवा कड़ी शारीरिक गतिविधि के बाद पसीना आना नितांत स्वाभाविक है। यह शरीर के ठंडा होने का अपना तरीका है, परंतु यदि सामान्य तापमान में आप कोई श्रमसाध्य गतिविधि नहीं कर रहीं, ना ही आप तनाव में हैं, लेकिन फिर भी आपकी कांखों में अत्यधिक पसीना आता है, तो इसका अर्थ है, कि यह एक समस्या है,” यह कहना है जयपुर के आरी स्किन एंड कॉस्मेटिक क्लीनिक की कंसलटेंट डर्मेटोलॉजिस्ट डॉक्टर अनिता विजय, MBBS, MD का।
डॉक्टर अनीता विजय के अनुसार शरीर में पसीने के उत्पादन का आप द्वारा ली जाने वाली डाइट से सीधा सीधा संबंध है। जहां कुछ खाद्य पदार्थ शरीर में इसके उत्पादन में वृद्धि करते हैं, वहीं कुछ फ़ूड आइटम्स शरीर में पसीने के उत्पादन में कमी लाते हैं।
इन्हें कम से कम खाएं।
इन का भरपूर सेवन करें।
डॉक्टर अनीता के अनुसार अधिक मात्रा में पानी एवं जल युक्त भोजन का सेवन आपकी कांख में पसीने के उत्पादन की रोकथाम करता है। अतः दिन भर में 8 से 10 ग्लास पानी पियें। जल से भरपूर सब्जियों और फलों जैसे बैंगन, खीरा, शिमला मिर्च, गोभी, पालक, ब्रोकोली, तरबूज, अंगूर आदि का सेवन प्रचुर मात्रा में करें।
डॉक्टर अनीता विजय ने हमें बताया कि यदि आप कांखों के अत्यधिक गीले होने की समस्या से परेशान हैं, और अपने पसीने की गंध को छिपाने के लिए डिओडरेंट का इस्तेमाल करती आई हैं, तो उसे बंद कर अपने लिए किसी अच्छे ब्रैंड का एंटीपर्सिप्रेन्ट खरीदें। डिओडरेंट मात्र आपको बगल के पसीने की बदबू से निजात दिलाते हैं, लेकिन पसीने को पूरी तरह से नहीं रोकते। जबकि एंटीपर्सिप्रेन्ट पसीने का उत्पादन करने वाली स्वेद ग्रंथियों को ब्लॉक कर देते हैं।
डॉक्टर अनीता कहती हैं कि यदि सामान्य एंटीपर्सिप्रेन्ट के उपयोग से आप को इस समस्या से राहत नहीं मिल रही, तो ऐसा एंटीपर्सिप्रेन्ट खरीदें जिसमें कम से कम 1 3% एल्युमीनियम क्लोराइड हो।
एंटीपर्सिपरेंट मात्र स्वच्छ और पूरी तरह से सूखी अंडर आर्म पर लगाएं। पसीने से लथपथ अथवा नहाने के बाद नम कांखों में कभी न लगाएं।
एंटीपर्सिप्रेन्ट को रात को नहाने के बाद लगाएं, जिससे यह पूरी तरह से प्रभावी हो सके।
याद रखें एंटीपर्सिप्रेन्ट रोएं मुक्त कांखों पर अधिक प्रभावी होते हैं। अतः अपनी अंडर आर्म्स को हमेशा रोंया मुक्त रखें।
डॉक्टर अनीता कहती हैं कि एंटीपर्सिप्रेन्ट का उपयोग चार-पांच दिनों के बाद अपना प्रभाव दिखाता है।
डॉक्टर अनीता कहती हैं कि कांखों पर टाइट कपड़े पहनने से उनमें पसीने का उत्पादन अधिक होगा। अतः हमेशा ढीले ढाले कपड़े पहनें, जिससे आपकी अंडरआर्म्स ठंडी रहें, और वे गीली ना हों।
हमेशा सूती या लिनिन फैब्रिक से बनी हुई पोशाकें पहने। सिंथेटिक, पॉलिस्टर अथवा रेयन से बने परिधान अवॉइड करें।
डॉक्टर अनीता के अनुसार कांखों को रोया मुक्त रखने से उनमें अत्यधिक पसीना आने की शिकायत तो दूर होगी ही, साथ ही उन से आने वाली गंध में भी कमी आएगी।
व्यायाम करें एवं तनाव मुक्त रहने का प्रयत्न करें:
डॉक्टर अनीता के अनुसार नियमित व्यायाम से भी आपको अपनी इस समस्या से बहुत हद तक राहत मिलेगी।
वह कहती हैं कि सदैव तनाव मुक्त रहने का प्रयास करें। तनाव मुक्त स्थिति में शरीर की स्वेद ग्रंथियां पसीने का कम मात्रा में उत्पादन करती हैं।
डॉक्टर अनीता द्वारा बताए गए इन उपायों के साथ अब हम आपको इस समस्या से निजात पाने के कुछ प्रभावी घरेलू और प्राकृतिक तरीकों के विषय में बताने जा रहे हैं, जिन्हें अपना कर आपको निश्चित ही कुछ हद तक इस परेशानी में राहत का अनुभव होगा।
यदि आप अंडर आर्म्स के अत्यधिक गीला होने की दिक्कत से परेशान हैं, तो रोज़ाना एक ग्लास ताज़े टमाटरों का रस पियें। यह आपके शरीर का आंतरिक तापमान घटाएगा, जिससे आपको पसीना कम आयेगा।
आप रोजाना नहाने से पहले अपनी बगलों में टमाटर का रस लगा कर 10 मिनट बाद नहा सकती हैं।
एलोवेरा जेल त्वचा को ठंडा करता है, जिससे शरीर का तापमान कम होता है।
अतः अपनी अंडर आर्म्स को गीला होने से रोकने के लिए रात को सोने से पहले उनमें एलोवेरा जेल लगायें । यह उनमें पसीने के उत्पादन में कमी लाएगा।
आधे कप नारियल के तेल में एक कपूर की छोटी टिकिया घोलकर एक मिश्रण बना लें। रात को सोने से पहले इस मिश्रण को अपनी बगलो में चुपड़ना आपकी समस्या के समाधान में अवश्य सहायता करेगा।
नींबू का रस एक बेहतरीन प्राकृतिक डिओडरेंट होता है, जो पसीने के उत्पादन में कमी लाता है। रात को अपनी बगलों में नींबू का थोड़ा सा रस लगा लें, और सुबह नहा लें।
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