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बच्चों का कॉन्सन्ट्रेशन पॉवर बढ़ाने के प्रभावी टिप्स

“मैम, मेरा बेटा ऑनलाइन क्लास के दौरान पढ़ाई में कॉन्सन्ट्रेट नहीं कर पाता। क्लास के दौरान पूरे वक्त उसके पास ही बैठी रहती हूं, लेकिन फिर भी उसका ध्यान भटकता ही रहता है। आप ही बताइए, मैं क्या करूं?”
“मैम, मेरी भी यही प्रॉब्लम है। मेरी बेटी भी ऑनलाइन क्लासेज के दौरान एक जगह टिक कर नहीं बैठती, और हरदम कोई न कोई हरकत करती रहती है, जबकि मैं पूरे वक्त उसे क्लास में कॉन्सन्ट्रेट करने के लिए टोकती रहती हूं,” एक अन्य बच्चे की मां ने ऑनलाइन पेरेंट टीचर मीट के दौरान मुझसे कहा। तभी मैंने देखा, कुछ और बच्चों की मां भी शायद इस मुद्दे पर मुझसे बात करने के लिए उत्सुक थीं।
उस दिन घर लौटने के बाद भी मेरे जेहन में बच्चों में कॉन्सन्ट्रेशन पॉवर की कमी का मुद्दा चलता रहा, और मैंने सोचा कि क्यों न मैं बच्चों की इस आम समस्या के समाधान के लिए जयपुर की नामचीन लाइसेंस्ड रिहैबिलिटेशन साइकोलॉजिस्ट एवं साइकोथैरपिस्ट एवं डि-ऐडिक्शन स्पेशलिस्ट (NIMHANS) डॉ रुपाली भारद्वाज से इस मुद्दे पर बात करूं।
तो आइए, सबसे पहले हम जानते हैं डॉ रुपाली से बच्चों में कॉन्सन्ट्रेशन पॉवर की कमी के सिम्टम्स जो कि निम्न हैं।

  • अपनी चीजों को सही और व्यवस्थित ढंग से रख पाने में अक्षमता
  • दिये गए निर्देशों का पालन करने में दिक्कत
  • पढ़ाई में इंट्रेस्ट में कमी
  • पढ़ाई करते वक्त ध्यान का भटकना
  • दिवा स्वप्नों या ख्यालों में डूब जाना
  • एक जगह पर शांत और टिक कर बैठने में असमर्थता

डॉक्टर रूपाली ने हमें बच्चों के कॉन्सन्ट्रेशन पॉवर और फोकस में सुधार और वृद्धि हेतु निम्न उपयोगी टेक्नीक बताईं:

बच्चों के कॉन्सन्ट्रेशन पॉवर में वृद्धि हेतु उनके साथ निम्न कॉन्सन्ट्रेशन गेम्स नियमित रूप से खेले जाने चाहिए

  • क्रॉसवर्ड पज़ल
  • ज़िगसॉ पजल
  • कार्ड गेम जैसे मेमोरी एवं ऊनो
  • पिक्चर पज़ल: यह ऐसी पज़ल होती है जिनमें गलत चीजों या मुश्किल से ढूंढी जाने वाली चीजों की तलाश करनी होती है।
  • सीक्वेंसिंग
  • किसी रेसिपी में दिए गए निर्देशों के अनुसार कुछ पकाना, डाइनिंग टेबल सजाना और चीजों को अल्फ़ाबेटिकल ऑर्डर में सजाना जैसी गतिविधियां कॉन्सन्ट्रेशन पॉवर को बढ़ाती हैं।
  • बच्चे को चुपचाप स्थिर बैठने की चुनौती
  • अपने बच्चे को एक कुर्सी में बिना हिले या हलचल करे अधिक से अधिक समय तक बैठने की चुनौती दें ।
  • स्टेच्यू बनने का गेम – बच्चे को नियमित रूप से यह गेम खेलने के लिए प्रोत्साहित करें
  • बच्चे से दो चित्रों में अंतर पहचानने की एक्टिविटी निमित तौर पर करवाएं ।
  • टंग ट्विस्टर
  • किसी श्रंखला में मिसिंग कड़ी ढूंढना । यह श्रृंखला नंबर, अल्फाबेट या शब्दों की हो सकती है।
  • बैक काउंटिंग करना
  • मेमोरी गेम

डॉक्टर रूपाली के अनुसार उपरोक्त गेम्स को नियमित खेलने से आपके बच्चे की फ़ोकसिंग क्षमता और कॉन्सन्ट्रेशन पॉवर अवश्य बढ़ेंगे।

डिस्ट्रेक्शन रहित वातावरण:

पढ़ते वक्त अपने बच्चे को ऐसा वातावरण दें जहां उसके ध्यान भटकने की संभावना शून्य हो।

पढ़ते वक्त टीवी, आईपैड, मोबाइल फ़ोन, टेबलेट, प्ले-स्टेशन उसके सामने नहीं होने चाहिए ।

बच्चे की पढ़ाई के लिए आवश्यक सारी सामग्री जैसे पेन, पेंसिल, इरेज़र, कलर पेंसिल्स उसके पास उसकी आसान पहुंच में रखें, जिससे उसे उन्हें लेने के लिए बार-बार वहां से उठना ना पड़े।

पढ़ते वक्त मृदु और मधुर इंस्ट्रुमेंटल म्यूज़िक एवं मृदु रोशनी कॉन्सन्ट्रेट करने में सहायक पाई गई हैं।

संतुलित आहार


अपने बच्चे को हरी सब्जियां, विभिन्न फलियां, सूखे मेवे, दालें, साबुत अनाज, दूध उत्पाद प्रचुर मात्रा में दें। हरी सब्जियों एवं फलों में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो ब्रेन पॉवर को बढ़ाते हैं। उसे जंक फूड जैसे मैगी, पीत्ज़ा, ब्रेड, केक या बिस्किट बहुत कम मात्रा में दे।
याद रखें जंक फूड बच्चे के अच्छे ब्रेन सेल्स को क्षति पहुंचाता है ।

व्यवस्थित दिनचर्या:

अपने बच्चे की दिनचर्या में सभी कार्यों का निर्धारण करें एवं उससे व्यवस्थित दिनचर्या का नियमित रूप से पालन करवाएं ।
पर्याप्त नींद, झपकियां एवं नियमित ब्रेक्स:
ध्यान दें कि आपका बच्चा रात को 8 से 9 घंटों की नींद नियमित रूप से ले। स्कूल से आने के बाद अथवा दोपहर को उसे कम से कम आधे घंटे के लिए सोने के लिए अवश्य कहें। उसे पढ़ने के लिए बैठने से पहले निश्चित करें कि वह भूखा या उनींदा न हो।
बड़े कार्य को छोटे-छोटे हिस्सों में तोड़ें:
अपने बच्चे को कभी भी पूरा एक चैप्टर पढ़ने को न दें, वरन एक बार में उसे एक या दो पन्ने अथवा दो पैराग्राफ पढ़ने के लिए दें। यह उस कार्य के छोटे भाग के खत्म होने के अनुभव के साथ-साथ उसे एक उपलब्धि का एहसास देगा, और उस कार्य को जारी रखने के लिए मोटिवेट करेगा ।
उसे छोटी अवधि का लक्ष्य दें:
अपने बच्चे के लिए किसी काम को खत्म करने के लिए एक निश्चित छोटी समय अवधि निर्धारित करें ।
मतलब उसे बताएं कि 20 मिनट की अवधि में उसे पन्नों की निश्चित संख्या पढ़कर खत्म करनी है। छोटे बच्चों को 15 से 20 मिनट की अवधि के कार्य का लक्ष्य दें।

उसके लिए रिवार्ड सिस्टम निर्धारित करें:

कॉन्सन्ट्रेशन पॉवर बढ़ाने के लिए उसे किसी कार्य को करने के प्रोत्साहन स्वरूप रिवार्ड तय करें। यह रिवार्ड चॉकलेट और खिलौने ही नहीं, वरन उसकी मनपसंद गतिविधि यथा पसंदीदा कार्टून फिल्म, पसंदीदा भोजन, या खेल का अतिरिक्त समय भी हो सकता है।
पढ़ाई की अवधि में 3 से 5 मिनट के नियमित ब्रेक दें:
जब आपका बच्चा आप का दिया हुआ स्टडी संबंधित कोई कार्य 15 या 20 मिनट में खत्म कर लेता है, तो उसे 3 से 5 मिनट के लिए उसकी पसंदीदा गतिविधि करने दें। उसका यह छोटा ब्रेक उसे अपने अगले स्टडी संबंधित कार्य में बेहतर ढंग से फोकस करने में मदद करेगा।
उदाहरण के लिए यदि आपके बच्चे ने मैथ्स के दस प्रश्न हल कर लिए हैं, तो उसे 3 से 5 मिनट के लिए पूरे घर में दौड़ने भागने दें, अथवा स्केटिंग करने दें अथवा उसकी पसंदीदा कोई भी गतिविधि करने दें। किसी मानसिक गतिविधि के साथ शारीरिक गतिविधि जोड़ना, और उनकी ऊर्जा का भरपूर उपयोग बच्चे को अगले कार्य में बेहतर ढंग से फोकस करने के लिए तैयार करता है।

गहरी सांस लेना:

यदि किसी कार्य के करते वक़्त आपके बच्चे की एकाग्रता भंग हो रही है और वह अपनी पढ़ाई में कॉन्सन्ट्रेट नहीं कर पा रहा है, तो उसे लंबी गहरी सांसे लेने के लिए कहें । रिलैक्सेशन टेक्नीक आपके बच्चे के ब्रेन पॉवर में वृद्धि करेगी, और परिणामस्वरुप वह अपने कार्य में बेहतर ढंग से फ़ोकस कर पाएगा।

तनाव रहित वातावरण दें:

यदि आप अपने बच्चे के कॉन्सन्ट्रेशन पॉवर में वृद्धि करना चाहती हैं तो उसे घर में पूरी तरह से तनाव रहित रिलैक्स्ड वातावरण दें। बहुधा तलाकशुदा अथवा सिंगल पेरेंट के बच्चे या निरंतर कलह झगड़े के माहौल में रहने वाले बच्चों का कॉन्सन्ट्रेशन पॉवर बहुत कम पाया गया है ।

भरपूर शारीरिक गतिविधि एवं आउटडोर गेम:

उन बच्चों में कॉन्सन्ट्रेशन पॉवर की कमी होती है जिनमें ऊर्जा का स्तर बहुत अधिक होता है। अतः ऐसे बच्चों को हर वक्त शारीरिक रूप से व्यस्त रखें। अपने बच्चे को ऐसे आउटडोर गेम खेलने के लिए प्रोत्साहित करें जिसमें वे खूब दौड़े भागें।
फुटबॉल, क्रिकेट, बैडमिंटन, सितोलिया, छुपम छुपाई, खो खो या हॉकी जैसे खेल खेलते वक़्त बच्चों को फ़ोकस करने की जरूरत पड़ती है। यह आपके बच्चे के कॉन्सन्ट्रेशन में वृद्धि करता है।
स्विमिंग, ड्रॉइंग, पेंटिंग जैसी गतिविधियां भी बच्चे के कॉन्सन्ट्रेशन और फ़ोकस में इज़ाफा करती हैं।

योगा और मेडिटेशन:

डॉक्टर रूपाली के अनुसार योग और मेडिटेशन का नियमित अभ्यास बच्चों के माइंड और ब्रेन पर पॉजिटिव प्रभाव डालते हैं, जिससे उनका फ़ोकस और कॉन्सन्ट्रेशन पॉवर आश्चर्यजनक रूप से बढ़ता है।

Renu Gupta

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