नमस्कार दोस्तों, पुरे देश में त्योहारों का मौसम है और अब चाँद दिनों में (१९ अक्टूबर को) दिवाली भी आने वाली है। दीपावली का त्यौहार हिन्दुओं के सबसे बड़े पर्वों में एक है। रोशनी, दीपक और लक्ष्मी-गणेश पूजा के साथ वैसे तो हम सभी दिवाली को धूम-धाम से मनाते हैं। वैसे तो पटाखे दिवाली मानाने के परंपरागत तरीके का हिस्सा नहीं था, पर पिछले कुछ दसकों से दीपावली की रात पटाखे फोड़ना अब एक रिवाज़ के रूप में हो गया है।
पटाखों के साथ खेलने में मज़ा तो हम सभी को आता है; खासकर बच्चों को बहुत ही आनंद मिलता है। लेकिन पटाखों के साथ सावधानी नहीं बरती जाए, तो यह बहुत खतरनाक साबित हो सकते हैं। ध्यान रखिये और इन पटाखों से तो छोटे बच्चों को कोसों दूर रखिये – हो सकता है कि इनमें से कुछ आपको सुरक्षित लगे, पर सावधानी बरतने में ही समझदारी है।
1. तेज आवाज वाले पटाखे
बच्चों को तेज आवाज वाले पटाखों से दूर रखना चाहिये। क्यूँकि तेज आवाज से बच्चों के कान के पर्दे फूटने का जोखिम रहता है।
2. रॉकेट
बच्चों को रॉकेट हाथ में ना दें। भूल वश अगर रॉकेट सीधा ऊपर जाने की बजाय तिरछा चला गया तो जान -हानि होने की संभावना बढ़ जाती हैं।
3. लड़ / लड़ी
100 पटाखों की, 500 पटाखों की, या 1000 पटाखों की लड़ से बच्चों को दूर रखना चाहिये। जिज्ञासा वश वो देखने बाहर आए और लड़ के पास से गुजर जाए तो जलने की संभावना बढ़ जाती हैं।
4. अनार और चकरी
ये दो पटाखे अमूमन हर घर में देखने को मिल जाएंगे। इसे फोड़ने से मजा तो आता है लेकिन छोटे बच्चों को दूर रखना भी जरूरी होता हैं। इन दोनों पटाखों के पास जाने से बच्चों के झुलसने का खतरा रहता हैं।
एक गलती जो अक्सर देखने तो मिलती है वो यह है कि अनार जलाते समय बच्चे अपना सर अनार के ठीक ऊपर ले जाते हैं। अचानक अनार जल उठे तो उसकी चिंगारियां बच्चे के मुहं को झुलसा सकती है। कई वर्ष पूर्व इस गलती का खामियाजा मैं खुद भुगत चूका हूँ और इसलिए मैं बच्चों को अनार से दूर रखने की ही सलाह दूंगा।
बच्चों के लिए सुरक्षित पटाखे
बच्चों को केवल फुलझड़ियां, तारे या पेंसिल जैसे पटाखे ही फोड़ने के लिए देना चाहिए। जिससे उनकी दीवाली भी अच्छे से मना ली जाती है और कोई क्षति भी नहीं होती हैं। छोटे पटाखे जो हाथ से फोड़े जाते हैं, कभी भी बच्चों का ना दे। बड़े-बुजुर्ग उनको फोड़ बच्चों को आनंदित करने का प्रयास करें।उम्मीद करता हूँ की आप सब को ये लेख पसंद आया होगा। आप सभी के सुझाव और टिप्पणियों की प्रतीक्षा रहेगी। इसी के साथ मैं अपनी कलम को विश्राम देता हूँ।
यह दीपावली आपके लिए और आपके पूरे परिवार के लिए शुभ और मंगलमय रहे, इसी मनोकामना के साथ..
Diwali Pata Kaise Khele se Prabhav Prabhav padta hai ke Prabhav padta hai