God

दिवाली क्योँ मनाई जाती है?

अब तो गूगल मैप्स ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है….कि दिवाली कब और क्यों मनाई जाती है! लेकिन उसके पहले चलिए मैं सुनाता हूँ एक कहानी, कई हजारों वर्ष पुरानी। कहानी आपको पता होगी, इसलिए फ़ास्ट फॉरवर्ड में सुनाता हूँ।

अयोध्या राज्य के राजा दशरथ की तीन पत्नियां और ४ पुत्र थे, पत्नियों के नाम थे कौशल्या, कैकेयी और सुमित्रा, ज्येष्ठ पुत्र का नाम था राम। नियमपूर्वक तो राजा राम को बनना चाहिए था, पर कैकेयी की एक दासी थी मंथरा जिसने रानी को भड़काकर कैकेयी के पुत्र भरत को राजा बनाने का षड़यंत्र रचा।

षड़यंत्र की शुरुआत सफलतापूर्वक हुई और राम को १२ वर्ष के वनवास के लिए जाना पड़ा। इसी दौरान लंका के बदमाश राजा रावण ने छलपूर्वक राम की पत्नी सीता का किडनैप कर लिया। रामचंद्र पत्नी को लाने लंका पहुंचे; हनुमानजी और बाकी वानर सेना ने इस घमासान युद्ध में उनका साथ दिया।

अंत में सच्चाई की विजय हुई, राम के हाथों रावण का वध हुआ। रामचंद्र की इस विजय को  हिन्दू विजयदशमी के रूप में मनाते हैं।

तत्पश्चात, राम सीता मैय्या को लेकर वापस अयोध्या नगरी की तरफ निकले। सफर में उन्हें २१ दिन लगे, और जिस शाम को वो अयोध्या पहुंचे, उस दिन अमावस्या की रात थी। पर अपने चाहते राम के लौटने की ख़ुशी में अयोध्या वासियों ने घी के सैकड़ों हजारों दीपक जलाकर समूचे नगर को जगमग कर दिया। इसी दिन को अब दिवाली के रूप में मनाया जाता है, और सभी हिन्दू इस दिन दिए जलाकर यह पर्व मनाते हैं।

यह तो थी हमारे शास्त्रों और रामायण का संस्करण। पुष्टि के लिए अब चलते हैं ‘गूगल मैप्स’ पर।

1)  अपने कंप्यूटर में ब्राउज़र में यह वेबसाइट एड्रेस टाइप करें: “maps.google.co.in ”

2) अब सर्च बॉक्स में लिखिए “अयोध्या” – हिंदी या अंग्रेजी, किसी भी भाषा में (निचे दिया चित्र देखिये)

3) बांयी तरफ जहां ‘दिशाएं’ लिखा हुआ है, और साथ पर एक तीर का निशान है उस पर क्लिक करें (हमने निचे चित्र में अंकित भी कर दिया है)

4) अब आपको एक और ‘सर्च बॉक्स’ दिखेगा – वहाँ ‘श्री लंका’ लिख कर एंटर मार दें

5) अब रामजी मोटर गाड़ी या रेल में तो गए नहीं थे, इसलिए ऊपर दिए गए चित्रों में से ‘पैदल’ वाले चित्र पर क्लिक कर दीजिये, और फिर देखिये कमाल!

६) गूगल मैप्स साफ़ दिखा रहा है की इस सफर का समय है ‘५१५’ घंटे!

समझ नहीं आया? २१ दिन में कुल ५०४ घंटे होते हैं। अब रामजी लंका में एक्जैटली कहाँ से निकले थे, यह तो हमें पता नहीं, लेकिन लंका से अयोध्या के सफर का समय लगभग २१ दिन है, इस बात की साफ़ पुष्टि आप खुद गूगल पर कर सकते हैं!

इसीलिए विजयदशमी के २१वें दिन, जब रामचन्द्रजी लंका से अयोध्या पहुंचे, उस दिन दिवाली मनाई जाती है!

https://dusbus.com/hi/whta-is-the-difference-between-ramayan-and-ramcharitmanas/

 

शिवांगी महाराणा

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