न्यू दिल्ली में बना अक्षरधाम मंदिर एक अद्भुत अनोखा व् अद्वितिय तीर्थ स्थल है। 100 एकड़ की भूमि में फैला हुआ यह मन्दिर ज्योतिधर भगवान् स्वामिनारायण की स्मृति में बनाया गया है।
विश्व का सबसे भव्य और विशाल हिन्दू परिसर मंदिर होने के कारण इसका नाम 26 दिसंबर 2007 को गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया है। इतना ही नहीं बल्कि इस मन्दिर को 21 वी सदी के सात अजूबों में शामिल किया गया है।
इस मंदिर के अंदर 10 हजार साल पुरानी रहस्यमय संस्कृत धरोहरो को सहेज के रखा गया है। वैसे तो मंदिर में प्रवेश निशुल्क है, पर यहाँ अलग-अलग चीजे देखने के लिए अलग-अलग चार्ज है। यहाँ प्रवेश के लिए ड्रेस कोड भी है लेकिन अगर आप सहज ही इस देखने के लिए जाते है तो आपको 100 रुपए फीस के साथ ड्रेस उपलब्ध करा दिया जाता है जो बाद में वापस कर दिया जाता है।
मंदिर में विशाल स्क्रीन पर एक फ़िल्म दिखाई जाती है। “नीलकंठ कल्याण यात्रा” नामक इस फ़िल्म में लोगो की धार्मिक स्थान, संस्कृति, त्यौहार आदि से जुडी बाते है।
शाम के समय इस मंदिर में संगीतमयी फुहारों का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। जिसमे भारतीय संस्कृति के अनुसार जीवन, जन्म और मृत्यु चक्र को दिखाया गया है।
यहाँ की प्रमुख् विशेषताओ में दक्ष द्वार्, भक्ति द्वार और मयूर द्वार शामिल है।
अक्षरधाम मंदिर दिल्ली: वास्तुकला
महर्षि महेश योगी का नाम तो आपने सुना होगा? महेश योगी के द्वारा दिए गए वास्तुकला सिद्धांत पर स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर का निर्माण किया गया है. लेकिन इसके अलावा इस मंदिर के निर्माण में भारत की अन्य कई वास्तुकलाओं और शिल्पकालों को भी मिश्रित और सम्मिलित किया गया है.
अक्षरधाम मंदिर की प्रमुख विशेषता यह है कि इसे बनाने के लिए न तो स्टील इस्पात और न ही कंक्रीट का इस्तेमाल किया गया है। बल्कि यह मंदिर गुलाबी बलुआ और सफ़ेद संगमरमर के मिश्रण से तैयार किया गया है।
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