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क्या डीयोडरंट लगाने से ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क बढ़ता है?

हाल ही के वर्षों में  एक धारणा प्रचलित हुई है कि  डीयोडरंट जैसे  अंडरआर्म प्रोडक्ट्स (कांख या बगल के लिए विशेष उत्पाद) की वजह से  ब्रैस्ट कैंसर  की सम्भावना बढ़ जाती  है। इस बात की शुरुआत सोशल मीडिया और इन्टरनेट पर हुई थी और यह बात इतनी फैली कि कई लोगों  के मन में डीयोडरंट आदि उत्पाद के प्रति खौफ पैदा कर गयी।

आजकल तो वैसे भी मीडिया और सोशल मीडिया अफवाहों को फैलाने में काफी आगे रहती हैं, और इन अफवाहों का शिकार होते हैं साधारण  लोग। वर्ष 1999 में आई इस खबर ने पूरे देश में अंडरआर्म प्रोडक्ट्स की बिक्री बहुत कम कर दी थी।

आखिर क्यों डीयोडरंट पर शक पैदा हुआ?

डीयोडरंट का ज़्यादातर इस्तेमाल कांख पर होता है  जो कि स्तन के  बिलकुल नजदीक होते हैं। इससे यह शक पैदा हुआ  कि ये उत्पाद  ब्रैस्ट कैंसर का कारण बन सकते हैं।

जैसा कि आप चित्र में देख सकते हैं, डीयोडरंट लगाने की प्रमुख जगह स्तन के बेहद करीब है, और यह अफवाहें यहीं से शुरू हुईं। चित्र श्रेय: naturalnews.com

अंडरआर्म्स प्रोडक्ट्स में एल्युमीनियम  और कैंसर का कारण समझे जाने वाले अन्य केमिकल्स की पर्याप्त मात्रा होती है जो कि एक महिला  के लिए हानिकारक हो सकता है।

ज़्यादातर ब्रैस्ट कैंसर स्तन के उस हिस्से में पाया जाता है जो कि अंडरआर्म के सबसे करीब होता है।

इन्टरनेट आदि पर यह बात फ़ैल गयी कि डीयोडरंटस आदि में मौजूद केमिकल्स  त्वचा से होते हुए स्तन तक पहुँच कर स्तन कैंसर का कारण बनते हैं।

क्या कहती है चिकित्सा विज्ञान इस बारे में?

इस बात का पता लगाने के लिए कि क्या वाकई में डीयोडरंटस कैंसर का कारण हो सकते हैं, कई शोध किये गए हैं।

२००२ में एक शोध हुआ जिसमें ८१३ स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाओं की तुलना ७९३ ऐसी औरतों से की गयी जो स्तन कैंसर की शिकार नहीं थीं। शोध में कोई ऐसी कड़ी नहीं मिली जो डिओडोरेंटस या अंडरआर्म्स प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल को स्तन-कैंसर से जोड़ सके।

पुनः वर्ष 2006 में एक सर्वेक्षण में देखा गया कि स्तन कैंसर और अंडरआर्म प्रोडक्ट्स के बीच कोई सम्बन्ध नहीं है।

पेराबेन और एल्युमीनियम की भूमिका

कई कॉस्मेटिक्स और त्वचा पर इस्तेमाल होने वाले उत्पादों में पेराबेन नामक केमिकल का इस्तेमाल होता है। डीयोडरंटस में भी पेराबेन नामक घटक मौजूद रहता है।

रिसर्च के दौरान यह बात सामने आई कि कई स्तन कैंसर के ट्युमर में पेराबेन की मात्रा मौजूद थी। लेकिन शोध के दौरान यह भी पाया गया कि ९९% अमेरिकी लोगों के मूत्र में पेराबेन मौजूद था।  इसलिए पेराबेन को स्तन-कैंसर के लिए ज़िम्मेदार नहीं समझा जा सकता।

इसके अलावा अंडरआर्म प्रोडक्ट्स में मौजूद एल्युमीनियम पर शोध के दौरान यह बात सामने आई कि डीयोडरंटों में मौजूद एल्युमीनियम का केवल  ०.१२% हिस्सा ही त्वचा द्वारा अवशोषित होता है, जो कि एक बहुत ही छोटी मात्रा है। इसलिए डीयोडरंट में मौजूद एल्युमीनियम को भी स्तन कैंसर से नहीं जोड़ा जा सकता।

अब तक हुए शोधों  के आधार पर यह कहा जा सकता है कि स्तन कैंसर और अंडरआर्म उत्पादों के बीच कोई सीधा सम्बन्ध नहीं है और हम इनका इस्तेमाल निश्चित होकर कर सकते हैं।

फिर भी सतर्क रहिए 

यद्धपि अभी तक हुए शोध यही बता रहे हैं कि ब्रेस्ट कैंसर और डीयोडरंट का कोई रिश्ता नहीं है, फिर भी सावधानी बरतने में ही समझदारी है। डीयोडरंट का इस्तेमाल अत्यधिक न करें, और बहुत सस्ते डीयोडरंटों के इस्तेमाल से परहेज करें।

दसबस स्टाफ

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