बालों से जुड़े न जाने कितने मिथ्य कई सदियों से हम मानते आए हैं। पहले हम नानी, दादी की बातों पर आँख बंद कर के विशवास कर बैठते थे और आजकल इस मुएं व्हाट्सेप्प पर, बगैर यह सोचे की क्या यह बातें सही भी हैं?
तो चलिये खुलासा करते हैं कई मिथ्यों का।
मिथ्य 1: बालों को काटने से उनकी बढ़ोतरी होती है।
बाल जड़ से बढ़ते हैं। छिप को काटने से या फिर बाल मुड़वा लेने से उनकी बढ़ोतरी पर कोई असर नहीं पड़ता है। क्योंकि, बालों का बढ़ना केवल आनुवंशिक लक्षण पर निर्भर करता है।

मिथ्य 2: बालों को ब्लो ड्राय न करें
अमूमन महिलाएं बालों को तौलिये से घिस या फटकार कर सूखाती हैं, जो बाल सुखाने का गलत तरीका है। बालों को किसी कोमल कपड़े की मदद से हल्के हाथों से दबा कर सुखाएँ।

अगर आपके बाल छोटे हैं तो उन्हे बिना ब्लो ड्राय किए सूखा सकती हैं। लेकिन अगर आपके बाल लंबे हैं, तो उन्हे ब्लो ड्राय करना बेहतर होगा। पानी बालों में ज़्यादा देर तक सोखे रहने से हानिकारक साबित होता है।
मिथ्य 3: बालों को झाड़ने से वह सुलझे और नरम रहते हैं।
बालों को दिन में केवल ज़रूरत पड़ने पर ही झाड़ना सही रहता है। ऐसा करने से सर के त्वचा का तेल बालों में संतुलित मात्रा में फैलता है और बाल चिप-चिपे नहीं होते हैं।
मिथ्य 4: क्या सर की सूखी त्वचा है रूसी होने की वजह?
जी हाँ, सर की त्वचा अधिक तैलिय होने कि वजह से रूसी होती है, न कि सूखे होने की वजह से। अगर आपको रूसी की समस्या है, तो तेल का उपयोग न करें – इससे रूसी की समस्या बढ़ जाती है।
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मिथ्य 5: हर दिन शैम्पू करने से सर की त्वचा में अधिक तेल का उत्पादन होता है।
“रोज़ाना शैम्पू करना आपके बाल के लिए घातक साबित हो सकता है। हर रोज़ शैम्पू करने से बाल के प्रकृतिक तेल अधिक मात्रा में बनने लगते हैं” – ऐसी बातें आपने पढ़ी और सुनी ज़रूर होंगी। शैम्पू करने से तेल के उत्पादन का कोई संबंध नहीं इसलिए आप हर रोज़ भी शैम्पू कर सकती हैं। हालांकि अगर बाल की अच्छी तरह देखभाल ना की जाए तो वह जल्दी गंदे होते हैं।
मिथ्य 6: बाल को ठंडे पानी से धोएँ:
बाल को धोने के लिए आप ठंडे और सुसुम दोनों पानी का इस्तेमाल कर सकती हैं। पानी के ठंडे या गरम होने से बाल पर कोई असर नहीं पड़ता है। पर अगर आपको सर्दी, खांसी होती रहती है तो ठंडे पानी से परहेज करें।
मिथ्य 7: “सफ़ेद बालों को तोड़ना हो सकता है घातक” सही या गलत?

एक सफ़ेद बाल को तोड़ने से तीन निकल आएंगे जैसी धारणाएँ बिलकुल खोखली हैं। बालों की सफेदी आपके खान-पान और आनुवंशिक लक्षण पर निर्भर करती है। इनका बाल को तोड़ने या नहीं तोड़ने से कोई संबंध नहीं है। अगर आपके बाल समय से पहले सफ़ेद हो रहे हैं तो डॉक्टर को ज़रूर दिखाएँ।
मिथ्य 8: बालों के देखभाल से वह मोटे हो जाएंगे
आपके आनुवंशिक लक्षण ही आपके बालों के मोटे या पतले होने की वजह हैं। शैम्पू या कंडीशनर का बाल मोटा या पतला करने में कोई हांथ नहीं होता है। बेबुनियाद धारणाओं पर विश्वास करने से पहले अपने आँखों पर जमी धूल हटाएँ।
मिथ्य 9: तेल के उपयोग से दोमुंहे बाल खत्म हो जाते हैं।
दोमुंहे बाल सिर्फ बाल को काटने से ख़त्म होते हैं। किसी भी प्रकार का पैक या तेल इसपर बेअसर होता है। अगर आपको दो मुहे बाल की समस्या है तो बाल को जल्द से जल्द कटवाएँ और रात को सोने से पहले बाल बांड कर सोएँ।
मिथ्य 10: शैम्पू को बदलते रहना चाहिए
शैम्पू के इस्तेमाल को लेकर न जाने लोग इनते असमंजस में क्यूँ रहते हैं? अरे शैम्पू को बदलने या नहीं बदलने से बालों पर कोई असर नहीं पड़ता है। इसलिए बेवजह दिमाग लगाना बंद करें।
बोनस हेयर केयर टिप्स:
- अगर आपके बाल एक बार धोने से ही साफ़ हो जाते हैं तो उन्हे दुबारा न धोएँ। ऐसा करने से बाल रूखे और बेजान हो जाते हैं।
- लंबे बालों को कम हीट पर ब्लो ड्राय करें। साथ ही, बालों के छोटे-छोटे भाग बना कर ब्लो ड्राय करें – इससे बाल चिपके हुए नहीं दिखेंगे।
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