आज के समय में मेकअप केवल खूबसूरत लगने के लिए नहीं बल्कि त्वचा की खामियों को बेहतर बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। आमतौर पर चेहरे पर मेकअप करते समय सबसे पहले जो समस्या आती है वो होती है डार्क सर्कल्स को या दाग-धब्बों को छुपाने की। इसके लिए कलर करेक्टर का प्रयोग किया जाता है। पर समस्या तब आती है जब हम फैसला नहीं ले पाते कि हमारे स्किन टोन के हिसाब से कौन सा कलर करेक्टर प्रयोग किया जाएगा।
आज के लेख में मैं आपको इसी समस्या का समाधान बताने जा रही हूँ। तो आइए जानते हैं कि आपकी स्किन के हिसाब से कौन सा कलर करेक्टर है बेस्ट?
कलर करेक्टर का इस्तेमाल सबसे अधिक डार्क सर्कल्स को छुपाने के लिए ही किया जाता है। तो सबसे पहले हम यही जान लेते हैं कि इसके लिए कौन सा कलर करेक्टर चुनना चाहिए। इसके लिए आपको ऑरेंज, पीच या रेड कलर करेक्टर का इस्तेमाल अपनी स्किन शेड के हिसाब से करना चाहिए।
अगर आपकी त्वचा गेहुएँ रंग की या उससे हल्की है तो उसपर डार्क सर्कल्स को येल्लो से भी छुपाया जा सकता है और अगर बहुत ज़्यादा गहरे धब्बे हो गए हैं तो आप पीच शेड इस्तेमाल कर सकती हैं। बस ध्यान यह रखना है कि कलर करेक्टर का काम स्किन टोन और दाग-धब्बों को छुपाना है। इसलिए यह अलग से चेहरे पर दिखना नहीं चाहिए।
अब बात करते हैं बहुत हल्के रंग वाली युवतियों की जिनके चेहरे पर हल्की सी लालिमा रहती है। दिन के समय तो यह लालिमा सबका ध्यान अपनी ओर खींचती है। इसलिए अगर आपके साथ भी यह परेशानी है तो आपके लिए येल्लो कलर करेक्टर परफेक्ट रहेगा। यह आपकी त्वचा को इवन टोन प्रदान करके आपके लुक को बेहतर बनाएगा।
अगर आपकी त्वचा पर छुपाने के लिए कोई चीज़ नहीं है और आप कलर करेक्टर का इस्तेमाल केवल इसलिए करना चाहती हैं ताकि आपको एक सटल टच मिल सके तो आपको पिंक कलर करेक्टर का इस्तेमाल करना चाहिए। अगर आपका रंग गहरा साँवला है तो आप ऑरेंज भी चुन सकती हैं।
डार्क सर्कल्स और लालिमा तो फिर भी छिप जाती है लेकिन मुंहासों के गहरे दाग और जन्म के साथ जो दाग हमें मिले होते हैं, उन्हें छुपाना आसान नहीं होता। अगर आपके चेहरे पर भी ये परेशानियाँ हैं या फिर कोई ऐसा चोट का निशान है जो अलग से ही पता चल जाता है तो आपको ग्रीन कलर करेक्टर का उपयोग करना चाहिए। लेकिन जब भी ग्रीन रंग के कंसीलर का चुनाव करें तो यह बात भी ज़रूर ध्यान रखें कि अब आपको इसके साथ फुल कवरेज फाउंडेशन भी प्रयोग करना होगा। फाउंडेशन आपका लगभग आखरी प्रॉडक्ट होता है इसलिए वो भी ऐसा हो जो कि ऑक्सीडाइस्ड न होता हो।
अब बात करते हैं ब्लू और पर्पल कलर करेक्टर की। क्या आपने इसका नाम सुना है? अगर हाँ तो बहुत अच्छी बात है और अगर नहीं तो आपको इसके बारे में पता होना चाहिए। कई बार आपकी स्किन इतनी बुरी तरह टैन हो जाती है कि उस पर ऑरेंज या रेड कलर करेक्टर भी सही से अपना असर नहीं दिखा पाता। ऐसे में आप अपने चेहरे पर प्राइमर लगाने के बाद ब्लू और पर्पल कलर कंसीलर लगाएँ और फिर पूरे चेहरे पर अच्छे से फाउंडेशन लगा लें। ऐसे आपको एक अच्छा लुक मिल सकता है। स्किन टोन डार्क होने पर भी इस कलर करेक्टर का इस्तेमाल किया जा सकता है।
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