कोविड-19 के प्रकोप के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में पूरे देश में सभी स्कूल बंद है। आजकल अधिकांश स्कूल अपने छात्रों के लिए ऑनलाइन क्लास आयोजित कर रहे हैं. क्लासरूम आधारित शिक्षण ऑनलाइन शिक्षण में बदल गया है।
तो आज हम आपको बताएंगे कि अभिभावक के तौर पर आपको अपने बच्चे के ऑनलाइन क्लास अटेंड करने के मद्देनजर किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए जिससे कि उनकी ऑनलाइन लर्निंग प्रभावी हो सके।
पलंग पर अधलेटे होकर फोन या लैपटॉप से पढ़ना या बैकग्राउंड में चलते टीवी अथवा म्यूज़िक सिस्टम की आवाज के साथ पढ़ना कतई सही नहीं है। आपको अपने बच्चे के ऑनलाइन क्लास अटेंड करने के लिए ऐसी जगह चुननी चाहिए जहां उसका ध्यान चलते हुए टीवी, म्यूजिक सिस्टम की आवाज या आपकी या घर के अन्य सदस्यों की बातचीत करने की आवाज से भंग ना हो।
तो सर्वप्रथम उसके लिए घर के एक ऐसे शांत कोने में उसकी टेबल और कुर्सी लगाएं जहां किसी भी तरह की आवाज ना आए और जहां अच्छी हवा और प्रकाश हो और नेट से अच्छी बाधारहित कनेक्टिविटी हो।
उसके बैठने के लिए ऐसी कुर्सी का चुनाव करें जो सही बैठने की मुद्रा सुनिश्चित करती हो।
अपने बच्चे को एक साफ-सुथरी और अच्छी तरह से व्यवस्थित टेबल के सामने बैठकर ऑनलाइन क्लास अटेंड करने के लिए कहें। ध्यान रखें क्लास अटेंड करते वक्त टेबल पर विभिन्न चीजें बिखरी हुई ना हों। टेबल पर अस्त-व्यस्त बिखरी हुई चीजों से बच्चे के फोकस करने की क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उसे सदैव अपनी टेबल व्यवस्थित रखने के लिए प्रोत्साहित करें।
आपके बच्चे के पास पढ़ने की सभी सामग्री जैसे पेन, पेंसिल, रबर, शार्पनर उसकी पहुंच में होनी चाहिए। अतः उसकी टेबल पर यह सभी चीजें एक पेंसिल बॉक्स में रखकर उसकी टेबल पर रख दें जिससे उसे बार-बार इनकी तलाश में अपनी कुर्सी से उठ ना पड़े।
प्रयास करें कि जब आपका बच्चा ऑनलाइन क्लास अटेंड कर रहा हो, आप उसके कमरे में मौजूद रहे। ध्यान रखें कि आप फोन या लैपटॉप से दूर रहें जिससे बच्चे की टीचर आपको देख ना सके।
आपके बच्चे को ऑनलाइन क्लासेज का टाइम टेबल उसके स्कूल से अवश्य मिला होगा। अतः दिन की शुरुआत में उसे उस दिन के विभिन्न सब्जेक्ट के टाइम टेबल के अनुरूप सारी कॉपी किताबें उसकी टेबल पर जमाने के लिए कहें जिससे वह कुर्सी पर बैठे-बैठे हर पीरियड के लिए आवश्यक कॉपी किताबें आसानी से ले सके। उन्हें लेने के लिए उसे दूसरी जगह जाना ना पड़े ।
ऑनलाइन क्लासेज़ स्कूल की तरह सुबह से ही शुरू हो जाती है। सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा नहा धोकर, नाश्ता करके औपचारिक वेशभूषा में फोन या लैपटॉप के सामने ऑनलाइन क्लास अटेंड करें।
अपने बच्चे को क्लास शुरू होने से पांच मिनट पहले अपनी कुर्सी पर बैठकर लॉग इन करने के लिए कहें।
इस बात का ध्यान रखें कि फोन या लैपटॉप जिस पर आपका बच्चा क्लास अटेंड करेगा वह क्लास शुरू होने से पहले पूरा चार्ज हो। बेहतर होगा कि आप उसे पिछली रात को चार्ज करके रख दें ।
स्कूल द्वारा निर्धारित लंच टाइम एवं ब्रेक्स के दौरान बच्चे से कहें कि वह पूरे घर का एक चक्कर लगा कर आए जिससे वह एक ही जगह पर पूरे दिन बंधा बंधा महसूस ना करे। उसे घर की खुली जगह जैसे टेरेस, बालकनी या बागीचे में जाने दें जिससे वे ताजी हवा में अगली क्लास के लिए फ्रेश महसूस कर सकें।
बड़ी स्क्रीन आंखों के लिए बेहतर होती है तथा छोटी स्क्रीन की अपेक्षाकृत आंखों पर इसके दुष्प्रभाव कम होते हैं। अतः यदि संभव हो तो बच्चे के लिए ऑनलाइन स्टडी के लिए फोन की जगह लैपटॉप या डेस्कटॉप का प्रबंध करें। यदि वह मोबाइल का उपयोग कर रहा है तो उसका स्क्रीन बड़ा होना चाहिए।
ध्यान दें कि स्क्रीन और आपके बच्चे की आंखों का लेवल बराबरी पर हो।
स्क्रीन बच्चे से 2 फ़ीट की दूरी पर होना चाहिए ।
क्लास के बाद बच्चे को ज्यादा देर तक टीवी देखने या गेम खेलने के लिए फोन अथवा कम्यूटर के उपयोग के समय में कमी कर दें जिससे उनके अधिक उपयोग से होने वाली परेशानियों से बचा जा सके। स्क्रीन पर अधिक समय तक देखने से आंखों में खिंचाव होता है जिससे आंखों में पानी आना, लाली, सूखापन, जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
इन परेशानियों से बचने के लिए बच्चे को हर 15 मिनट के अंतराल पर 1 मिनट के लिए आंखें बंद करने के लिए कहें। इससे आंखों को आराम मिलेगा।
15 मिनट के निर्धारित ब्रेक के दौरान अपने बच्चे को अपने फोन या लैपटॉप पर गेम खेलने या सर्फिंग करने की अनुमति कतई ना दें और उसे इनसे दूर अपनी आंखों को आराम देना चाहिए।
ऑनलाइन टीचिंग में टीचर विद्यालय की कक्षा की तरह हर बच्चे पर अपनी नज़र नहीं रख पाती है कि वे उसका लेक्चर पूरे ध्यान से सुन और समझ रहे हैं या नहीं। फोन या लैप टॉप पर ऑनलाइन लेक्चर को पूरी एकाग्रचितता से सुनना बच्चों के लिए बहुत कठिन होता है। कमज़ोर कॉन्सनट्रेशन पावर वाले बच्चे ऑनलाइन पढ़ाए जा रहे टौपिक को क्लास रूम की तरह अच्छी तरह से नहीं समझ पाते हैं। पढ़ाई से जी चुराने वाले कई बच्चे पढ़ाई से बचने के लिए बहाने बहाने से क्लास छोड़ कर उठते हैं। कई बार बच्चे नेट कनेक्शन या औडियो में व्यवधान के चलते टीचर का पूरा लेक्चर नहीं सुन पाते। इसलिए बच्चा पढ़ाए जाने वाले टॉपिक्स अच्छी तरह से नहीं समझ पाता है और तनावग्रस्त हो जाता है। अतः आजकल ऑनलाइन क्लास के दौरान अपने बच्चे से निरंतर बातचीत करते रहें कि उसे ऑनलाइन पढ़ाई करने में कोई दिक्कत तो नहीं आरही। यदि वह अपनी कोई समस्या आपको बताता है तो तुरंत उसके बारे में उसकी क्लास टीचर से बात कर उस समस्या के निराकरण के लिए कदम उठाएं।
कोविड-19 के प्रकोप के संदर्भ में आजकल स्कूलों द्वारा स्कूली विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन क्लास आयोजित की जा रही हैं। आइए जानते हैं इन कक्षाओं के दौरान अभिभावकों को अपने बच्चे की प्रभावी लर्निंग के लिए किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
कोविड-19 के प्रसार की पृष्ठभूमि में पूरे देश में स्कूलों द्वारा अपने विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन क्लासेस चलाई जा रही है। आइए जानते हैं इन कक्षाओं के दौरान अभिभावकों को अपने बच्चे की प्रभावी लर्निंग के लिए क्या करना चाहिए और क्या नहीं?
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online classes honi hi nahin chahie bacche kabhi bhi online classes mein Dhyan nahin dete bahut kam bacche hote Hain Jo online classes ko padhte Hain 90% bacche bilkul bhi online class mein jaane dete kabhi laptop band kar dete kabhi idhar udhar dekhte hain kabhi kya karte ho aur ke Pani ke bahane yah toilet ke bahane chale jaate Hain bilkul bhi Dhyan nahin dete Hain parents kab tak unke liye baithe rahenge apna Kam ka asar chod Kar to online classes to kabhi hona hi nahin chahie Jo bacche school mein padh sakta online mein kabhi nahin padh sakta hai aur ham school ko free ki fees date rahte hain
Sir / madam
Plz aap log har kisi ko dhyan main rakhker blog kiya kare . sirf bade ghar or unki facility ko dekhte hue hi na likha kre .