भारतीय होली के रंग मौसम में घुलते ही सर्दी की रंगत और रौनक को बिदा कर देते हैं। सूरज धीरे-धीरे अपने रौद्र रूप में आकार भारत-भूमि को 50° तक का तापमान की चुनौती देने लगता है। ऐसे में घर को ठंडा रखने के पहले के समय में सरकंडे की चिक़ें खूबसूरती बढ़ाने के साथ-साथ ठंडा अंधेरा भी करती थीं और खस के पर्दों पर पानी की फुहारें घर को खुशबूदार ठंडक से सराबोर रखती थीं। लेकिन समय के साथ इन चिक़ों और खस के पर्दों का स्थान सूती, रेशमी, सिल्क, साटन,नेट,वेल्वेट आदि विभिन्न प्रकार के पर्दों ने ले लिया है । खूबसूरत पर्दे,ग्रहस्वामिनी के सुरुचिपूर्ण और कलात्मक शौक को दर्शाते हैं वहीं घर के वातावरन को भी शांत और सौम्य बनाए रखने में मदद करते हैं। आइये देखें, किस प्रकार के पर्दे आपके घर को सजा सकते हैं
हल्के रंग से लेकर गहरे रंग में , छोटे फूल के प्रिंट से लेकर बड़े डिजाइन वाले या फिर बिलकुल सादे और प्लेनटैक्सचर में सूती पर्दे बड़े आराम से मिल जाते हैं। हर तरह के बजट में आराम से फिट होने वाले सूती पर्दे किसी भी बाजार या दुकान में बड़ी आराम से मिल जाते हैं।
साटन के पर्दे घर को शाही लुक देने में समर्थ होते हैं। कीमत में थोड़े अधिक होने पर भी अपनी सुंदरता और सजावट के कारण घर के मुख्य कक्ष में सबसे अधिक पसंद किए जाते हैं।
जहां पर्दों को सिर्फ खूबसूरती बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करना हो, वहाँ जाली और नेट के पर्दे लगाए जाते हैं। कुछ छिपाना और कुछ दिखाना की तर्ज पर यह पर्दे तेज रोशनी के प्रहार को कुछ हल्का कर देते हैं। अधिकतर यह पर्दे सफ़ेद और क्रीम रंग में आते हैं।
थोड़े भारी और राजसी शान वाले वेल्वेट के पर्दे सुंदरता को बढ़ाने के साथ सर्दी की ठंडक को रखने में पूरी तरह सफल होते हैं। भारी होने के कारण आसानी से अपनी जगह से सरकते नहीं है इसलिए बेकार की सलवटें नहीं पड़ती हैं।
मौसम बदलते ही घर की साज-सज्जा भी बदल जाती है। गर्मियों में आप भी अपने आस-पास के वातावरण को ठंडा और सौम्य रखने के लिए अनेक प्रयत्न करते होंगे। तो क्यूँ न इस बार यह काम पर्दों के माध्यम से करें
गर्मी के दिनों में ठंडक देने के लिए सूती या कॉटन के पर्दे सबसे अच्छे रहते हैं। सूती पर्दों गर्मी के मौसम में गरम हवा और तेज धूप को आसानी से घर से बाहर ही रखने में समर्थ होते हैं
पर्दों में लाइनिंग से पर्दों में ठहराव आ जाता है और कपड़े के रंग और बनावट की भी सुरक्षा होती है। गरमी के मौसम में यही लाइनिग पर्दे का वजन बढ़ा कर उसे अनचाहे फहराने से रोक देती है और कमरे की ठंडक बनी रहती है।
रंगों का चयन करते समय अपने कक्ष के बाहरी तापमान का ध्यान रखें। अगर बाहर से धूप और गर्मी बहुत अधिक आती है तो भारी और गहरे रंग के पर्दों का चयन करें। लेकिन अगर आपके कक्ष के बाहर हरियाली का साम्राज्य है तो बेझिझक हल्के रंग के पर्दों का चयन आप कर सकतीं हैं।
तो अब आप बिना किसी हिचक के अपने मनपसंद पर्दे से घर को सजा भी सकती हैं और उसे ठंडा भी रख सकतीं हैं।
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