21 वी सदी का सबसे बड़ा तोहफा मानव को उन गैजेट्स के रूप में मिला है जिन्हें सेल फोन, आईपैड और लेपटॉप के नाम से जाना जाता है। ये सभी गैजेट्स वैसे तो हम सब की सुविधा के लिए बनाए गए और इस्तेमाल किए जाते हैं। लेकिन क्या आप जानती हैं कि इन गेजेट्स से निकलने वाली तेज़ रोशनी या हाई एनर्जी विज़िबल (HEV) और उसमे मिले हुए लाखों कण आपके चेहरे पर आने वाली झुर्रियों का कारण भी हैं। हो सकता है कि आप अपनी सेहत और ब्यूटी के प्रति जागरूक हों और आपने अपनी आँखों को बचाने के लिए एंटी-ग्लेयर चश्मा और स्किन को सुरक्षित करने के लिए लेटेस्ट और महंगा सीरम भी लगा लिया हो। जानिए फिर भी कैसे आपका सेल फोन व अन्य गेजेट्स आपके चेहरे पर झुर्रियां बढ़ा रहे हैं।
1. कोलेजन और इलास्टिन का नुकसान :
आपने अपनी शिक्षा में फिजिक्स के पाठ में पढ़ा होगा कि प्रकाश कि किरणों में सात रंग होते हैं। इन्हें सात में रंग नीला है जो अधिकतर डिजिटल डिवाइसिस में से मुख्य रूप से निकलता है। हर समय आपके हाथ में रहने वाले सेल फोन से निकलने वाली नीली रोशनी हमारी स्किन के कोलेजन को नष्ट करती हुई इलास्टिन को नुकसान पहुंचा देती है। इस नुकसान के कारण स्किन की लोच खत्म हो जाती है और झुर्रियोंके आने का रास्ता साफ हो जाता है।
2. पिग्मेंटेशन :
सेल और लेप्टोप में से निकालने वाली नुकसान पहुंचाने वाली किरणें स्किन में अंदर तक जाकर फ्री रेडिकल्स को बढ़ा कर पिग्मेंटेशन का कारण भी बन जाती हैं।
3. कोर्टिसोल हार्मोन:
मोबाइल फोन का अत्याधिक इस्तेमाल आपकी न केवल स्किन को बल्कि नींद और भावनाओं को भी बुरी तरह से प्रभावित करता है। हमारे शरीर में कोर्टिसोल नाम के हार्मोन दिन में हमारे शरीर को ऊर्जा और शक्ति देते हैं और रात की नींद को भी रेगुलेट करते हैं। लेकिन हर समय किसी न किसी डिजिटल डिवाइस के संपर्क में आने से यह नीली रोशनी इन हॉरमोन के उत्पादन और नियंत्रण को कमजोर कर देती है। इस कारण जहां सारा दिन हम स्वयं को थका हुआ महसूस करते हैं वहीं रात की नींद भी डिस्टर्ब हो जाती है। रात को अच्छी नींद न लेने के कारण आँखों के नीचे काले घेरे, और माथे पर झुर्रियां आने लगती हैं।
4. रेटिनल सेल्स:
मोबाइल और लेप्टोप से निकलने वाली ब्लू रेय्स का आँखों और आसपास की स्किन पर भी बुरा प्रभाव डालती है। यह रोशनी सीधे आँखों के रेटिनल सेल्स को नुकसान पहुंचाती है जिसके कारण आँखों के रेटिना पर ज़ोर पड़ता है। परिणामस्वरूप आँखों के आसपास की स्किन डिहाइड्रेट हो जाती है और आँखों के किनारे क्रो लाइंस आ जाती हैं।
5. नीली रोशनी से बचाव:
मोबाइल और सभी डिजिटल डिवाइस से निकालने वाला नीली रोशनी से होने वाले नुकसान को यदि आप रोकना चाहती हैं तो इसके लिए आप कुछ उपाय कर सकती हैं, जैसे :
1. एंटी ब्लू-लाइट ग्लास :
जब भी आपको लंबे समय किसी भी डिजिटल डिवाइस पर कम करना हो तब आप एंटी ब्लू-लाइट ग्लास का उपयोग कर सकती हैं। इससे आँखों को होने वाला नुकसान रोका जा सकता है।
2. प्राकृतिक प्रकाश:
मोबाइल से निकालने वाली नीली रोशनी से होने वाली नुकसान को रोकने या कम करने के लिए जहां तक संभव हो सके नैचुरल सन लाइट में अपना समय बिताएँ। सूरज की किरणों से निकलने वाली किरणों से प्रकाश डी प्रचुर मात्रा में मिलता है जिससे स्किन पर डिहाइड्रेशन को भी रोक सकती है।
3. सनस्क्रीन:
डिजिटल डिवाइसिस की नीली रोशनी को होने वाले नुकसान से बचाव के लिए अपने कोसमेटिक प्रोडक्ट्स में अच्छी क्वालिटी के सनस्क्रीन को शामिल करें। इसके लिए आप एचईवी सनस्क्रीन और सनस्क्रीन विद आयरन ओक्सिडाइस अगर स्किन पर लगाती हैं तो इससे स्किन को होने वाला नुकसान बच सकता है। क्यूंकी ये प्रोडक्ट्स
4. सीरम:
मोबाइल की नीली रोशनी से बचाव के लिए ऐसे सीरम जिसमें एंटीऑक्सीडेंट मिला हो को अपने कोस्मेटिक प्रोडक्ट्स में शामिल करें। इससे ओक्सीडेटिव स्ट्रेस से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है और स्किन से हानिकारक रोशनी के कारण होने वाले प्रदूषण के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
अगली बार जब आप अपने लिए एक अच्छा मोबाइल फोन लेने बाज़ार जाएँ तो इसके साथ ही एंटी ब्लू लाइट ग्लासेस और सनस्क्रीन और सीरम भी ले कर आयें। इससे न केवल आपकी आँखों का बचाव होगा बल्कि स्किन में भी लोच और चमक बनी रहेगी।
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