विवाह के उपरांत हर विवाहिता सोलह श्रृंगार के तहत सिर से लेकर पैर तक कोई न कोई सुहाग चिन्ह जैसे बिंदी, पायल, चूड़ी, सिंदूर आदि अवश्य धारण करती है। हमारे प्राचीन शास्त्रों में कहा गया है कि घर परिवार की मान प्रतिष्ठा की धुरी महिला को घर में भी सोलह श्रृंगार कर रहना चाहिए। सोलह […]
नवरात्रि पूजा की सम्पूर्ण विधि
नवरात्रि ऐसा पावन पर्व है जब भक्त शक्ति की देवी माँ दुर्गा की उपासना में लीन हो जाते हैं। यह पर्व पूरे नौ दिनों तक चलता है, जिसमें माँ दुर्गा के नौ रूपों की आराधना की जाती है। नवरात्रि के हर दिन माँ दुर्गा के एक विशिष्ट रूप की पूजा होती है। देवी के यह […]
क्या करें कि माँ लक्ष्मी आप के घर निवास करने लगे
कौन नहीं चाहता कि माता लक्ष्मी उनके घर में विराजमान हो जाये। आखिर सुख, समृद्धि और वैभव की देवी हैं माता लक्ष्मी। लक्ष्मी को चंचल स्वभाव का माना जाता है; एक जगह स्थिर मुश्किल से बैठती हैं। अगर उन्हें एक दूसरा स्थान मोहित कर लेता है, तो उधर चली जाती हैं। अत: आपको दो कार्य करने […]
एकादशी व्रत की संपूर्ण विधि
हमारे हिंदू धार्मिक ग्रंथों एवं शास्त्रों में शरीर एवं मन का संतुलन कायम रखने के उद्देश्य से व्रत एवं उपवास करने का विधान बनाया गया है। हिंदू धार्मिक परंपरा में अनेक धार्मिक अवसरों पर व्रत एवं उपवास रखे जाते हैं। हिंदू पंचांग की 11वीं तिथि को एकादशी के नाम से जाना जाता है। तमाम व्रत […]
विवाह मुहूर्त 2021-2022 (1 अप्रैल 2021 – 30 मई 2022)
हमारे यहाँ सभी कार्य मुहूर्त देखकर किए जाते हैं। हर मांगलिक कार्य के लिए शुभ मुहूर्त देखे जाने की मान्यता बरसों पुरानी है। हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार विवाह की तिथि और पाणिग्रहण संस्कार के लिए समय का निर्धारण पंचांग देखकर ही होता है। इस वर्ष की शुरुआत में केवल 18 जनवरी को ही शुभ […]
होलाष्टक पर शुभ कार्य क्यों नहीं किए जाते?
रंगों का पावन पर्व होली वसंतोत्सव के तौर पर फ़ाल्गुन माह की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार फ़ाल्गुन पूर्णिमा वर्ष का अंतिम दिवस होता है। इससे 8 दिनों पहले यानी अष्टमी से होलाष्टक शुरू हो जाते हैं। हमारे शास्त्रों में फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से लेकर होलिका […]