स्वास्थ्य

क्या होता है ब्रैस्ट पंप? कैसे इस्तेमाल होता है?

आज के इस आधुनिक दौर ने कई ऐसे बदलाव ला दिए है जिसने सामान्य जीवन में रोजमर्रा के कार्यों को आसान कर दिया है। पहले जिन चीजो की आप कल्पना भी नहीं कर सकते थे, वो अब संभव है। चाहें फिर वो बड़े से बड़े एयरप्लेन हो या फिर छोटे से घरेलु उपकरण। विज्ञान के अद्भुत आविष्कारों की इस श्रृंखला में एक नया नाम है ब्रैस्ट पंप (स्तन पंप )।

कोई भी माँ अपने बच्चे की परवरिश से समझौता नहीं करना चाहती है, पर कई बार परिस्थितिया ऐसी बन जाती है कि वह मजबूर हो जाती है। स्तनपान एक बच्चे के जीवन के लिए अत्यंत ही जरुरी है, पर कई बार ऐसा देखा गया है कि कुछ महिलाओ को स्तनपान करवाते समय असहज महसूस होता है या जो कामकाजी महिलाये है उन्हें उतना वक़्त ही नहीं मिल पाटा कि वह समय समय पर बच्चो को दूध पीला सके – ऐसे में स्तन पंप उनके लिए एक वरदान जैसे साबित हुआ है।

ब्रेस्ट पंप एक ऐसा यंत्र है जिससे माँ अपने दूध को एक पंप की सहायता से एक बॉटल में निकाल लेती है और फिर यह दूध बच्चे को भूख लगने पर दिया जाता है। इतना ही नहीं अगर तुरंत वह दूध का प्रयोग न भी करना हो तो उसे रेफ्रिजरेट करके रखा जा सकता है और बाद में आवश्यकता पड़ने पर उसे इस्तेमाल किया जाता है।

सिर्फ जॉब करने वाली महिलाये या अन्य महिलाये जीने स्तनपान करने में असहजता होती है केवल उनके लिए ही नहीं, यह स्तन पंप ( ब्रेस्ट पंप ) उन स्त्रियों के लिए भी काफी उपयोगी है जिनके स्तनों में अतिरिक्त दूध भर जाता है। अब ऐसे वक़्त में अगर बच्चे को भूख न हो या वह सोया हुआ हो तो जो स्तनों में अतिरिक्त दूध होने के कारन माँ को तकलीफ होती है – ऐसे में स्तन पंप या ब्रेस्ट पंप बहुत मददगार साबित होता है। इसकी मदद से स्तनों से अतिरिक्त दूध को निकाल लिया जाता है जिससे कि स्तनों में जो दर्द होता है वो तो कम होता ही है, साथ-साथ, यह बाद में बच्चे को पिलाने के लिए भी काम आ जाता है।

कामकाजी महिलाओ के लिए तो यह सबसे ज्यादा उपयोगी यंत्र है। इसकी मदद से वो अपना काम भी आसानी से कर सकती हैं और अपने बच्चे की देखभाल भी, क्योंकि एक शिशु के लिए माँ का दूध ही सबसे ज्यादा पौष्टिक होता है।

ब्रेस्ट पंप का चुनाव आप अपनी सुविधा के अनुसार कर सकते है। यह मुखयतः दो प्रकार के होते है , एक हस्त चलित ( मैनुअल ) पंप और एक इलेक्ट्रिक पंप। मैनुअल पंप में आपको उसे चलाना पड़ता है। अपनी आवश्यकता के अनुसार उसे हाथ से दबाकर स्तनों से दूध निकाला जा सकता है। वहीँ इलेक्ट्रिक पंप द्वारा सारा कार्य मशीन द्वारा ही किया जाता है। सक्शन मशीन द्वारा दूध को निकला जाता है और उसे बॉटल में स्टोर कर रख दिया जाता है।

 

Jasvinder Kaur Reen

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