हिन्दू धर्म के अनुयाई दिवाली के एक दिन बाद एक त्यौहार मनाते हैं जिसे भाई दूज या भैया दूज कहते हैं। भाई दूज को यम द्वितीया भी कहा जाता है। इस वर्ष हिन्दू पंचांग के अनुसार २०१९ में आज, २९ अक्तूबर को भाई दूज का त्यौहार मनाया जा रहा है।
दीपावली पर्व के बाद मनाया जाने वाला भाई दूज का त्यौहार लगभग रक्षाबंधन की तरह ही होता है। भाई दूज का त्यौहार विक्रम संवत् (नए वर्ष ) के दूसरे दिन मनाया जाता है। यह त्यौहार मुख्यतः उत्तरप्रदेश में अवधियों द्वारा बिहार में मैथिलों द्वारा मनाया जाता है। पश्चिम बंगाल में भी यह पर्व जोर-शोर से मनाया जाता है; बांग्ला भाषा में इसे ‘भाई फूटा’ कहा जाता है।

भाई दूज पर्व मनाने का मुख्य कारण भाई और बहन के रिश्तों को मज़बूत करना है। भाई दूज का त्यौहार भाई और बहन के परस्पर और निस्वार्थ प्रेम का प्रतीक है। इस दिन भाई अपनी बहन से मिलने उनके घर जाते हैं और उन्हें उपहार देते हैं। बहने अपने भाइयों की समृद्धि और लम्बी उम्र की कामना करती हैं।
भाई दूज लगभग देश के सभी हिस्सों में मनाया जाता है और ये विभिन्न नामों से भी जाना जाता है। बंगाल में भाई दूज को भाईफोटा कहा जाता है। और हर वर्ष काली पूजा के पहले या दूसरे दिन मनाया जाता है। भाई दूज को महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक में भाई बिज, भाऊबीज या भाव बिज भी कहा जाता है। नेपाल में भाई दूज विजयादशमी के बाद मनाया जाने वाला महत्त्वपूर्ण पर्व होता है। मणिपुर में इस पर्व को निन्गोलचाकुबा के नाम से जाना जाता है। भारत के दूसरे हिस्सों में भाई दूज को भ्रात द्वितीया भी कहा जाता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार यमराज अपनी बहन यमी के घर पधारे। यमराज को देखकर उनकी बहन यमी बहुत प्रसन्न हुई और उनका बहुत स्वागत सत्कार किया। खुश होकर यमराज ने अपनी बहन यमी को वर मांगने के लिए कहा। तब बहन ने अपने भाई से स्नेहपूर्वक आग्रह किया कि हर वर्ष इस दिन वे इसी प्रकार उनके घर पधारें और यह भी माँगा कि जो बहन इस दिन अपने भाई को तिलक कर भोजन करवाए और उनका स्वागत सत्कार करें, उनके भाई को कभी अकाल मृत्यु की प्राप्ति न हो।
एक दूसरी कथा के अनुसार,भगवान् श्री कृष्ण जब नरकासुर का वध करके अपनी बहन सुभद्रा के घर पहुंचे तो वहां उनकी बहन ने उनका स्वागत सत्कार किया। इस दिन के बाद से भाई दूज मनाया जाने लगा।
भाई दूज के दिन बहनें सुबह–सुबह स्नान कर थाली सजाती हैं। थाली में चावल, रोली, दीपक और मिठाई रखकर बहने अपने भाइयों की आरती उतरती हैं और उनकी मंगल कामना करती है। भाई दूज का त्यौहार भाई बहन के सम्बन्ध को अटूट बनाये रखता है।
भैय्या दूज का शुभ मुहूर्त २०१९
इस वर्ष द्वितीया तिथि २९ अक्तूबर २०१९ को सुबह ६:१३ से शुरू हो ३० अक्तूबर की सुबह ३:४८ तक रहेगी। दोपहर १२ बजकर २८ मिनट से लेकर २:४५ तक मुहूर्त का शुभ समय है। पर इस दिन किसी भी समय भाई का तिलक कर आप भाई-बहन के प्रेम के इस त्योहार को मना सकते हैं।
ऊपर दिया मुहूर्त का समय कलकत्ता के अनुसार है। कुछ और प्रमुख शहरों के भैया दूज मुहूर्त के समय:
- कानपुर: १२:५९ से ३:१४
- पटना: १२:४१ से २:५६
- नई दिल्ली: १:११ से ३:२५
- इंदौर: १:१८ से ३:३५
➡ वर्ष 2019 के हिन्दू विवाह मुहूर्त की सम्पूर्ण सूची
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