एक महिला को किस उम्र में गर्भ धारण करना चाहिए, इस तथ्य पर कुछ महिलाएं मानती हैं कि कम उम्र में माँ बनने से पारिवारिक जिम्मेदारियाँ जल्दी पूरी हो जाती हैं। जबकि आधुनिक विचारधारा की समर्थक महिलाएं कहती हैं कि किशोर अवस्था में माँ बनने से माँ और शिशु के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है इसलिए वो इस विचार का विरोध करती है। लेकिन इस विवाद का अंत हिंदुस्तान विवाह अधिनियम में लड़की की विवाहयोग्य आयु 18 वर्ष और लड़के की 21 वर्ष करने के साथ हो गया। लेकिन अब आधुनिक महिलाएं 40 वर्ष के बाद माँ बनने का निर्णय ले रही हैं। तो आइये इस लेख में जानते हैं कि महिला के लिए गर्भधारण करने की बेस्ट उम्र क्या होती है :
अगर महिला 20 वर्ष से पहले माँ बनती है :
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महिला का 20 वर्ष से कम उम्र में माँ बनना पुरातनपंथी विचारधारा को तो खुश कर देता है लेकिन ऐसा होने पर गर्भवती महिला को अनेक प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ झेलनी पड़ सकती हैं जैसे:
- गर्भवस्था के दौरान ब्लडप्रेशर हाई होने के कारण माँ का कोमा में चले जाना (एक्लम्पसिया)
- गर्भावस्था में ब्लड प्रेशर का नियमित रूप से हाई रहना और पेशाब में यूरिन का बने रहना (प्रीक्लेम्पसिया)
- गर्भाशय की आंतरिक परत में सूजन आना (एंडोमेट्रीटिस)
- बैक्टीरियल इन्फेक्शन का होना (कोरिओम्निओनिटिस)
- गर्भ के शिशु का सही विकास न होना
- प्रसव के बाद महिला को लंबे समय तक रक्त्स्त्राव होना
अगर महिला 20-29 वर्ष के बीच की आयु में माँ बनती है :
महिला के लिए गर्भधारण की दृष्टि से उम्र का यह पड़ाव सबसे अच्छा माना जाता है। इस आयु में न केवल महिला बल्कि उनका पुरुष साथी भी अपने व्यवसाय में स्थापित हो चुके होते हैं। इसके अतिरिक्त इस आयु में माँ बनने के कारण हैं:
- 30 वर्ष तक महिला माँ बनने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह से स्वस्थ व तैयार होती है।
- अगर महिला को विशेष स्वस्थ्य संबंधी परेशानी नहीं है तब आयु के इस पड़ाव पर माँ बनने से गर्भधारण के दौरान होने वाली किसी भी परेशानी की संभावना बहुत कम होती हैं।
- महिला के शरीर में स्वस्थ अंडाणु (Female Egg) स्वस्थ और पुरुष के स्पर्म काउंट (Sperm) अधिकतम होते हैं।
- आयु के इस पड़ाव में महिला के गर्भधारण करने की संभावना सामान्य रूप से अधिकतम मानी जाती है।
- यदि स्थितियाँ अनुकूल हों तब महिला इस आयु अंतराल में एक से अधिक बार माँ बनने का सौभाग्य ले सकती हैं।
30 से 39 वर्ष के बीच
अगर महिला 30-39 वर्ष के बीच की आयु में माँ बनती है:
करीब 32 वर्ष की उम्र से एक महिला की जननक्षमता कम होना शुरू हो जाती है। 35 वर्ष की उम्र के पश्चात कम होने की यह प्रक्रिया गति पकड़ लेती है। 35 की उम्र के बाद गर्भपात का खतरा भी बढ़ जाता है।
- इस समय महिला के शरीर में गर्भधारण की सफलता की संभावना 50-60% तक रह जाती हैं।
- अगर कुछ महिलाएं आईवीएफ तकनीक का सहारा लाती हैं तब भी उनके माँ बनने की संभावनाएँ 30% से भी कम रह जाती हैं।
- सामान्य तरीके से गर्भधारण करने पर भी महिलाओं में गर्भपात की संभावनाएँ अधिक ही रहती हैं।
- गर्भ के शिशु में गुणसूत्र (Chromosome) संबंधी विकार (Disorder) या विकृति (Deformity) होने की संभावनाएँ अधिक हो जाती हैं।
- प्रेग्नेंसी में अलग-अलग प्रकार की परेशानियाँ जैसे गर्भनाल का गर्भाशय ग्रीवा के चारों ओर लिपट जाना (प्लेसेंटा प्रिविया) का जोखिम अधिक हो जाता है।
- गर्भपात की संभावनाएँ अधिक हो जाती हैं।
नोट: 32 की उम्र के बाद दंपति को अपने डॉक्टर से परामर्श करने के बाद ही कोई फैसला करना चाहिए।
अगर महिला 40-49 वर्ष के बीच की आयु में माँ बनती है:
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उम्र के इस पड़ाव में महिला सामान्य रूप से गर्भधारण करने में लगभग असमर्थ रहती है। इसके अतिरिक्त इस समय महिला को गर्भधारण करने में जो कठिनाइयाँ आ सकती हैं, वो हैं :
- पूरे गर्भकाल में ब्लडप्रेशर के हाई बने रहने की परेशानी
- शरीर में नसों में खून जमने का जोखिम बन जाता है
- महिला का मधुमेह या शुगर से ग्रस्त होने की संभावना हो जाती है जिसके कारण प्रीएक्स्लेम्पिया होने की संभावना अधिक हो जाती है।
- पूरे गर्भकाल में शिशु के प्राण संकट में रहते हैं।
- महिला को गर्भाशय में होने वाला एक ट्यूमर जिसे जेस्टेशनल ट्रोफोब्लास्टिक कहते हैं, होने की संभवना भी बन जाती हैं और इसमें महिला व शिशु के प्राण संकट में आ जाते हैं।
- प्रसव के नॉर्मल होने की संभावना बहुत कम हो जाती है।
इसके अतिरिक्त इस उम्र में महिला को पूरे समय डॉक्टर की देखरेख की जरूरत हो सकती है।
अगर महिला 50 वर्ष के बाद की आयु में माँ बनती है :
महिला के लिए आयु का वह पड़ाव है जहां महिला मोनोपोज के निकट पहुँच रही होती है। इसलिए इस आयु में माँ बनने की संभावना शून्य समान हो जाती है। लेकिन आधुनिक तकनीक के चलते कुछ महिलाएं इस उम्र में भी गर्भधारण करने की कोशिश करती हैं। ऐसे में महिलाओं को उनके सामने आने वाली निम्न परेशानियों को ध्यान में रखना होगा:
- सामान्य विधि से गर्भधारण करना लगभग असंभव होता है।
- पूरे गर्भकाल में महिला व शिशु को डॉक्टर की देखरेख की ज़रूरत होती है।
- गर्भपात और समय से पहले प्रसव जैसी परेशानियों हो सकती है।
- गर्भकाल में टाइप 2 डाइबिटीज़ हो सकती है।
- ह्रदय संबंधी परेशानी जिसे मायोकार्डियल इन्फेक्शन जो एक प्रकार का हार्ट अटेक होता है, का जोखिम बढ़ जाता है।
इस पूरे विश्लेषण के बाद कहा जा सकता है कि गर्भधारण की बेस्ट उम्र महिला का 20-29 वर्ष के बीच की अवस्था होती है। इसके बाद अगर स्थितियाँ और स्वास्थ्य अनुकूल हो तब 30-35 वर्ष तक महिला गर्भधारण करने का प्रयत्न कर सकती है। लेकिन इसके बाद गर्भधारण करने में माँ और शिशु के स्वास्थ्य संबंधी जोखिम बढ़ जाता है।
अस्वीकरण: इस लेख को किसी डॉक्टर की सलाह का विकल्प न मानें। यह जानकारी केवल आपको जागरूक करने के लिए है। इतने अहम मुद्दे पर कोई भी निर्णय लेने से पूर्व अपने डॉक्टर से अवश्य सलाह करें।
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