सूरजमुखी के बीज से निकाले गये तेल को सूरजमुखी का तेल कहते हैं। इसमें शरीर के पोषण के लिए आवश्यक ओलिक एसिड, लिनोलिक एसिड, पामिटिक एसिड के साथ ही विटामिन डी और ई मौजूद होते हैं।
आइये जाने, क्या-क्या हैं सूरजमुखी के तेल के फायदे और नुकसान ।
सूरजमुखी के तेल के फायदे:
1.सूरजमुखी का तेल कुकिंग आयल के रूप में प्रयोग करने से ह्रदय स्वस्थ रहता है। इसका कारण इसमें पाए जाने वाली लिनोलिक एसिड की मात्रा है जो ह्रदय की धमनियों (आर्टरी) में खून के थक्के जमने से रोकती है। इसके कारण हृदय में ब्लड का सर्कुलेशन बाधित नहीं होता है।
2.कैंसर रोग से शरीर को बचाने में सहायक होता है। सूरजमुखी के तेल में मौजूद विटामिन ई की मात्रा एक प्रभावी एंटीऔक्सिडेंट का काम करती है। यह शरीर में उत्पन्न होने वाले फ्री रेडिकल्स को नष्ट करके त्वचा की मरम्मत करती है, जिसके कारण सेल्स कैंसर सेल्स में परिवर्तित नहीं हो पाते हैं।
सूरजमुखी के तेल के सेवन से त्वचा, फेफड़े एवं बड़ी आंत के कैंसर से बचाव होता है।
3. सूरजमुखी के तेल युक्त सौन्दर्य प्रसाधनों एवं मसाज आयल के प्रयोग से बढ़ती उम्र में त्वचा पर आने वाली झुर्रियों की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। बढ़ती उम्र में भी, त्वचा में लचीलापन एवं नमी लम्बे समय तक बरकरार रहती है।
4.सूरजमुखी के तेल में पाए जाने वाले पोषक तत्व पाचन तंत्र के क्रियान्वयन में आवश्यक एंजाइम को सक्रीय रखने में सहायक होते हैं, जिसके कारण पेट में गैस बनना, एसिडिटी एवं कब्ज की बिमारी से बचाव होता है।
5.सूरजमुखी के तेल में पाई जाने वाली विटामिन ए की मात्रा आँखों की रोशनी तेज बनाए रखने एवं वृद्धावस्था में आँखों में मोतियाबिंद की बिमारी से बचाव करने में सहायक होती है।
6. सूरजमुखी का तेल चिचिपाहट रहित एवं विटामिन ऐ, ई, डी, प्रोटीन एवं एंटीऔक्सिडेंट से युक्त होने के कारण चेहरे पर होने वाले मुँहासे या बैक्टीरियल संक्रमण की समस्या से राहत दिलाने में सहायक होता है।
7.सूरजमुखी के तेल में पाली एवं मोनोसैचुरेटेडफैट होने के कारण इसमें बने खाद्य पदार्थों को खाने से शरीर में उर्जा का संचार होता है।
8.सूरजमुखी के तेल में एंटीऔक्सिडेंट की मात्रा अधिक होने के कारण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती ह, जिससे वायु प्रदूषण के कारण होने वाली बिमारी अस्थमा (दमा) से बचाव होता है।
9. इसमें विटामिन डी एवं फास्फोरस की मात्रा होने के कारण हड्डियाँ मजबूत होती हैं। सूरजमुखी के तेल से जोड़ों की मालिश करने पर ऑर्थराइटिस के दर्द में आराम मिलता है।
10.नवजात शिशु को संक्रमण से बचाने के लिए सूरजमुखी का तेल बहुत उपयोगी होता है।
सूरजमुखी के तेल से नुकसान
1.सूरजमुखी के तेल में तले हुए या तेल को ज्यादा देर तक गर्म करके पकाए हुए खाद्य पदार्थों का सेवन करने से ह्रदय रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। इसका कारण इस तेल मे असंतृप्त वसा (unsaturated fat) का होना मौजूद होना है। इसके कारण तेल को अधिक गर्म करने पर असंतृप्त वसा बैड कोलेस्ट्राल में बदल जाता है, जो ह्रदय के स्वास्थ्य के लिए घातक होता है।
2.इस तेल में फैटी एसिड की मात्रा अधिक होने के कारण सूरजमुखी के बीज एवं तेल का आवश्यकता से ज्यादा सेवन करने से शरीर का वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है।
3.गर्भवती महिला एवं शिशु को स्तनपान कराने वाली माताओं को सूरजमुखी के तेल के सेवन से बचना चाहिए क्योंकि सूरजमुखी के तेल में सेलेनियम, फास्फोरस एवं ओमेगा6 फैटी एसिड की मात्रा अधिक पायी जाती है। इन तत्वों की अधिक मात्रा शरीर के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है।
4.सूरजमुखी के तेल में ज्यादा कैलोरी होने के कारण शरीर में फैट के जमने का खतरा होता है। इसलिए इस तेल का सेवन अधिक वजन वाले व्यक्ति, डायबिटीज एवं ह्रदय रोग से पीड़ित लोगों को नहीं करना चाहिए।
5.सूरजमुखी के बीज में फाइबर की मात्रा अधिक पाई जाती है। इसके कारण इसका अधिक मात्रा में सेवन से पेट दर्द एवं गैस बनने की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
6.जिन लोगों को सूरजमुखी के फूल कीखुशबू या बीज के सेवन से एलर्जी हो उन्हें सूरजमुखी के तेल का सेववन नहीं करना चाहिए।
7.सूरजमुखी के बीज के अधिक सेवन से शरीर में सोडियम की मात्रा अधिक हो सकती है।इस कारण से हाई ब्लडप्रेशर के रोगियों को इसके बीज का अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए।
8.इसके बीज में फास्फोरस की मात्रा अधिक होने के कारण इसके तेल के अधिक सेवन से किडनी के खराब होने का खतरा बढ़ जाता है।
9.सूरजमुखी के बीज एवं तेल में सेलेनियम की मात्रा पाई जाती है जो अधिक मात्रा में हो जाने पर बालों के कमजोर होने, नाखून कमजोर होने आदि समस्या पैदा कर सकती है।
10.सूरजमुखी एक औषधीय वनस्पति है। इस कारण इसके बीज या तेल की मात्रा का निर्धारण डाक्टर की सलाह से करना चाहिए, अन्यथा स्वास्थ्य सम्बन्धी विकार उत्पन्न हो सकते हैं।
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