हमारी संस्कृति में व्रत या उपवास का बहुत महत्व है. हमारे समाज में उपवास को अधिकतर धार्मिक महत्त्व ही दिया जाता है मगर बहुत कम लोग जानते हैं कि वैज्ञानिक रूप से भी उपवास करने के बहुत से फायदे हैं. वैज्ञानिक रूप से उपवास के क्या क्या फायदे हैं, आईये जानें-
वैज्ञानिकों के अनुसार उपवास करने से शरीर में जैव रासायनिक क्रियाएँ आरम्भ हो जाती हैं और शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति मजबूत होती है, जिससे शरीर विभिन्न प्रकार के रोगों का प्रतिरोध बखूबी कर पाता है.
उपवास रखने से शरीर से विषैले और हानिकारक तत्व बाहर निकल जाते हैं. इसके अलावा शरीर में हानिकारक फ्री रेडिकल्स का निर्माण होना भी कम हो जाता है और शरीर की हीलिंग प्रक्रिया ठीक रहती है. उपवास रखने से कई बीमारियां भी दूर रहती हैं.
वैज्ञानिको का मानना हैं कि उपवास करने से शरीर कैल्शियम, जिंक और आयरन जैसे तत्वों को आसानी से अवशोषण कर लेता है जिससे हड्डियां मजबूत होती हैं और साथ ही जोड़ों के दर्द व अन्य शारीरिक दर्दो से भी मुक्ति मिलती है.
उपवास करने पर हम आमतौर पर 8-9 घंटे भूखे रह ही लेते हैं जिससे शरीर में ‘किटोसिस’ जैसी प्रक्रिया शुरू हो जाती हैं और यह प्रक्रिया चर्बी हटाने में बहुत सहायक है. चर्बी कम होने से मोटापा अपनेआप कम होने लगता है.
उपवास से शरीर स्वस्थ रहता है और जब शरीर स्वस्थ रहता हैं तो उसका सकारात्मक प्रभाव दिमाग पर भी पड़ता है. इसलिए वैज्ञानिको का मानना है कि जो लोग उपवास करते हैं उनके शरीर के साथ ही उनका दिमाग भी चुस्त-दुरुस्त रहता है.
उपवास करने से उम्र भी बढ़ती है क्योंकि उपवास करने से शरीर को नुकसान पहुँचाने वाले तत्व तथा अन्य हानिकारक औरअपशिष्ट पदार्थ/तत्व शरीर से बाहर निकल जाते हैं जिससे शरीर साफ़ होता है और इसके परिणामस्वरूप शरीर के सभी अंग ठीक से काम करते हैं. इसके अलावा शरीर में कम समस्याएं होती हैं और शरीर स्वस्थ रहता है और जिससे आयु में वृद्धि होती है.
उपवास करने से शरीर का मेटाबॉलिज्म सामान्य हो जाता है और पाचनतंत्र को आराम मिलता है. इससे पेट के रोग जैसे कब्ज, गैस, एसिडीटी अजीर्ण, अरूचि और अन्य कई रोगों सिरदर्द, बुखार आदि से राहत मिलती है.
• उपवास करने से शरीर में हीमोग्लोबिन सही रहता है.
• उपवास करने से शरीर में ऊर्जा के स्तर में बढ़ोतरी होती है. वैज्ञानिकों का मानना हैं कि आपका उपवास जितने अधिक समय तक होता है शरीर की ऊर्जा उतनी ही अधिक बढ़ती है.
• उपवास करने से शरीर में कुछ ऐसे बैक्टीरिया उत्पन्न होते हैं जो शरीर के लिए बहुत लाभदायक होते हैं और वहीं दूसरी ओर हानिकारक बैक्टीरिया उपवास के समय ही अधिक नष्ट होते हैं.
• सप्ताह में एक दिन का उपवास रखना धार्मिक ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य और विज्ञान की दृष्टि से भी उचित है.
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