रसोईघर यानी की किचन की ख़ूबसूरती और समृद्धि सिर्फ़ मॉड्यूलर डिज़ाइन, महँगे अप्लायन्सज़, या क्रॉकरी से ही नहीं होती, बल्कि किचन की दीवारों, कैबिनेट, और स्लैब के लिए सही रंग का चुनाव भी ज़रूरी है। अगर आप वास्तुशास्त्र में विश्वास रखते हैं तो आपको यह भी पता होना चाहिए कि घर के बाक़ी हिस्सों की तरह आपका किचन भी एक अहम हिस्सा है।
वास्तु के अनुसार किचन की दिशा, दीवारों के रंग, फ़्लोर्स का रंग, और किचन से जुड़ी कई और बातें आपके जीवन पर प्रभाव डालती हैं। इसलिए काफ़ी सोच-विचारकर और वास्तु एक्स्पर्ट से सलाह लेकर ही किचन की दीवारों व अन्य हिस्सों के लिए रंगों का चुनाव करना चाहिए।
ईशान दिशा को छोड़कर अन्य किसी भी दिशा में रसोईघर बनाया जा सकता है। वैसे वास्तु के अनुसार रसोईघर के लिए घर की दक्षिण-पूर्व दिशा मतलब आग्नेय कोण को सबसे अच्छा बताया गया है। शुक्र इस दिशा का स्वामी ग्रह है और देवता अग्नि है। इसलिए घर के किचन में शुक्र से संबंधित रंगों का प्रयोग शुभ होता है।
घर के किचन का संबंध अग्नि तत्व से भी होता है। अग्नि का रंग लाल होता है, इसलिए किचन में लाल या संतरी रंग का प्रयोग अच्छा माना जाता है। कई वास्तु एक्स्पर्ट्स किचन की दीवारों के लिए लाल, पीले, और संतरी रंग को शुभ बताते हैं। इनके अलावा हल्का भूरा रंग भी दीवारों के लिए चल सकता है, क्योंकि यह संतुष्टि का सूचक है।
वैसे कुछ एक्स्पर्ट्स की राय यह भी है कि लाल रंग का ज़्यादा प्रयोग हर व्यक्ति के लिए शुभ फल नहीं देता। इसलिए किचन की सभी दीवारों को लाल रंग से पेंट कराने से पहले वास्तु एक्स्पर्ट्स से ज़रूर कन्सल्ट कर लेना चाहिए। वैसे भी अगर किचन की सभी दीवारों पर लाल पेंट किया जाए तो यह गहरा रंग आँखों को चुभेगा। अगर किचन के अपीयरेन्स पर विचार करें तो लाल रंग का क्रीम या सफ़ेद के साथ कॉम्बिनेशन से किचन को वास्तु कम्प्लायंट बनाने के साथ-साथ मॉडर्न और अट्रैक्टिव लुक भी दिया जा सकता है।
अगर आप किचन के कैबिनेट को लाल रंग से पेंट करा दें तो यह वास्तु के अनुसार तो अच्छा है ही, यह आपके किचन को एक आकर्षक लुक भी देगा। अगर आप पेंट नहीं कराना चाहें तो इसकी जगह किचन कैबिनेट्स के लिए लाल रंग के वॉलपेपर्स का भी प्रयोग कर सकती हैं। लाल के अलावा वास्तु कम्प्लायंट किचन में कैबिनेट्स के लिए हरा, ऑरेंज, और हल्के पीले या लेमन येलो रंग का भी प्रयोग किया जाता है जो स्वास्थ्य, सकारात्मकता, और ताज़गी के सूचक रंग हैं। अपने घर के अनुरूप और अपनी सुविधानुसार आप इनमे से कोई भी रंग अपने किचन कैबिनेट्स के लिए चुन सकते हैं। इन रंगों का प्रयोग किचन टेबल या किचन की स्लैब में भी किया जा सकता है।
अगर आपका किचन बड़ा है और डाइनिंग टेबल किचन में ही स्थित है तो वास्तु दोष मिटाने के लिए आप डाइनिंग टेबल पर लाल रंग का टेबल कवर भी बिछा सकते हैं।
फलोरिंग के लिए मार्बल, मोज़ेक, या सेरेमिक टाइल्स प्रचलन में हैं और किचन के लिए वास्तु के अनुसार भी सही हैं। फलोरिंग के लिए हल्के शेड्स जैसे वाइट, क्रीम, बेज़, लाइट ब्राउन वास्तु के अनुसार सही हैं और किचन को अच्छा लुक भी देते हैं।
वास्तु के अनुसार किचन की स्लैब के लिए उच्च गुणवत्ता के नैचुरल स्टोंस का प्रयोग किया जाना चाहिए जैसे ग्रेनाइट, क्वॉर्ट्ज़ इत्यादि। किचन के काउंटरटॉप्स के लिए भी हल्का पीला, हरा, नारंगी रंग वास्तु कम्प्लायंट है।
किचन की खिड़कियाँ को कभी भी नज़रंदाज़ नहीं करना चाहिए क्योंकि इनके ज़रिए ही सूरज की रोशनी किचन में आती हैं जिससे किचन में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव समाप्त होता है और वास्तु दोष भी दूर होता है। खिड़कियों को बनवाते समय यह ध्यान देना चाहिए कि दिनभर सूरज की रोशनी सीधी और पर्याप्त मात्रा में किचन में आती हो। किचन के दरवाज़े और खिड़कियों पर भी वास्तु कम्प्लायंट रंगों का ही प्रयोग किया जाना चाहिए।
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