अपने परिवार के स्वास्थ्य से बढ़ कर मेरे लिए कुछ भी नही हैं। अधिकांश भारतीय घरों की तरह हमारे घर में भी गेहूँ की सादी रोटियां ही बनाई जाती थी पर फिर मुझे पता चला की गेहूँ से बनी रोटी सिर्फ स्वादिष्ट होती हैं, पूर्ण रूप से पौष्टिक नही।
जब मैने इस बारे में अधिक जानकारी हासिल की तो यह भी पता चला कि गेहूँ में अगर अन्य अनाज मिला कर आटा पिसवाएं तो उस आटे से बनी रोटियां अधिक पौष्टिक और कई रोगों में लाभदायक होती हैं। अगली बार आपको भी अपने घर के लिए मल्टिग्रेन आटा क्यों लाना चाहिए, जानिए।
1. मोटापा और अधिक वजन
अगर आप मोटापे से परेशान हैं तो सिर्फ गेहूँ के आटे से बनी रोटी का सेवन नही करना चाहिए। ऐसे में आपको बाजरा, चना और ज्वार जैसे अनाज से बने आटे की रोटी का प्रयोग करना चाहिए। इससे वजन संतुलित रहता हैं।
2. रक्तचाप
रक्तचाप के रोगियों को केवल गेहूँ के आटे की जगह इसमें कुछ दालों को मिला कर उनका सेवन करना चाहिए, जैसे 1 किलोग्राम गेहूँ में 100 ग्राम सोयाबीन, 250 ग्राम चना और 50 ग्राम अलसी मिला कर पिसवा लें। इस मल्टीग्रेन आटे का सेवन करने से रक्तचाप में लाभ होता हैं।
3. मधुमेह
मधुमेह के शिकार लोगो को 10 किलोग्राम गेहूँ के आटे में 1 किलोग्राम जौ और 100 ग्राम मेथीदाना पिसवा कर और मिला कर सेवन करने से मधुमेह संतुलित रहती हैं। मेथी मधुमेह को नियंत्रित करने में सहायक हैं।
4. बच्चों के विकास के लिए
बच्चों के लिए भी मल्टिग्रेन आटा बहुत लाभदायक हैं। 5 किलोग्राम गेहूँ में 500 ग्राम सोयाबीन, 1 किलोग्राम चना और 500 ग्राम जौ मिला लें और इस आटे को पिसवा कर इसकी रोटी का सेवन बच्चों को करना चाहिए। यह मल्टिग्रेन आटा बच्चों के विकास में बहुत लाभदायक हैं।
5. कमजोरी या दुर्बलता में
कमजोर या दुर्बल लोगो के लिए भी मल्टिग्रेन आटे का सेवन बेहद लाभदायक हैं। इसके लिए 10 किलोग्राम गेहूँ में 2 किलोग्राम चना और 2 किलोग्राम जौ मिला कर आटा पिसवाएं। दुबले लोगो को हरी सब्जियां और फलों के साथ मल्टिग्रेन आटे का सेवन अच्छे परिणाम देता हैं। कमजोरी और दुबलापन दूर होता हैं।
6. गर्भवती महिलायों के लिए
गर्भवती महिलायों के लिए केवल गेहूँ के आटा पर्याप्त नही होता, बल्कि गेहूं के आटे में सोया, पालक, मेथी, बथुआ या अन्य हरी सब्जियां और अजवायन डाल कर इसकी रोटी का सेवन करना चाहिए। इससे पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व गर्भवती महिला को मिलते हैं।
7. महिलायों के लिए
महिलायों में हार्मोन्स का असन्तुलन होने से उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्टेरॉल और मधुमेह जैसे रोग हो जाते हैं। इन स्थितियों में 10 किलोग्राम गेहूँ, 2 किलोग्राम सोयाबीन, 3 किलोग्राम चना और 1 किलोग्राम जौ को मिला कर पिसवा लें और इसका सेवन करें। इन रोगों में अवश्य लाभ होगा।
मल्टिग्रेन आटा से बनाई रोटियों में आयरन फायबर, प्रोटीन और विटामिन बी 3 भरपूर मात्रा में होते हैं, यह पूरी तरह से पौष्टिक हैं और स्वादिष्ट होने के साथ साथ स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक हैं। आप अपने और अपने स्वास्थ्य के अनुसार दालों का चुनाव कर के गेहूँ के आटे को पौष्टिक बना सकते हैं।
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