अधिक चावल वास्तव में स्वास्थ्य के लिए उचित नहीं है और यह आपका वजन बढ़ाकर आपकी रक्त वाहिकाओं को रोक सकता है। चबाने वाले पदार्थों को शरीर के लिए पचाना कठिन होता है, क्योंकि इनका विभाजन कठिन होता है। नतीजतन, आपका उपापचय और धीमा पाचन हृदय से जुड़ी कई समस्याएं पैदा कर सकता है। जैसे कि आपने वो पुरानी कहावत तो सुनी ही होगी कि अति किसी चीज की अच्छी नहीं होतीे। खाना हमारे शरीर के लिये सबसे आवश्यक है, जिसके साथ कोई खिलवाड़ नहीं किया जाना चाहिए।
यदि आप अनेक प्रकार के रोगों से बचना चाहें तो अधिक चावल खाने से बचें। कई ऐसे मामले हैं जहाँ चिकित्सकों ने पाया है कि बहुत सारे लोगों की स्वास्थ्य परेशानियों की मुख्य वजह चावल है। यह वैज्ञानिक रूप से भी साबित हो चुका है।
एशिया के कुछ हिस्सों में चावल का उपभोग 85% तक किया जाता है। अगर आप चाँवल खा रहे हैं तो ध्यान रखिए कि ये बस स्वाद के लिये है, आपके स्वास्थ्य के लिए नहीं।
अगर आप पाचन संबंधी किसी समस्या का सामना कर रहे हैं तो कुछ दिन के लिए चावल कम कर दें या छोड़ दें और आप खुद हैरान होंगे कि आपकी समस्या कैसे समाप्त हो गयी। चावल, कई विटामिन और खनिजों के अवशोषण को रोकता है। आप अगर ज्यादा चाँवल अपने भोजन में शामिल कर रहे हैं तो विटामिन बी, लोहा, जस्ता जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों के कम अवशोषण का एहसास समय के साथ होगा। अगर आप अधिक चावल खाने के आदी हैं तो छोड़ना आपके लिए कठिन होगा पर कम करना नहीं।
हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में एक नए अध्ययन से पता चलता है कि बहुत से सफेद चावल खाने वाले लोग टाइप 2 मधुमेह के विकास के जोखिम से अधिक प्रभावित हैं। हार्वर्ड शोधकर्ताओं ने सफेद चावल की खपत पर पहले के चार अध्ययनों का विश्लेषण किया। जिसमें चीन, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के 352,000 से अधिक लोग शामिल थे, जिन्हें मधुमेह नहीं था। शोधकर्ताओं ने अनुवर्ती अवधि के बाद के शोध में पाया कि जो लोग 4 से 22 वर्ष के थे उनमें लगभग 13,400 को टाइप 2 मधुमेह था।
जिन लोगों ने सबसे अधिक चावल खाया, उनमें कम चाँवल खाने वाले लोगों की तुलना में मधुमेह होने की संभावना 1.5 गुना से अधिक थी। जो लोग ज्यादा चावल खाते हैं केवल उन्हें ही जोखिम नहीं है बल्कि जो स्टार्च कॉर्बोहाइड्रेट जैसे– सफेद रोटी, सफेद पास्ता और सफेद आलू पर्याप्त रूप से खाते हैं उनमें भी जोखिम की संभावनाएं बिल्कुल वैसी ही हैं।
मधुमेह ही केवल चावल से जुड़ा जोखिम नहीं है, पिछले साल हुए एक अध्ययन में पाया गया कि चावल में रासायनिक आर्सेनिक का खतरनाक स्तर हो सकता है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए अपने भोजन में चावल की मात्रा संतुलित रखें और स्वस्थ रहें।
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