सर्दी जुखाम बदलते मौसम के साथ होना स्वाभाविक माना जाता है। ये सर्दी से गर्मी के मौसम में बदलाव, वायु प्रदूषण आदि के कारण उत्पन्न होने वाले बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होता है।
जो आमतौर पर सात दिनों में ठीक भी हो जाती है। जिसके कारण इस बीमारी को गंभीरता से नहीं लिया जाता है। जिस तरह बार-बार बुखार होना किसी और बीमारी का संकेत हो सकता है, उसी तरह बार-बार सर्दी जुकाम होना चाहे लंबे समय तक सर्दी होना भी किसी और बीमारी की और इंगित कर सकता है।
आइये जाने इस लेख के माध्यम से सर्दी- जुखाम के लक्षण को कब गंभीरता से लिया जाना चाहिए और इसे कौन सी बिमारी के लक्षण का संकेत माना जा सकता है।
सर्दी- जुखाम के लक्षण कौन सी गंभीर बिमारी की और संकेत करते हैं ?
सर्दी – जुखाम के आम लक्षण सिर में दर्द , नाक से पानी बहना या नाक का बंद हो जाना एवं गले में कफ जमना, बुखार आदि ये सारे लक्षण यदि तीन महीने के अंतराल में कई बार हो जाए यानि सर्दी जुखाम पूरी तरह से ठीक हीं न हो, तो इसे गंभीरता से लेना आवश्यक है।
क्योंकि इस प्रकार के लक्षण बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होते हैं। जो लम्बे समय तक बने रहने पर साइनसाईटिस जैसी गंभीर बिमारी की और संकेत करते हैं।
साइनसाईटिस की शुरुआत भी सर्दी -जुखाम से होती है। जो बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण के रूप में विकसित होकर साइनसाईटिस का रूप धारण कर लेती है। इस बीमारी में साइनस में सूजन आ जाने के कारण सिर, नाक के आसपास, माथे में दर्द का अनुभव होता है।
इसके अतिरिक्त तेज बुखार होने के साथ हीं नाक से हरे रंग की कफ निकलने लगती है। सर्दी -जुखाम की ऐसी स्थिति सात महीने से ज्यादा अवधि तक बने रहने पर क्रोनिक साइनसाईटिस का रूप धारण कर लेती है।
साईनसाईटिस के लक्षण :
● गले में खराश
● मुँह से बदबू आना
● रात के समय बुखार एवं खाँसी का बढ़ जाना
● गले एवं जबड़ों में दर्द होना
● कफ की समस्या होना
● नाक से साँस लेने में मुश्किल होना
दर असल इन समस्याओं का कारण नाक के आसपास , दोनों आँखों के बीच में तथा माथे एवं गालों की हड्डियों के पीछे हवा से भरी छोटी -छोटी कोशिकाओं की थैली होती है। जिन्हें साइनस कहते हैं।
वायरल संक्रमण के कारण इन में सूजन आ जाती है। इस बीमारी के गंभीर रूप धारण करने पर सर्जरी तक की नौबत आ सकती है।
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