त्रिफला का चूर्ण आयुर्वेद का दिया ऐसा फार्मूला हैं जो कई तरह की बिमारियों के उपचार में सहायक हैं। त्रिफला, यानि तीन फलों का मिश्रण, का चूर्ण तीन औषधियों बेहड, आंवला और हरड से बनाया जाता हैं। आपने भी कभी न कभी पेट से सम्बंधित बीमारियों जैसे कब्ज के लिए इसका सेवन ज़रूर किया होगा। त्रिफला चूर्ण के कई लाभ हैं।
पेट की बिमारियों के लिए लाभदायक
त्रिफला चूर्ण को पेट की बिमारियों के लिए अमृत माना जाता हैं। पेट की जलन और एसिडिटी को कम करने और कब्ज के उपचार में त्रिफला चूर्ण बहुत ही लाभदायक हैं। यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाता हैं और इसे खाने से आंते साफ़ होती हैं। इसके सेवन से पुरानी कब्ज की बीमारी भी ठीक हो जाती हैं। रात को गर्म दूध के साथ त्रिफला के चूर्ण खाने से पेट की जलन दूर होती हैं और पेट भी साफ़ रहता हैं या फिर आप इसे गुनगुने पानी के साथ भी ले सकते हैं। इसके अलावा त्रिफला चूर्ण को गोमूत्र के साथ खाने से पेट दर्द, आफरा इत्यादि रोगों से राहत मिलती हैं। एक वयस्क व्यक्ति दिन में 3 ग्राम से 6 ग्राम त्रिफला की मात्रा ले सकता हैं।
दुष्प्रभाव
त्रिफला चूर्ण का सेवन पेट दर्द, पेट में गैस ,आफरा या पेट में जलन इत्यादि के लिए अधिक किया जाता हैं पर डॉक्टर की सलाह बिना ही त्रिफला चूर्ण को अधिक मात्रा में लेने से डायरिया जैसी समस्या हो सकती हैं। जिससे शरीर में पानी की कमी हो सकती हैं। इसका सेवन डॉक्टर से परामर्श कर के ही करें।
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