परसों, 7 नवंबर 2018, हिन्दू पंचांग अनुसार विक्रम संवत २०७५ के कार्तिक मास की अमावस्या का दिन, यानि दीपावली का पर्व। दीपों का यह उत्सव पूरे भारतवर्ष समेत विश्व के कई भागों में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा।
दीपावली की शाम को लक्ष्मी पूजा और दीपों का पूजन किया जाता है। जानिए अलग-अलग राशि के अनुसार दीपावली पूजा मुहूर्त: लक्ष्मी पूजा करने का शुभ लगन और समय।
प्रदोष काल
७ नवम्बर २०१८ को शाम के ५.३० बजे से ८.११ तक रहेगा प्रदोष काल। दिवाली पूजन के लिए यह समय काफी शुभ रहेगा।
निशीथ और महानिशीथ काल
७ नवम्बर को रात्री के ८.११ बजे से लेकर १०.५१ तक निशीथ काल रहेगा। यह समय व्यापारी वर्ग के द्वारा पूजा करने के लिए शुभ माना जाता है।
रात्री १०.५१ से लेकर १.३१ बजे तक का समय महानिशीथ काल रहेगा। इस समय पूजा कर्क लग्न में होगी जिसके बाद अत्यन्त शुभ सिंह लग्न प्रारम्भ होगा। कर्क और सिंह लग्न होने के कारण महानिशीथ काल का समय पूजा के लिए बहुत शुभ माना जाता है।
किस लग्न में पूजा करने से मिलेगा कौन-सा लाभ
वृश्चिक लग्न: दिवाली वाले दिन, सुबह का समय वृश्चिक लग्न का होता है। दफ्तर, कारखाने, होटल आदि व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में इस समय पूजा की जाती है।
कुम्भ लग्न: दिवाली के दिन दोपहर का समय कुम्भ लग्न चलता है। यह लग्न उन लोगों के लिए उत्तम रहता है जिन्हें व्यापार में घाटा चल रहा है। इसके अलावा जो लोग बीमार रहते हैं या जिनका शनि खराब चल रहा हो, वो भी इस लग्न में यदि पूजा करें तो उनके लिए यह शुभ फल देता है।
वृषभ लग्न: प्रायः गृहस्थ लोग इस मुहूर्त में पूजा करते हैं। यह दिवाली के दिन शाम का समय होता है। यह समय लक्ष्मी-पूजा के लिए बहुत अच्छा माना जाता है।
सिंह लग्न: मध्यरात्री का समय सिंह लग्न का होता है। इस दौरान संत, तांत्रिक आदि महालक्ष्मी का पूजन करते हैं।
नोट: कुछ लोग दीपावली पूजा के लिए चौघड़िया मुहूर्त देखते हैं। चौघड़िया सफर के लिए या किसी विशेष काम के लिए रवाना होने के लिए मुहूर्त है।
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