5th जुलाई 2020 को गुरु पुर्णिमा भी है और चंद्र ग्रहण भी। क्या आप जानते हैं ऐसा एक साथ होने का महत्व? किस तरह से यह दोनों बातें जुड़ी हुई हैं?
आज का दिन है स्वयं को अपनी आत्मा को, और फिर अपने परमात्मा को समर्पित करने का। आज का दिन है कृतार्थ का – हर उस शख़्स को, हर उस शक्ति को तन-मन से धन्यवाद देने का, जिन्होनें आपको आपके जीवन में किसी भी तरह से, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से, आपका साथ दिया है, आपका हौसला बढ़ाया है।

चंद्र ग्रहण शक्तियों में परिवर्तन का एक भौगौलीक संकेत है। आज के दिन, जब चंद्र ग्रहण के साथ-साथ गुरु पुर्णिमा भी है, इन बातों का ध्यान रखें:
1. पीले वस्त्र धारण करें
2. आज के दिन अत्यधिक शांति बरतें
किसी से भी, कोई भी छोटी-बड़ी बात पर बहस या झगड़ा न करें। पूर्णिमा की चाँदनी में आपका स्वभाव और हर एक क्रिया अधिक बड़ा रूप ले लेती है।
इसलिए आज के दिन ऐसा करना इस बात को इंगित करेगा कि आप मूल रूप से झगड़ालू प्रवृति के हैं, और यह आपके लिए एक जीवनभर के लिए बाधा बन सकती है।
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3. अपने गुरु स्थान या मंदिर में जाएँ
गुरु पुर्णिमा के दिन अपने गुरु से आशीर्वाद लीजिये। ऐसा संभव नहीं है, तो मंदिर में जाकर अपने देवी-देवता का आशीर्वाद लें।
4. सात बजे के पश्चात कुछ भी न खाएं
ग्रहण का प्रभाव खाद्य पदार्थों को तामसिक बना देता है। इसलिए किसी भी तरह का भोजन ग्रहण न करें।
5. गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं का खास ध्यान रखें
6. अपने निवास स्थान के अंदर रहें
ग्रहण के समय बाहर न निकलें, और घर में रहते हुए गायत्री मंत्र का जाप करना श्रेष्ठ है। ऐसा माना जाता है कि ग्रहण के दौरान (सांय 7 बजे से सुबह 3 बजे तक) चंद्र अपना 28 दिन का चक्र पूर्ण करता है।
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