जब पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है, तब खाया हुआ आहार पूरी तरह नहीं पचता है। इससे मल बंध नहीं पाता और दस्त पतला हो जाता है। बार-बार पतला दस्त अतिसार (डायरिया) कहलाता है। अतिसार से बचने के बहुत से उपाय हैं, जिनमें से कुछ के बारे में हम आपको बताएंगे।
वैसे तो दस्त आने के और भी कई कारण हो सकते हैं। ज्यादा खाना खाने, खाने में गड़बड़ी, मौसम का परिवर्तन या फिर ठंड लगने से भी पेट खराब हो सकता है। भूख कम और प्यास ज्यादा लगना या फिर पेट में गुड़गुड़ाहट होना दस्त या फिर अतिसार के ही लक्षण हैं।
दस्त होने पर दलिया, खिचड़ी, मसूर की दाल, नींबू, अनानास, सेब और अनार का रस, आंवला, मौसम्मी, बेल का मुरब्बा, छाछ, बार्ली, साबुदाना, केला, दही और गर्म पानी का सेवन करना सबसे ज्यादा लाभकारी होता है और इसका कोई दुष्परिणाम भी नहीं होता है।
इसके अलावा अतिसार के समय इन उपचारों का भी उपयोग किया जा सकता है
1. पुराने दस्त में थोड़ा बहुत व्यायाम और पेट की बीमारियों से संबंधी आसन अनुभवी चिकित्सकों की देख-रेख में ही करना चाहिए।
2. कुछ दिनों तक उपवास रखना और छाछ व कच्चे नारियल का पानी पीना लाभदायक होता है।
3. पानी को ढककर रखें और पीने से पहले हाथ को जरूर धो लें।
4. खाने की चीजें ढककर रखें और मक्खियों से बचाकर ही खाएं।
5. सुबह-शाम हरी घास पर नंगे पैर टहलने से लाभ मिलता है। कटे, सड़े फल और मक्खियों के स्पर्श वाले पदार्थों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
6. ज्यादा मात्रा में पानी पीना सबसे ज्यादा लाभकारी होता है।
7. आजकल हर्बल टी आसानी से किसी भी दूकान में या फिर ऑनलाइन मिल जाती है। हर्बल टी में थोड़ा सा अदरक और शहद मिलकर पीने से भी आराम मिलता है।
अतिसार में इन खाद्य पदार्थों से परहेज करें:
१. कॉफ़ी
२. कोई भी ऐसा खाने का सामान जिसमें कृत्रिम चीनी हो
३. अल्कोहल – किसी भी तरह के मद्यपान से परहेज करें
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