बच्चों में देश का भविष्य छिपा होता है तो वहीं महिलाओं में बच्चों का भविष्य बेहतर बनाने की कला होती है। इन दोनों के समग्र विकास के बिना देश का विकास लगभग असंभव है। यहां हम केन्द्र सरकार के महिला व बाल विकास विभाग की योजनाओं के संबंध में जानकारी प्राप्त करेंगे।
जैसा कि हम जानते हैं कि हमारा देश धीरे- धीरे विकास की ओर आगे बढ़ रहा है। पूरी तरह से एक विकसित देश बनने के लिए हमें अभी बहुत बदलाव करना होगा – चाहे वह लैंगिक भेदभाव हो या फिर धार्मिक भेदभाव। इसके अलावा भी कई ऐसे मुद्दे हैं जिनपर सोच विचार करने की बहुत आवश्यकता है।
सबसे ज्यादा स्त्रियों और बच्चों की स्थिति में सुधार करने की ज़रूरत है। ऐसा कहा जाता है कि बच्चे देश का भविष्य होते हैं तो उनका सशक्त होना बहुत ज़रूरी है। वतर्मान समय में महिलाओं का सशक्त बनना बहुत ज्यादा जरूरी हो गया है। यही वजह है कि भारत सरकार ने महिला और बाल विकास के लिए कई योजनायें बनायीं हैं और इन योजनाओं के तहत जरूरी सहायता प्रदान की जाती है। इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य बाल और महिला सशक्तिकरण है।
१. राजीव गाँधी किशोरी सशक्तिकरण योजना – सबला
इस योजना को २० नवम्बर २०१० में शुरू किया गया था। इस योजना के तहत ११ से १८ वर्ष की आयु की लड़कियों के स्वास्थ्य पर विशेषकर ध्यान दिया जाता है और उन्हें सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने का हर संभव प्रयास किया जाता है।
२. उज्जवला योजना
अभी हाल ही में ज़ी न्यूज़ और टाइम्स नाउ को दिए साक्षात्कार में भी प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना का जिक्र हुआ था। अभी भी भारत के लाखों घरों में रसोई बनाने के लिए लकड़ी, किरासिन या अन्य ऐसे अस्वच्छ ईंधन इस्तेमाल होते हैं। उज्ज्वला योजना का उद्देश्य सम्पूर्ण भारत में स्वच्छ ईंधन के उपयोग को १००% घरों तक पहुँचाना है। इसके तहत भारत सरकार ने लाखों घरों में मुफ्त गैस कनेक्शन लगवाए हैं।
अभी तक तो उज्ज्वला योजना को अच्छी शुरुआती सफलता मिली है। लेकिन इस योजना को हम तभी पूर्ण रूप से सफल मानेंगे जब लोग पहली बार गैस ख़तम हो जाने के बाद स्वयं अपनी लागत से गैस सिलिंडर फिर से भरवाएंगे। इसके आंकड़े आने अभी बाकी है।
३. स्वाधार योजना
इस योजना के तहत वेश्यावृति, कैद रिहाई, किसी प्राकृतिक आपदा या और कोई भी कारण से बेसहारा, बेघर महिलाओं को भोजन, कपड़ा और आश्रय उपलब्ध करवाया जाता है। इसके साथ ही उन्हें प्रशिक्षण भी मुहैया करवाया जाता है।
इस योजना के तहत विधवा औरतें या मानसिक रूप से पीड़ित औरतें जिनके पास अब रहने के लिए छत नहीं है, उन्हें भी इस के तहत सहारा दिया जाता है।
४. बालिका समृद्धि योजना
इस योजना का लाभ उन्हीं बच्चियों को मिलता है जिनका जन्म १५ अगस्त ११९७ या उसके बाद हुआ हो और वे गरीबी रेखा से नीचे वाले परिवार (BPL) में आती हों। इस योजना के चार उद्देश्य हैं:
- नवजात बच्चियों की तरफ परिवार और समाज के नकारात्मक रवैय्ये में परिवर्तन लाना
- विद्यालयों में बालिकाओं के दाखिले की संख्या में बढ़ोतरी, और केवल यही नहीं इसके बाद यह भी सुनिश्चित करना कि वो विद्यालय निचली कक्षाओं की पढ़ाई करके ही न छोड़ दें।
- लड़कियों की विवाह की औसतन आयु में बढ़ोतरी लाना
- ऐसे कार्यों में युवतियों की मदद करना जिससे उनकी आय हो सके
➡ बालिका समृद्धि योजना का आवेदन पत्र (Application Form) डाउनलोड करिये
५. बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना
यह योजना भी बालिकाओं के लिए हीं है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य कन्या भ्रूण हत्या को रोकना और बालिकाओं को शिक्षित कर उन्हें सशक्त बनाना है।
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