एक ऐसा पदार्थ जो हमारी रोज़मर्रा के जीवन में कुछ इस तरह से घुलमिल गया है, कि आज के समय में बिना हल्दी के एक भारतीय का जीवन सोचना ना मुमकिन है। बचपन से बड़े होने तक हमारे लिए हल्दी एक प्रकार का मसाला होने के साथ ही एक तरह की औषधि भी है।
दादी नानी के नुस्खों में प्रचुर मात्रा में हल्दी का प्रयोग किया गया। सिर्फ इतना ही नहीं ,भारत के आयुर्वेद शास्त्र के अनुसार हल्दी एक बहुपयोगी सामग्री है, जिसके सेवन मात्र से हर प्रकार की अस्वस्थता से निजात पाया जा सकता है।
लेकिन हर अच्छी चीज़ के कुछ नुकसान भी होते हैं. ये साइड इफेक्ट्स उतने प्रभावशाली नहीं होते लेकिन अगर आपका शरीर छोटे से छोटे वातावरण के बदलने से प्रभावित होता है, तो आपको आगे दी हुई बातों पे गौर फरमाना चाहिए।
हल्दी से आपका पेट ख़राब हो सकता है।
हल्दी के सेवन से गैस्ट्रिक एसिड की मात्रा शरीर में बढ़ जाती है। ये एक तरीक़े से अच्छा है, उन लोगों के लिए जिनको पाचन सम्बंधित समस्या हो।परंतु जिनको पाचन सम्बंधित समस्या न हो उनके पाचन क्रिया को हानि पहुँच सकती है।
रक्त प्रवाह को कम करता है।
अगर आपको हृदय सम्बंधित समस्या हो और आप उसके लिए दवाई लेते हो, तो इस बात पे ध्यान दें, कि अत्यधिक हल्दी आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। ये रक्त को और भी ज़्यादा पतला कर देता है। जिससे आपके हृदय रोग और ज़्यादा बढ़ सकते है। गर्भवती महिलाओं को भी हल्दी का ज़्यादा इस्तमाल नहीं करना चाहिए।
वही अगर कम मात्रा में लिया जाए(एक चुटकी) तो कोई घबराने की बात नहीं है।
ये सच है, कि हल्दी में बहुत सारे गुण है। दर्द निवारक, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला, भीतरी सौंदर्य को निखारता है और न जाने क्या क्या। ये एक ऐसा पदार्थ है, जिसके गुण तो पहले से हमे ज्ञात थे, लेकिन इनका प्रचार बाद में होना शुरू हुआ।
अब पूरी दुनिया इसके नुस्खों और उपायों को अपनाने के पिछे दौड़ रही है। सबसे ज़्यादा चर्चित तो वजन घटाने की प्रक्रिया है। सभी कोई इसका इस्तेमाल करते हैं। लेकिन ये बात पे कोई गौर नहीं करता, कि बिना चिकित्सक परामर्श के किसी भी उपाय को अपनाना कितना हानिकारक है।
बिना चिकित्सक के कहे किसी भी नयी चीज़ को इस्तेमाल करना ठीक उसी तरह है, जैसे किसी लॉटरी का खेलना। आप इस उम्मीद में रहते हैं, कि कुछ नया मिलेगा लेकिन हाथ आपके कुछ न आने की आशंका ज़्यादा रहती है। इसलिए सब हमेसा सोच समझकर काम करना चाहिए।
प्रातिक्रिया दे