नहाना शरीर के लिए ज़रूरी है और अच्छा भी लेकिन नहाने के लिए कुछ बातें ध्यान रखना ज़रूरी है . आप किस तरह का साबुन का इस्तेमाल करते है, वो तो अलग बात है. लेकिन लूफा से नहाने में फायदा कम नुकशान ज़्यादा है. जी हां , आप ये सोच रहे होंगे की लूफा से नहाने में तो ज़्यादा अच्छे से शरीर साफ़ होगा , कीटाणु मरेंगे , लेकिन क्या आपको ये पता है, कि लूफा से नहाने में कितने नुक्सान है.
आपकी स्किन तो नहाने के बाद आपको और साफ़ सुन्दर लगती है, लेकिन लूफा के घर्षण से स्किन को कितना नुकशान होता है, ये आप सोच भी नहीं सकते . जिनकी स्किन सेंसटिव हो उन्हें तो लूफा का प्रयोग नहीं ही करना चाहिए वरना नहाने के बाद आपकी स्किन लाल होकर छील जाएगी .
लूफा से नहाने से पहले अवश्य अच्छे से धोए, क्योंकि आपके बाथरूम के छोटे प्राणी उसे अपना बसेरा बना सकते हैं. नहाने के बाद तो लूफा को अच्छे से सुखाए वरना वो बैक्टीरिया का घर बन जाएगा. उसे धूप में अवश्य दें.
विशेषज्ञों की माने तो लूफा का इस्तेमाल बीमारियों को दावत देना है. जब हम नहाते है, हमारे त्वचा के सारे मृत कोशिकाएं निकल जाती है.नयी कोशिकाओं में किसी शख्त चीज़े के घर्सन से उन्हें हानि पहुँचती है और वे समय से पहले ही बूढ़े होने लगते है .
नहाते वक्त त्वचा में नमी बनाई रखना , उन्हें पोषण देना ज़रूरी है.ऐसे में नयी कोशिकाओं को अगर चोट पहुंचे तो घाव की शक्ल ले लेगा और जिससे स्वास्थ को और नुक्सान है .
अगर आप लूफा का प्रयोग करते है, तो ये ध्यान रखे की उसका मटेरियल सॉफ्ट हो.हार्श आपके स्किन के लिए नुकसानदेह है. लोकल या सस्ते ब्रांड्स लेने से बचे उनकी क्वालिटी भी सही नहीं होती और ढेरो केमिकल भी होते है.
लूफा को समय समय पर बदलते रहे और उसे स्टेरलीज़ करना ना भूलें.लूफा इस्तेमाल के समय सॉफ्ट साबुन या शावर जेल का इस्तेमाल करें, ताकि स्किन ऊपरी परत को नमी मिले .नहाने के तुरंत बाद अपने आप को मॉइस्चरीज़ करना ना भूलें . त्वचा की नियमित रूप से देखभाल करें.
अगर आपको त्वचा सम्बंधित कोई भी परेशानी सामने आए तो तुरंत ही चिकित्सक से परामर्श करें. आपको पता नहीं चलेगा की आपके साथ क्या हुआ लेकिन समस्या गहरी हो जाएगी. ऐसे में चिकित्सक द्वारा बताई गयी उपचार पद्धति को अपनाए. अपना और अपने स्वास्थ का ख्याल रखें.आप स्वस्थ रहेंगे तो आपके परिवार वाले भी स्वस्थ रहेंगे और समाज भी.
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