अगर बात भारतीय महिलाओं की हो तो काले, लंबे बालों और कोमल त्वचा वाली सौम्य नारी की छवि मन में उभरती है। प्राचीन काल से ही ऐसा मनमोहक सौंदर्य पाने के लिए भारतीय महिलाएँ कुछ ख़ास तरीक़े अपनाती आई हैं। अगर आप नुक़सानदायक केमिकल से मुक्त प्राचीन ब्यूटी सीक्रेट्स की जानकारी पाना चाहती हैं तो आपकी तलाश अब ख़त्म हो रही है। हम आपसे सौंदर्य के ऐसे प्राचीन रहस्यों को साझा करेंगे जिन्हें जानकर आप रातोंरात अपना सौंदर्य निखार सकती हैं।
कच्चा दूध
प्राचीन समय में महिलाएँ कच्चे दूध से त्वचा को क्लींज करती थीं। रानियाँ तो दूध से स्नान भी करती थीं। उनका मानना था कि कच्चे दूध से साफ़ करने से त्वचा दूध की तरह ही उजली, चमकीली और निर्मल हो जाती है। आप भी अगर नियमित रूप से कच्चे दूध में रुई डुबोकर उससे चेहरा क्लींज करें तो आपकी त्वचा भी चमक उठेगी।
नीम

नीम की पत्तियों को उबालकर स्टीम लेने से फोड़े-फुंसी और त्वचा की कई समस्याओं का निदान हो जाता है। नीम का पैक भी त्वचा के लिए बेहद फ़ायदेमंद है। नीम के तेल से मालिश करने से स्कैल्प और बालों की समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है। इससे डैड्रफ ख़त्म होता है और बालों में चमक भी आती है।
तुलसी
तुलसी का पौधा भारतीय परिवारों में आध्यात्मिक और पारंपरिक महत्व रखता है। तुलसी के पत्तों का नियमित सेवन करने से इम्यून सिस्टम मज़बूत होता है, रक्त साफ़ होता है, और टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं। इसके अलावा तुलसी के सेवन से तनाव भी घटता है। तुलसी का रस चेहरे पर लगाने से त्वचा की कई समस्याओं से छुटकारा भी मिलता है।
केसर
चेहरे पर निखार के लिए प्राचीन काल में केसर का उपयोग करने का प्रचलन था। मलाई या दूध में केसर मिलाकर इस लेप को चेहरे पर लगाने से चेहरे पर नूर आ जाता है।
उबटन
प्राचीन काल से ही उबटन का इस्तेमाल भारतीय महिलाओं की ख़ूबसूरती बढ़ाने के लिए होता आया है। उबटन के गुणों पर भारतीय लोगों का शत प्रतिशत विश्वास है। इसी कारण हिंदू विवाह के रीति-रिवाजों के अनुसार वर और वधू को विवाह से पहले कई दिनों तक उबटन लगाने का प्रचलन है। उबटन चेहरे के साथ-साथ पूरे शरीर को क्लींज करके रंग-रूप निखार देता है। इसके किसी भी तरह के हानिकारक प्रभाव नहीं होते हैं।
हल्दी
हल्दी भारत का प्रसिद्ध मसाला है जिसका इस्तेमाल खाने का ज़ायका बढ़ाने के लिए किया जाता है। खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ त्वचा के सौंदर्य के लिए भी भारत में सदियों से इसका इस्तेमाल होता आया है। हल्दी में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, इसलिए यह त्वचा पर संक्रमण, मुहाँसे, जलन, खुज़ली से निजात दिलाने में सहायक है।
शहद
त्वचा की सुंदरता बढ़ाने के लिए शहद का भी सदियों से उपयोग हो रहा है। शहद में हीलिंग और एंटीसेप्टिक गुण मौजूद होते हैं। इसलिए जलने-कटने पर शहद के इस्तेमाल से त्वचा को राहत मिलती है। अगर नियम से इसका इस्तेमाल किया जाए तो अक्सर जलने-कटने के निशान पूरी तरह भी ख़त्म हो जाते हैं। शहद का इस्तेमाल क्लेंज़र के रूप में किया जा सकता है।
समुद्री नमक
प्राचीन काल से ही शरीर से डेड स्किन हटाने के लिए समुद्री नमक का इस्तेमाल किया जाता है।
चंदन

भारत में चंदन भी प्राचीन काल से ही सौंदर्य बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इससे त्वचा की रंगत निखरने के साथ-साथ त्वचा को काफ़ी आराम भी मिलता है।
आँवला का तेल
बालों को लंबा, घना, मज़बूत बनाने के लिए भारतीय महिलाएँ प्राचीन काल से ही आँवले के तेल का इस्तेमाल करती आयी हैं। बालों के स्वास्थ्य के साथ-साथ आँवले के तेल से स्कैल्प समस्याओं का भी निदान हो जाता है।
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