हम सभी ने अपने बचपन में कार्टून एन्जॉय किया है. अभी अपने घर के नन्हे मुन्नो को कार्टून देखने के लिए टीवी के सामने छोड़ देते है . पर अपने कभी ये सोचा कि अपने बच्चे को व्यस्त रखने के लिए जो ये काम आप कर रहे हैं, वो उनके लिए कितना हानिकारक है. अगर आपके घर में कोई छोटा बच्चा है या आप खुद माता पिता है, तो इन हानियों का ज्ञान रखें जो हमेशा कार्टून देखने से आपके बच्चे को हो सकती है.
मानसिक विकास को रोकता है :
विशेषज्ञों ने ये पाया की रोज़ाना कार्टून देखने से बच्चों का मानसिक विकास कम होता है, वो अपने ही द्वारा रचित काल्पनिक दुनिया में जीना पसंद करते हैं, वर्त्तमान के हालत को सोच समझ कर जीना नई चाहते.
बोलने में कठिनाई :
आजकल के ज़्यादा कार्टून चाहे पिंगू हो या शॉन थे शीप या एंग्री बर्ड्स हो सारे के सारे अपनी ही अलग भाषा का प्रयोग करते हैं. इन्हें जब आपका बच्चा देखता है, तो वो इन्हीं की आवाज़े सीखता है और उनसे भाषा ज्ञान की कमी हो जाती है.
दृष्टि में समस्या :
रोज़ाना स्क्रीन के सामने बैठे रहने से आपके बच्चो कि आँखों पर बुरा असर करेगा और उनकी आँखों कि रौशनी ख़राब होने लगेगी.
मोटापे का स्वागत :
दिनभर कार्टून देखने से आपका बच्चा बाहरी गतिविधियों में पीछे रहेगा, जिससे तरह तरह की बीमारी, मोटापा, कम उम्र में ही आपके बच्चे को घेर लेगा.और इसकी चपेट से निकलना बहुत मुश्किल है|
खाने में अरुचि :
टीवी के सामने खाने से आपको ये नहीं पता चलेगा कि अपने कितना खाया .आपका ध्यान कभी खाने पर रहेगा ही नहीं, जिससे खाने के प्रति और अरुचि बढ़ती जाएगी.
अकेले रहने की आदत :
जो बच्चे दिनभर कार्टून देखते हैं, उन्हें हमेशा अकेले रहने की आदत पर जाती है. ऐसे में वे लोग जब बाहर निकलते है, तो समाज में घुलने मिलने में उन्हें असंतोष होता है.
वायलेंट :
आजकल के बच्चे तोह मार धार वाले कार्टून्स और वीडियो गेम्स खेलना पसंद करते है.इनसे उनके मन में आक्रामक होने कि प्रवृत्ति ज़्यादा होती है .
ऐसा नहीं है, कि कार्टून देखना बुरी बात है. हर चीज़ अच्छी होती ज़रूर है अगर उसे सही तरीक़े से किया जा सके वरना विनाशकाले विपरीत बुद्धि होने में समय नहीं लगता |
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