भारत में प्राचीन समय से ही गाय के दूध को प्रकृति द्वारा दिया गया सबसे अनमोल पोषक आहार माना जाता रहा है, इसे संपूर्ण आहार की संज्ञा दी गई है। दूध में कैल्शियम व प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। दूध स्वास्थ की दृष्टि से बहुत ही लाभदायक व गुणकारी होता है। लेकिन बाज़ार में आज के समय कई प्रकार का गाय का दूध उपलब्ध है, जिनके बारे में शायद कम ही लोग जानते हैं।
गाय के दूध को मुख्य रूप से दो श्रेणी में बाटा जा सकता है, पहला ए-1 टाइप दूध और दूसरा ए-2 टाइप दूध । ए-1 टाइप का दूध यूरोपीय नस्ल की गायों जैसे- जर्सी, होल्टीरा न आदि से प्राप्त होता है, जिसमें ए-1 बीटा कैसिइन नामक तत्व अधिक मात्रा में पाया जाता है, इसलिए यह दूध हमारे लिए विशेषतौर पर बच्चों के लिए बहुत हानिकारक होता है। ए-1 टाइप का दूध या जर्सी गाय का दूध बच्चों को क्यों नहीं पिलाना चाहिये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं.
1. ए-1 टाइप का प्रोटीन होने से इस प्रकार के दूध को पचाना मुश्किल होता है और पेट दर्द, अपच, दस्तप व श्वांस-प्रणाली संबंधी समस्या हो सकती है। इसमें मौजूद ए-1 बीटा कैसिइन भोजन को भी ठीक से पचने नहीं देता है।
2. कुछ शोधों के अनुसार इस प्रकार के दूध के सेवन से बच्चों में ए-1 टाइप डायबिटीज का खतरा होता है, जो मुख्य रूप से शरीर में इन्सुेलिन की पर्याप्त मात्रा न बनने से होती है।
3. ए-1 दूध में मौजूद बीसीएम-7 तत्वु बच्चों में ऑटिज्मर नामक रोग की आशंका को बढ़ता है, जिस कारण बच्चों के मस्तिष्की की विकास सामान्य रूप से नहीं हो पाता है।
4. अध्यनों से पता चला है कि ए-1 टाइप के दूध के सेवन से बच्चों की ‘सडन इंफेंट डेथ सिंड्रोम’ (एसआईडीएस) के कारण मृत्यु होने की आशंका बढ़ जाती है।
5. ए-1 बीटा कैसिइन के कारण क्षतिग्रस्त रक्त धमनियों में वसा जमा होने लगता है, जिस वजह से हदय संबंधी रोग होने की आशंका होती है। इसके साथ ही ए-1 टाइप का दूध रक्त धमनियों के कार्य को अवरूद्ध कर ब्लीड प्रेशर को भी प्रभावित करता है।
इन सब तथ्यों से तो यही सिद्ध होता है कि जर्सी गाय के द्वारा दिया जाने वाला ए-1 टाइप का दूध बच्चोंं के स्वास्थ पर नकारात्माक प्रभाव डालता है और उन्हें कई प्रकार की गंभीर बीमारियों का ग्रास बना सकता है।
mohd tauqeer khan
kya jarsi gaye ke doodh canser ke liye nuksan pahuchata ha