ऐतिहासिक दृष्टि से महाभारत का युद्ध न केवल भारत का बल्कि सम्पूर्ण विश्व का इतिहास बदलने वाला सिद्ध हुआ है। इस युद्ध का प्रथम लिखित विवरण वेद-व्यास रचित ‘महाभारत’ग्रंथ में मिलता है, जिसे विद्धवानों ने ‘ पांचवा वेद’ नाम दिया है। लेकिन फिर भी इस ग्रंथ से किसी को भी यह साफ नहीं पता लगता है की ,अठारह दिनों तक चला यह प्रथम विश्व युद्ध वास्तव में हुआ कब था। लिखित ठोस प्रमाण न होने के कारण यह युद्ध वास्तव में कब शुरू हुआ और कब इसका अंत हुआ, इसके बारे में कहना थोड़ा कठिन है। भारतीय इतिहासकारों में भी महाभारत के युद्ध काल के वास्तविक समय को लेकर भारी मतभेद है । आइये उपलब्ध तथ्यों के आधार पर इसका विश्लेषण करने का प्रयास करें : –
महाभारत क्यूँ हुआ था
महाभारत युद्ध की विभीषिका का आरंभ क्यूँ हुआ था, वैसे तो इसके पीछे मुख्य कारण पांडवों और कौरवों के बीच पारिवारिक दुश्मनी समझी जाती है। जबकि वास्तविकता कुछ और ही कहती है। अगर आप महाभारत युद्ध के मूल कारण को जानना चाहेंगे,तो यह देख सकते हैं की अगर राजा शांतनु ने निषाद-कन्या सत्यवती से विवाह करने का निर्णय न लिया होता और परिणामस्वरूप शांतनु-पुत्र देवव्रत ने आजीवन ब्रह्मचारी रहने की प्रतिज्ञा न की होती तो महाभारत का बीज ही न बोया जाता। इस बीज को खाद मिली राजा पांडु के असमय निधन और नेत्रहीन धृतराष्ट्र के राजा बनने से। इसके बाद गांधार नरेश शकुनि ने दुर्योधन को निमित्त बनाकर अपनी इच्छाएँ पूरी करता रहा, इस पौधे को वृक्ष बनने का मौका देता रहा।
महाभारत किस दिन शुरू हुआ था
घटनाचक्र घूमता रहा और महाभारत का होना निश्चित हो गया। श्रीकृष्ण ने इसके लिए कुरुक्षेत्र स्थान का भी चयन कर लिया। अब इसके बाद यह निश्चय लेना बाकी था, कि यह युद्ध किस दिन शुरू किया जाए। विभिन्न इतिहासकारों के खगोलीय प्रमाण के आधार पर 22 नवंबर 3067 ईसा पूर्व ही वह तिथि है, जब इस विनाशकारी युद्ध की शुरुआत हुई थी। इस बात का प्रमाण इस बात से मिलता है, कि युद्ध शुरू होने के 13 दिन पश्चात पूर्ण सूर्य ग्रहण लगा था। यही वो दिन था, जब अर्जुन ने जयद्रथ का वध करके अपनी प्रतिज्ञा पूरी की थी। यह ग्रहण उस वर्ष कार्तिक और आश्विन मास में लगे थे। इस घटना ने महाभारत युद्ध की वास्तविक तिथि का निकटतम अनुमान सिद्ध कर दिया है ।
महाभारत कितने दिन चला था
इतिहासकार महाभारत के युद्ध में अठारह की संख्या का महत्व देखते हुए इस युद्ध की अवधि को भी अठारह दिन का मान लेते हैं। इस बात के भी अकाट्य प्रमाण उपलब्ध हैं। अखिल भारतीय इतिहास-संकलन योजना के सदस्यों के अनुसार धर्मराज युधिष्ठिर ने युद्ध पश्चात 36 वर्ष 8 मास और 25 दिन तक शासन किया था। लगभग इसी समय, अथार्थ युद्ध के 37 वर्ष बाद श्री कृष्ण ने अपनी यह लीला संपूर्ण कर ली थी। युद्ध आरंभ होने की तिथि और इस तिथि के बीच का समय, युद्ध काल माना जा सकता है। युद्ध का घटनाचक्र भी इसी बात की ओर इशारा करता है। युद्ध के दसवें दिन भीष्म पितामह सेनापति थे, लेकिन ग्यारहवें दिन उनके बाण शय्या पर आने के बाद, प्रतिदिन एक कौरव सेनापति की मृत्यु ,युद्ध को अठारह दिन की अवधि की ओर ही इशारा करती है।दरअसल महाभारत के युद्ध ने अनेक रहस्यों की परतें खोली हैं और साथ ही अनेक तथ्यों की नींव भी रखी है।
SANJAY KUMAR KURREY
जब महाभारत कुरुक्षेत्र में युद्ध हुआ था जितने लोग वीरगति प्राप्त हुआ था और कुरुक्षेत्र रक्त से भरे हुये थे जिसके जलते वंहा का मिटटी लाल हैं अभी तक क्या यह सत्य हैं