आज के समय में हर महिला को सुंदर व आकर्षक लुक पाने के लिए कई प्रकार के ट्रीटमेंट से गुज़रना पड़ता है। बात जब चेहरे पर अनचाहे बालों की हो, तो इसके लिए कई विकल्प मौज़ूद है, जिनमें थ्रेडि़ंग और वैक्सिंग प्रमुख है। दोनों में से कौन-सा तरीक़ा ज़्यादा बेहतर है, यह जानने से पहले दोनों किस प्रकार काम करते हैं, इसके बारे में बात करते हैं ।
थ्रेडिंग – यह चेहरे से अनचाहे बालों को निकालने का एक बहुत ही पुराना तरीक़ा है, जिसमें दो जुड़े हुए कॉटन के धागों को कैंची के समान अनचाहे बालों पर घूमाकर जड़ से अलग कर दिया जाता है।
फ़ायदे :
1. इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार के हानिकारक कैमिकल्स का इस्तेमाल नहीं होता है।
2. अगर स्किन सेंसिटिव है, तो थ्रेडि़ंग आपके लिए बेस्ट हैं, क्योंकि इसमें कॉटन के धागों का त्वचा के साथ न के बराबर संपर्क होता है, जिससे मुहासे व रेशेस होना का ख़तरा कम होता है।
3. अनचाहे बालों को निकाले के लिए यह एक बहतु ही तेज़ प्रक्रिया जिसमें मुश्किल से पॉच मिनट का समय लगता है।
4. इसमें बालों को जड़ों से निकाला जाता है, इस कारण जल्दी-जल्दी हेयर रिमूव कराने जाना नहीं पड़ता है।
5. अनचाहे बालों को अलग करने का यह एक सस्ता तरीका है।
नुकसान:
1. थ्रेडि़ंग त्वचा को अतिसंवेदनशील बना सकती है और साथ ही स्किन खिचावरहित व खुरदुरी भी हो सकती है।
2. अगर यह ठीक ढंग से न की जाएं, तो ऑक्वर्ड लुक देती है।
अगर थ्रेडिंग के बाद आपको होते हैं पिम्पल्स, तो इन तरीके से हटाइये.
वैक्सिंग– वैक्सिंग करने से पहले बालों को एक समान करने के लिए ट्रिम किया जाता है। इसके बाद बालों पर लिक्विड वैक्स को लगाकर पट्टी (स्ट्रिप) रखी जाती है और फिर इस पट्टी को तेज़ी से खींचा जाता है, ताकि बाल अलग हो सकें।
फ़ायदे :
1. इसका असर एक से डेढ़ महिने तक रहता है।
2. इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार का दर्द नहीं होता है और कम समय में पूरी हो जाती है।
नुकसान :
1. इसमें कैमिकल्स का इस्तेमाल होता है, जिससे त्वचा में जलन हो सकती है, व लालपन भी आ सकता है।
2. अगर वैक्स को सही जगह पर लगाने में गलती हो जाए, तो लुक को खराब कर सकती है।
तो अब हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं, कि वैक्सिंग की तुलना में थ्रेडि़ंग ज़्यादा अच्छा विकल्प होता है:
1. थ्रेडि़ंग में किसी प्रकार के कैमिकल्स का उपयोग नहीं होता है।
2. वैक्सिंग से जलन व अन्य स्किन संबंधी समस्याएं हो सकती जबकि थ्रेडि़ंग त्वचा को बिल्कुल भी नुकसान नहीं पहुँचाती है।
3. वैक्सिंग में थ्रेडि़ंग के मुकाबले ज़्यादा समय लगता है, क्योंकि वैक्स को बालों पर लगाने के बाद उसके सूखने का इंतजार करना पड़ता है।
4. थ्रेडि़ंग का असर वैक्सिंग की अपेक्षा ज़्यादा समय तक रहता है।
5. थ्रेडि़ंग से शानदार लुक मिलता है और गलती की आशंका न के बराबर होती है, वहीं दूसरी ओर गलत तरह से की गई वैक्सिंग चेहरे को भद्दा बना सकती है।
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