ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को अपनी राशि और नक्षत्रों के अनुसार रत्न धारण करना चाहिए| अलग-अलग ग्रहों और नक्षत्रों के हिसाब से अलग-अलग रत्न धारण करने का महत्व है| मुख्य रूप से इन रत्नों में,मणिक, मूंगा, मोती, पुखराज, पन्ना, हीरा और नीलम आदि माने जाते हैं| जिस प्रकार इन सब रत्नों को इनके ग्रह-नक्षत्रों के अनुसार पहना जाता है, उसी प्रकार ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मोती पहनने का भी अपना एक अलग महत्व है| आइए जानते है, कि ज्योतिष शास्त्र में मोती पहनने के क्या-क्या फ़ायदे बताए गए हैं|
ज्योतिष शास्त्र में मोती पहनने के फ़ायदे
ज्योतिषशास्त्रियों के अनुसार चंद्र ग्रह के दोष और अशुभता से बचने के लिए मोती को शुभ माना गया है| इसका मुख्य कारण है, कि मोती चंद्र देव को अत्यधिक प्रिय है| मोती को चंद्र ग्रह का प्रतिनिधित्वकर्ता माना गया है| चंद्र, मनुष्य के मन और उसकी सोच को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है| चंद्र के दोष को दूर करने के लिए मोती धारण किया जाता है, क्योंकि मोती हमारे मन में स्थिरता का वास करवाता है, इससे हमारा मन भटकता नहीं है|
मोती धारण करने वाले व्यक्ति के मात्री पक्ष के साथ मधुर सम्बन्ध होते हैं| इसके साथ ही द्रव्य से जुड़े रोगों जैसे-रक्तचाप, मूत्राशय के रोग आदि में लाभ होता है| मोती पहनने से व्यक्ति में आत्मविश्वास की भी बढ़ोत्तरी होती है|
अधिकतर नवजात शिशुओं में चंद्र ग्रह का दोष अधिक होता है| इसी कारण से शिशुओं के गले में मोती पहनाया जाता है, ताकि वह ग्रहों की अशुभता से बचे रहें| इसके साथ ही दूध और जल के कारोबार से जुड़े लोगों को मोती अवश्य धारण करना चाहिए|
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि व्यक्ति की कुंडली में चन्द्रमा के साथ राहू और केतू का दोष विध्यमान है, तो उसकी कुंडली में चंद्र ग्रहण की अशुभता रहती है| शरीर पर मोती धारण करने से व्यक्ति का यह ग्रह दोष पूर्णतया समाप्त हो जाता है|
इसके अलावा ज्योतिष के मतानुसार यदि किसी व्यक्ति में क्रोध या उत्तेजना अधिक है, तो मोती पहनने से वह इन पर काबू पा सकता है| मोती गुस्से को शान्त करने और दिमाग को तनावमुक्त रखने में सहायक होता है|
मोती रत्न को पहनने से व्यक्ति में मानसिक शांति ,एकाग्रता आदि गुण विध्यमान रहता है| मोती के प्रभाव से व्यक्ति को क्रोध, तनाव, मानसिक असंतुलन या कोई अन्य दिमागी बिमारी कभी नहीं जकड़ता|
मोती धारण करने का उचित तरीका और इसके प्रभाव
मोती धारण करने के 4 दिन के अंदर आपको असर दिखाई देने लगेगा और लगभग 2 साल तक आप इसका लाभ पा सकते हैं| इसके बाद मोती को बदल दे या मोती को शुद्ध नमक के पानी में धोलें| इससे मोती के नकारात्मक प्रभाव समाप्त हो जाएँगे| उस साफ मोती को मंदिर में शिवलिंग को छुआकर धारण कर लें|
परन्तु मोती धारण करने से पूर्व अपनी कुंडली में चंद्र ग्रह की स्थिति ज़रूर पता कर लें| क्योंकि कभी-कभी ग़लत मोती पहनने से चंद्र ग्रह की अशुभता और अधिक हो जाती है| इससे पागलपन जैसी बीमारियाँ भी मनुष्य को घेर सकती है और यह नुकसानदायक हो सकता है|
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