यदि आपके बच्चे की पढ़ाई की नींव मजबूत है तो वह अपने शैक्षणिक जीवन की शुरुआत से आखिर तक उसमें बेहतरीन प्रदर्शन कर सकता है। एक बच्चे की 5 से 12 वर्ष की आयु इस दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण होती है। इस अवधि में ग्रहण की गई जानकारी और सीखा गया कौशल उसके भविष्य की शिक्षा की नींव रखते हैं। बच्चे के मस्तिष्क का विकास होता है। उसका शैक्षणिक, सामाजिक एवं शारीरिक स्तर पर विकास का मार्ग प्रशस्त होता है।
अभिभावक साढ़े पांच वर्ष से बारह वर्ष के बीच की अवधि में निम्न तरीकों से शिक्षा के क्षेत्र में उसकी प्रगति की मजबूत आधारशिला रख सकते हैं।
स्कूल में पढ़ाए गए पाठों का घर में रोजाना दोहरान (Revision) करवाएं:
सबसे पहले अपने बच्चे को होमवर्क से पहले रोजाना पढ़ाए गए पाठ को एक बार पढ़ने के लिए कहें। फिर उस पाठ पर अच्छी तरह से बच्चे के साथ चर्चा करें। यदि उसमें उसके कोई संदेह हो तो उसे स्पष्ट करें। पाठसे संबंधित खूब सारे प्रश्न पूछें।
यहां आपको यह ध्यान रखना है कि घर पर आपको पूरा पाठ स्वयं नहीं पढ़ाना है। वह तो क्लास में शिक्षिका ने पढ़ा ही दिया है। बस आपको बच्चे से पूरा पाठ पढ़वाना है और आपको मात्र उसके संदेह दूर करने हैं।
यदि होमवर्क करने से पहले बच्चा क्लास में पढ़ाए गए पाठ को एक बार पढ़ लेता है तो उसे पाठ का टॉपिक अच्छी तरह समझ में आ जाएगा। वह उसे बहुत समय तक याद भी रख पाएगा।
क्लास वन, टू में पहुंचते-पहुंचते उससे पढे गए पाठ के टॉपिक पर भाषा बदलकर घुमा फिरा कर उस से प्रश्न पूछें, जिससे वह उस टॉपिक को बहुत अच्छी तरह से समझ सके। इस आदत से यदि बड़ी क्लास में परीक्षा में उस टॉपिक का कोई प्रश्न घुमा फिरा कर दूसरी भाषा में भी पूछा जाएगा तो वह उसे अच्छी तरह से लिख सकेगा।
बच्चे में इस प्रकार नियमित रिवीज़न की आदत पांच साढ़े पांच वर्ष की आयु से ही डालें जिससे बड़ा होते होते यह उसकी स्थाई आदत बन जाए।
इस प्रक्रिया से बच्चे को वह टॉपिक भलीभांति समझ में आने के साथ-साथ उस टॉपिक से संबंधित संदेह कम होंगे और टॉपिक संबंधित उसके सिद्धांत (Concepts) स्पष्ट हो जाएंगे।
पाठ का सारांश (Summary) बच्चे से लिखवाएं:
यदि समय मिले तो रोज़ और यदि समय नहीं मिले तो छुट्टी के दिन बच्चे से उस सप्ताह क्लास में पढ़ाए गए पाठों का सारांश पॉइंट्स में बच्चे से लिखवाएं जिससे बच्चे का लेखन कौशल और अभिव्यक्ति कौशल ( Expression skill) का भरपूर विकास होगा।
स्पेलिंग और वर्तनी का अभ्यास करवाएं:
साढ़े पांच छै वर्ष की उम्र से ही उसे रोजाना हिंदी और अंग्रेजी के पांच पांच शब्दों की वर्तनी और स्पेलिंग याद करवाएं ।
बच्चे के क्लास वन में पहुंचते-पहुंचते शब्दों की संख्या बढ़ाकर दस तक कर सकती हैं।
इससे बच्चे में बचपन से ही हिंदी की वर्तनी और अंग्रेजी की स्पेलिंग सही लिखने का अभ्यास होगा और वह कभी स्पेलिंग या वर्तनी मैं गलती नहीं करेगा ।
रोजाना बच्चे को डिक्टेशन दें जिसे बच्चा खुद चेक कर सकता है।
शब्दार्थ याद करवाएं:
क्लास वन से बच्चे को पांच हिंदी और पांच अंग्रेजी के शब्दों के अर्थ (Meaning) याद करवाएं। फिर टेस्ट में उसे उन्हें लिखने को दें।
इसके साथ उन शब्दों से उसे वाक्य बनाने को दें। इन्हें पहले बच्चे से रेड पेन से चेक करवाएं एवं उसके बाद आप ग्रीन पेन से चेक करें।
गणित:
रोज दो तीन पहाड़े (Tables) बार बार बोल कर बच्चे को याद करवाएं। याद रखें यदि आपका बच्चा अच्छी तरह से 20 तक पहाड़े याद कर लेता है तो उसकी गणित की नींव बहुत हद तक मजबूत हो जाएगी।
इसके साथ ही साढ़े पांच-छह वर्ष की आयु से उसे रोज घर पर होमवर्क के अलावा 5 गणित के सवाल हल करने के लिए दें। धीरे-धीरे संख्या बढ़ाते हुए बड़ी क्लासों में उसकी सामर्थ्य के अनुसार उसे 10, 15, 20, 25 सवाल रोज़करवाएं।
इस प्रकार उसकी गणित में नींव मजबूत होगी।
चित्रों का अभ्यास:
विज्ञान विषय में बड़ी क्लासेज़ में चित्र (Diagram) बहुत महत्वपूर्ण हो जाते हैं। अतः 7-8 वर्ष का होते होते उससे विज्ञान के टॉपिक्स के चित्र बनाने का अभ्यास करवाएं ।
बच्चे को पूरा पाठ शिक्षक की तरह आपको समझाने के लिए कहें:
छुट्टी के दिन उसे कठिन पाठों को शिक्षिका के समान आपको समझाने के लिए कहें। इससे बच्चा पाठ के मुश्किल सिद्धान्त (Concepts) स्वयं समझ कर उन्हें हमेशा के लिए याद रख पाएगा और कठिन टॉपिक्स समझ कर वह परीक्षा में उससे संबन्धित हर प्रश्न का उत्तर लिख पाएगा।
बच्चे का लिखित टेस्ट लें:
जिस दिन बच्चे को समय मिले या अवकाश के दिन उसका एक या दो विषयों में पांच-सात प्रश्नों का टेस्ट लें। इससे बचपन से ही बच्चे की लिखने की गति (speed) बढ़ेगी जो कि आजकल के प्रतिस्पर्धात्मक (Competitive) समय की सर्वाधिक महत्वपूर्ण आवश्यकता है।
टेस्ट पूरा करवाने के बाद यदि आपको लगता है कि आपका बच्चा अपनी स्कूल की कॉपी में उत्तर देखते हुए उसे स्वयं चैक करने में समर्थ है तो बच्चे से ही पहले रेड पेन से पूरा टेस्ट चैक करवाएं। उससे कहें कि वह अपनी स्कूल की कॉपी से देख कर स्पेलिंग्स और अन्य गलतियाँ चैक कर के उत्तरों को नंबर भी दे। उसके बाद आप भी ग्रीन पेन से टेस्ट को चैक कर सकती हैं।
पूरे टेस्ट की बच्चे द्वारा और आप द्वारा चैकिंग के बाद उसकी सभी गलतियाँ सुधरवा कर सही स्पेलिंग्स और उत्तर उससे एक बार फिर याद करवाएं और उन्हें दोबारा लिखवा लें।
इस तरह कम से कम स्पून फीडिंग के साथ यदि आप बच्चे को पढ़ाई में अधिकार देते हुए उसे अपने साथ शामिल करेंगी तो उसके कॉन्सेप्ट्स शत प्रतिशत स्पष्ट होने के साथ साथ वह परीक्षा में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन करेगा, जो कि हर अभिभावक का सपना होता है। इस प्रकार पढ़ाई पर सशक्त पकड़ के साथ साथ आपके बच्चे के आत्मविश्वास में आशातीश वृद्धि होगी और वह आत्मनिर्भरता की दिशा में भी कदम बढ़ाएगा।
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ध्यान रखें ऊपर बताया गया कार्य बच्चे के होमवर्क के अतिरिक्त लगभग रोज़ाना करवाएं। सारांश और टेस्ट आप जिस दिन बच्चे को कम होमवर्क मिले उस दिन या छुट्टी के दिन करवाएं। इन सारे कामों को करने में आपके बच्चे को लगभग एक घंटे का समय लगेगा।
इस ढंग से बच्चे को पढ़ाने से बच्चा पढ़ाई में बहुत जल्दी आत्मनिर्भर बनेगा। आपको मात्र 9-10 वर्ष की उम्र तक इस तरीके से पढ़ने के लिए उस पर अपनी निगरानी रखनी होगी।9-10 वर्ष का होते होते आप पाएंगी कि वह स्वतंत्र रूप से पढ़ाई करने लगा है।
मैंने स्कूल में 25 वर्षों से अधिक शिक्षण कार्य किया है और अपने निजी अनुभवों के आधार पर मैंने बच्चों के लिए घर पर पढ़ाई का यह सिस्टम बनाया है। यदि आप बच्चे की क्षमता के अनुरूप कुछ फ़ेरबदल कर इस शेड्यूल के अनुसार पढ़ाएं तो मैं गारंटी लेती हूं कि आप अपने बच्चे की पढ़ाई की नींव बेहद मजबूत बनाने में सफल होंगी। परिणामस्वरूप आपका बच्चा पढ़ाई के हर स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने में सफल होगा।
मैंने अपने 25 वर्षों के शिक्षण के करियर में अपने अनेक छात्रों को इस सिस्टम के अनुरूप पढ़ने का परामर्श दिया है। इसके फलस्वरूप उन सभी छात्रों ने स्टडीज़ में बेहतरीन प्रदर्शन किया है।
यदि आप अपने बच्चे की पढ़ाई से संबंधित किसी समस्या को लेकर परेशान हैं तो आप कमेंट में मुझे अपनी समस्या बता सकती हैं। में निश्चित ही शीघ्र आपको उसका समुचित उत्तर देने का प्रयास करूंगी।
Varsha
Mere bacche ko main bachpan se school aane ke bad nahi padayi kyoki school time7:30 to2:30hai ghar aane me 3:30ya3:40time ho jata hai fir tution4:00to6:00baje tak rahti hai ghar aane me 6:30ya6:40time ho jata hai abhi 4th class me gaya hai hindi ki reding thik se nahi aati ICSE bord hai kya karu ki mera beta aache se padayi me dhayan se pade.
ARTI JHA
Respected sir,
Meri beti 5th class ki student hai . Math mai strong kane ki tipes dijiye.
Study karne waqt remember hoti hai .but kuchh hi dino mai bhul jati hai .plz guide me
Parul Saraf
Hlo
My baby is 5 years old and he never do studies.what should I do
Priya
Mere bete ko padne me bilkul interest nhi a ta hai usko jaldi lgi rehti hai ki mera kam jaldi khatam ho
Ritu
Hello ma’am, as you I am already do this my children are good in studies but from last year I notice their concentration is going down, like don’t know what I am saying or what teacher is reading how can I overcome with this bcoz I know it is easy in this age of 7 yrs but I don’t know how? Plz suggest the way.. Thank you😊
Nilisha
Meri English utni achi nhi hai… I mean baat nhi kr skti.. to 4sal ki beti ko kis trh English talking krvau
Shahin Zabir
Hello mam mai hindi midiyam ki hu or mera beta English medium ka h abhi wo 13 year ka h 7 class me h magar vo pahale padne me thik tha magar kuchh salo se uska man nahi lagraha h or koi baat nahi sunta h palat kar jawab deta h padhta bilkul bhi nahi h usko mai kaise samjhao or vo kaise padhne lage
नीता
Online study की वजह से बच्चे गेम की तरफ ज्यादा झुक रहे है
उनकी फोकस कैसे बढ़ाएं
ARTI JHA
Respected sir,
Meri beti 5th class ki student hai . Math mai strong kane ki tipes dijiye.
Study karne waqt remember hoti hai .but kuchh hi dino mai bhul jati hai .plz guide me
Harsha Bajaj
Mam m bhi aisa schedule follow kea h ghr m to m kafi had Tak success hu but m tution bhi leti hu ek sath sabko proper time nahi de pati hu kuki different bacha h kise ko Jada to kise ko Kam dekh pati hu m sab par dhyan du or class m discipline bana raha uska Lea Kya kru help me or suggest me what to do