अंतर्राष्ट्रीय बेस्टसेलर, “माइंड पावर इन टू द फर्स्ट सेंचुरी” के लेखक जॉन केहो के अनुसार हमारा मन बगीचे की तरह होता है और हम उसके मुख्य बागवान हैं। हम अपने बाग को अपनी मेहनत और साज संभाल से एक अद्वितीय मास्टर पीस बना सकते हैं अथवा हमारी उपेक्षा से हमारा यह बगीचा विभिन्न नेगेटिव्स, असुरक्षाओं एवं असफलताओं रूपी जंगली घास का अड्डा भी बन सकता है । जॉन कहते हैं कि इस तथ्य के मद्देनजर यह हमारा कर्तव्य और उत्तरदायित्व बन जाता है कि हम अपने मन से नेगेटिव सोच को जड़ से उखाड़ फेंकें।
उनके अनुसार हम निम्नलिखित पांच तकनीकों से अपने नकारात्मक विचारों से निजात पा सकते हैं:
मन से नकारात्मक सोच को पूरी तरह से हटा दें:
इस तकनीक की सहायता से आप जैसे ही एहसास करें कि आप नकारात्मक सोच रही हैं, उसे उसी क्षण समाप्त कर दें। आप उसके साथ ना तो बहस करें ना ही उसका विश्लेषण करें या उसके विरुद्ध कोई सुरक्षात्मक मोर्चाबंदी करें। मात्र उसे अपने मन से हटा कर उसके स्थान पर पूरी तरह से भिन्न विचार मन में लाएं।
नेगेटिव विचारों से मुक्ति पाने का यह एक प्रभावी तरीका है।
अपने विचार को नाम (लेबल) दें:
जैसे ही आप यह अनुभव करें कि नकारात्मक विचार आपके मन में कब्जा जमाने जा रहा है, इसे अपने मन से हटाने के स्थान पर इसे कोई नाम (लेबल) दें। अपने आप से कहें, मैं अपने भीतर एक नेगेटिव विचार का एहसास कर रही हूं।
अपने आप को बार-बार यह याद दिलाती रहें कि यह मात्र एक नेगेटिव विचार है।
अब आप बड़े अक्षरों में निम्नलिखित वाक्य कहीं लिख लें और उसे कम से कम 3 बार पढ़ें जिससे कि यह वाक्य आपके मन में छप जाए:
“नेगेटिव आपको तभी नियंत्रित करते हैं जब आप उस पर प्रतिक्रिया देती हैं।”
अब दोबारा इस वाक्य को पढ़ें। इस वाक्य को तब तक पढ़ती रहें जब तक आप इस बात को पूरी तरह से समझ लें कि आप अपने नेगेटिव विचार पर प्रतिक्रिया देकर ही उसे अपने ऊपर नियंत्रण लेने की ताकत देती है।
याद रखें जिस क्षण आप नेगेटिव पर प्रतिक्रिया करना शुरू कर देती हैं यह आपको अपने चंगुल में ले लेता है।
लेकिन जब आप समझ जाती हैं कि एक नेगेटिव विचार आपको तभी अपने वश में लेता है जब आप उस पर प्रतिक्रिया करती हैं, आप उस पर प्रतिक्रिया नहीं करने का निर्णय लेती हैं।
अपने आपको याद दिलाएं कि वह विचार नेगेटिव है और फिर किसी अन्य विचार को मन में लाएं।
नेगेटिव विचार के विषय में निरंतर सोचने के जाल में कतई न फंसें। अपने नेगेटिव विचार को मन से बिल्कुल हटा दें।
नेगेटिव विचार रूपी राई का पहाड़ बनाते हुए उसका उपहास करना:
अपने नेगेटिव विचार रूपी तिल का ताड़ बनाते हुए उसका उपहास करने की यह तकनीक बेहद प्रभावी तकनीक है।
इस संदर्भ में जॉन केहो एक सेल्सपर्सन का उदाहरण देते हुए कहते हैं कि आप सोचें कि आप एक सेल्स पर्सन हैं और आप अपना सामान बेचने निकली हैं। तभी एक नेगेटिव विचार आपके मन में आता है, “ओह, मैं आज अपना सामान नहीं बेच पाऊंगी।”
तभी आप अपने आप को याद दिलाती हैं यह एक नेगेटिव विचार है। अब आपको नेगेटिव विचार रूपी तिल का ताड़ बनाते हुए कुछ इस प्रकार सोचना है,
“यह सही है। मैं आज अपना सामान नहीं बेच पाऊंगी। वरन जब मैं अगली खरीददार कंपनी के ऑफिस में प्रवेश करूंगी, वहां के लोग मुझ पर बाल्टियाँ भर भर कर पानी फेंकेंगे। उसके बाद वे लोग मुझ पर शिकारी कुत्ते छोड़ देंगे। मैं भीग जाऊंगी और शिकारी कुत्ते मुझे काट लेंगे। एक विशाल मशीनी बॉक्सिंग ग्लव मेरे चेहरे पर वार करेगा । फिर ऑफिस में सभी लोग अपनी अपनी टेबल पर चढ़कर मेरे सामने एक बड़ा बैनर लहराएंगे, जिस पर लिखा होगा, ओ मूर्ख, तुम यहां क्यों आई हो? तुम अपना सामान हमें नहीं बेच पाओगी।”
इस प्रकार आप अपने नेगेटिव विचार को आशातीत रूप से बढ़ा चढ़ाकर सोचते हुए उस हद तक पहुंच जाती हैं कि आपका मन आपसे यह कहना शुरू कर देता है, “ओह, बहुत हुआ। यह हंसने की बात है।”
अब आप अपने इस विचार पर हंसने लगती हैं। एक बार जब आप अपने विचार पर हंसना शुरु कर देती हैं, आप इससे उसकी आप को नियंत्रित करने की सारी ताकत छीन लेती है। इस प्रकार आप अपने नेगेटिव विचार के मकड़जाल से मुक्त हो जाती हैं।
नेगेटिव विचार के ठीक विपरीत विचार से उसका प्रतिकार करें:
नेगेटिव विचार आपसे जो कुछ कह रहा है, उसका ठीक विपरीत विचार मन में लाकर अपने नेगेटिव विचार का प्रतिकार करें।
आपके मन में ऐसा कोई नेगेटिव विचार आए, “मैं आज अपना सामान नहीं बेच पाऊंगी।” आप इसका प्रतिकार इस विचार से कर सकती हैं, “मैं अनेक खरीदारों को अपना सामान बेच पाऊंगी।”
आपके मन में यह नेगेटिव विचार जन्म लेता है, “मैं अपने जीवन में किसी से सार्थक संबंध नहीं बना पाऊंगी।” इसका प्रतिकार आप इसके ठीक विपरीत विचार से कर सकती हैं, “जल्दी ही मैं एक सार्थक संबंध में बंधने जा रही हूं।”
याद रखें एक बार में आपके मन में मात्र एक विचार ही आ सकता है। आप सोच सकती हैं कि आपके मन में एक साथ अनेक विचार आते हैं लेकिन वास्तव में आपके मन में एक के बाद एक विचार की जन्म लेते हैं। एक क्षण में आप मात्र एक ही विचार के विषय में सोच रही होती हैं।
जब आप एक नेगेटिव विचार का प्रतिकार करते हुए उसके ठीक विपरीत विचार मन में लाती हैं, उस स्थिति में आप नेगेटिव विचार की सारी ताकत खत्म कर देती हैं और उससे छुटकारा पा लेती हैं ।
नेगेटिव विचार के विरुद्ध दृढ़ वचन (ऐफर्मेशंस) दोहराएं:
दृढ़ वचनों से हमारा तात्पर्य है ऐसा कथन जो आप अपने आप से बार-बार दोहराती आती हैं। दृढ़ वचन उन नेगेटिव विचारों का प्रतिकार करने में बेहद प्रभावी होते हैं जो आपके मन में बार-बार आते हैं।
जब भी आपके मन में कोई नेगेटिव ख्याल आए, आप इससे कहें, जब भी मैं तुम्हारे बारे में सोचूंगी तुम्हें अपने विपरीत विचार युक्त दृढ़ वचन (ऐफर्मेशंस) का सामना करना ही पड़ेगा
जब भी आपके मन में कोई नेगेटिव जन्म ले, आपको अपनी इस प्रतिज्ञा को निभाना चाहिए।
अतः जब भी आपके मन में यह विचार आए कि “मैं अपने जीवन में कभी आगे नहीं बढ़ पाऊंगी,” इसका विपरीत दृढ़ वचन अपने आपसे दोहराएं, “मैं अपने जीवन में असाधारण रूप से सफल होंऊंगी।”
“मैं अपने जीवन में असाधारण रूप से सफल होंऊंगी।” “मैं अपने जीवन में असाधारण रूप से सफल होंऊंगी।”
इस प्रकार इस दृढ़ वचन को पूरे 2 मिनट तक दोहराएं।
यदि इस दौरान फिर से नेगेटिव विचार आपके मन में उठता है फिर से 2 मिनट के लिए इस दृढ़ वचन को दोहराएं ।
जॉन केहो इस बात की गारंटी लेते हैं कि यदि आप हर बार अपने मन में नेगेटिव विचार उठने पर उसका प्रतिकार 2 मिनट तक दृढ़ वचन के दोहरान से करेंगी तो बहुत शीघ्रता से, अमूमन कुछ ही दिनों में वह नेगेटिव विचार आपका पीछा करना छोड़ देगा।
जॉन केहो कहते हैं कि नेगेटिव विचारों से पीछा छुड़ाने के लिए ये पांच तरीके सर्वश्रेष्ठ हैं। हर एक तरीका अन्य तरीकों से अलग है और अपने आप में स्वतंत्र है। आपको इन में से कुछ तरीके एक दूसरे के विरोधाभासी लग सकते हैं। आप अपनी नेगेटिव सोच से निजात पाने के लिए इन पांचों तकनीकों का उपयोग करके देखें। इनमें से आपको जो भी तरीके बेहतर लगें, उन्हें अपनाएं । आप उन्हें एक दूसरे के साथ भी उपयोग में ला सकती हैं । याद रखें, सर्वोपरि आपको उनका उपयोग इसलिए करना है क्योंकि आपको अब और नेगेटिव्स से नियंत्रित होने की आवश्यकता कतई नहीं है।
Rksinghal
5 tipsतो बताओ। अधूरी आर्टिकल रह गई।