अंतः को जो मेरे छू ले, है स्पर्श तुम्हारा
जीवन को जो नवतर कर दे, है स्पर्श तुम्हारा।
प्राणों में जो जान फूंक दे,
वो बाँसुरी बन जाओ प्रिये।
मेरे गीतों को सुर देकर हाँ
हर होंठो की शान बनो तुम।
जादू सा चल जाए जो, वो है स्पर्श तुम्हारा,
छूमंतर कर जाए जो, वो है स्पर्श तुम्हारा।
अभी दूर है उजियारा,
और रास्ते भी लंबे-लंबे।
गले लगा कर चल पाओ तो
इस जीवन की ढाल बनो तुम।
शिवशंकर की छवि जैसा है स्पर्श तुम्हारा,
राधा कृष्णा की प्रीति जैसा है स्पर्श तुम्हारा।
प्रातिक्रिया दे