अक्सर युवा जेनरेशन को यह कहते सुना गया है कि उनके माथे, नाक और गालों पर बहुत अधिक चमक रहती है। कुछ लोग यह भी कहते हैं कि चेहरे का यह भाग बाकी स्किन टाइप से थोड़ा अलग है। जी हाँ, यह दोनों ही बातें सही हैं। ब्यूटी स्पेश्लिस्ट्स का यह मानना है कि कुछ युवा लोगों के चेहरे की स्किन का कुछ भाग ड्राई या ऑयली टाइप का मिला-जुला भाग होता है। इसी मिले जुले भाग को टी-ज़ोन कहते हैं। आइये आपको बताएं कि चेहरे का टी ज़ोन क्या होता है :
टी-ज़ोन:
दरअसल टी-ज़ोन चेहरे का वह भाग है जो माथे, नाक, ठोढ़ी और गाल व गर्दन से मिलकर बनता है। इसे टी-ज़ोन इसलिए कहा जाता है, क्योंकि अगर चेहरे के चित्र पर इन भागों को लाइनों द्वारा मिलाने का प्रयास किया जाये तब यह आकृति अंग्रेजी भाषा के ‘टी’ अक्षर के आकार (T) की बनती है।
स्किन केयर करने के लिए टी-ज़ोन को इस तरह से समझा जा सकता है:
टी-ज़ोन: माथा
टी-ज़ोन का सबसे बड़ा भाग माथा होता है जहां सबसे अधिक स्किन संबंधी परेशानियाँ देखी जा सकती हैं। इस भाग में तेलीय ग्रंथियों के अधिक सक्रिय होने से पिंपल्स, फाइन लाइंस, झुर्रियां आधिक दिखाई देती है।
टी-ज़ोन: ब्रिज
चेहरे पर दोनों भोंह के बीच और नाक के ऊपर का हिस्सा टी-ज़ोन का ब्रिज कहलाता है। यही वह भाग है जहां आँखों पर ज़ोर देते हुए दोनों भोंहों को सिकोड़ते हैं तब इस भाग में ‘11’ के निशान जैसी दो लाइनें बन जाती हैं। आयु बढ़ने पर यह लाइनें गहरी और दूर से दिखाई देने वाली हो जाती हैं।
टी-ज़ोन: आँखें
इस भाग का अन्य महत्वपूर्ण हिस्सा आँखें और उनके आसपास का क्षेत्र होता है। यह सबसे नाज़ुक और संवेदनशील भाग होता है। चेहरे के इस भाग की नमी बहुत जल्द खत्म होती है और इसी कारण यहाँ झुर्रियां, फाइन लाइंस और क्रो-फीट जैसे निशान दिखाई देने लगते हैं। अगर इस भाग की देखभाल ठीक से न की जाये तो यह हिस्सा काला होकर गड्ढे वाला भी हो सकता है
टी-ज़ोन: नाक
माथे के बाद चेहरे के इस भाग पर भी तेल ग्रंथियां यहाँ बहुत अधिक सक्रिय होती हैं। इसलिए इस भाग में भी मुँहासे और ब्लेक हेड्स जैसी परेशानियाँ अधिकतर देखी जाती हैं।
टी-ज़ोन: गाल
कवियों की कल्पना से लेकर मेकअप आर्टिस्ट तक के लिए, टी-ज़ोन का यह भाग बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। अगर इस हिस्से की देखभाल को अनदेखा कर दिया जाये तो मुंहासों के अलावा, खुजली, जलन, लाली आना और सनबर्न जैसी परेशानियाँ भी हो जाती हैं।
टी-ज़ोन: ठोड़ी
टी-ज़ोन के इस भाग में हालांकि तेल ग्रंथियों का असर कम होता है लेकिन फिर भी पोर के बंद होने की समस्या काफी अधिक होती है। यहाँ पर रक्त वाहिनियों के नजदीक होने के कारण नियमित रूप से धूम्रपान करने वाले लोगो को अधिक परेशानी होती है।
टी-ज़ोन: गला-गर्दन
टी-ज़ोन का यह आखिरी बिन्दु महत्वपूर्ण होते हुए भी अधिकतर अनदेखा रह जाता है। इसी कारण यहाँ की त्वचा में झुर्रियां दिखाई देने लगती हैं।
अपनी स्किन टाइप को, विशेषकर टी-ज़ोन को, ध्यान में रखते हुए त्वचा की पूरी तरह से देखभाल जरूर करनी चाहिए।
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