विवाह के बाद शुरुआती कुछ समय सोने के दिन और चांदी की रातें होती हैं, लेकिन जैसे-जैसे नए-नए विवाह की खुमारी उतरती है, और नव दंपत्ति वैवाहिक जीवन की जमीनी हकीकत से रूबरू होते हैं, उनके मध्य उनके कुदरती स्वाभाव और पृष्ठभूमि में अंतर के कारण तल्खी पैदा होने लगती है, जिसकी परिणति टकराव में होती है।
तो आइए चलिए आज हम देहली की यंग इंडिया साइकोलॉजीकल सॉल्यूशन्स की काउंसेलिंग कम क्लीनीकल साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर सीमा शर्मा से जानते हैं कि आखिर पति-पत्नी के मध्य गाहे बगाहे टकराव की स्थिति क्यों आती है?
डॉ सीमा शर्मा ने हमें दोनों पार्टनरों के मध्य इस समस्या के निम्न कारण रेखांकित किए:
परस्पर संवाद और रोमांस का अभाव
विवाह के कुछ वर्षों पश्चात पति पत्नी दोनों की जिंदगी एक ढर्रे पर चल निकलती है। इस कारण दोनों के मध्य आपसी वार्तालाप में कमी आती है। शादी से पहले एवं बाद के कुछ वर्षों में आपसी बातचीत में चुहल, छेड़छाड़ की जगह घर गृहस्थी, नौकरी, व्यवसाय, बच्चों की संजीदा बातें ले लेती हैं। दोनों पार्टनरों की व्यस्तता के चलते जिंदगी से रोमांस जैसे गायब हो जाता हैं।
याद रखें, परस्पर संवाद के अभाव में वैवाहिक जीवन अपनी प्राणवायु खोने लगता है। एक दूसरे के साथ सोच, भावनाओं की साझेदारी वैवाहिक पार्टनर्स को निकट लाती है और उनके मध्य बॉंडिंग को मजबूत बनाती है।
डॉक्टर सीमा ने बताया कि पति पत्नी दोनों को अपने संबंधों में ताजगी बनाए रखने के प्रयास करने चाहिए। रोमांस, हंसी मजाक से संबंधों में जीवंतता आती है।
एक दूसरे से पूरी न होने वाली अपेक्षाएं
एक दंपत्ति के मध्य एक दूसरे से पूरी न हो पाने वाली अपेक्षाएं झगड़े का कारण बन सकती हैं।
पति या पत्नी एक दूसरे से जीवन जीने की शैली, घरेलू बजट, एक दूसरे के प्रति परवाह और सम्मान की भावना में कमी, करियर में सहयोग की कमी जैसे मुद्दों पर असंतुष्टि की वजह से अपने साथी पर कटु भाषा में प्रहार करने से नहीं चूकते, और अमूमन यह आदत पति-पत्नी के मध्य दरार ले आती है।
डॉ सीमा के अनुसार पति-पत्नी को एक-दूसरे के प्रति सम्मान और परवाह का भाव रखते हुए एक दूसरे की पॉजिटिव क्वालिटी की प्रशंसा करनी चाहिए।
सर्वोपरि एक दूसरे के प्रति प्यार का भाव बनाए रखना चाहिए।
एक दूसरे के प्रति आलोचनात्मक रवैया
पति-पत्नी के मध्य टकराव के पीछे अमूमन दोनों या किसी एक पार्टनर की आलोचना करने की प्रवृत्ति भी होती है। अमूमन पति पत्नी एक दूसरे की आलोचना यह कहते हुए करते पाए जाते हैं “आप लेट लतीफ हो। आपकी वजह से मुझे ऑफिस पहुंचने में रोजाना देर हो जाती है।” या फिर “तुम बेहद फिजूल खर्च हो। तुम्हारी बेवजह शॉपिंग के चलते घर का खर्च बेकाबू हो जाता है।”
डॉ सीमा शर्मा ने बताया कि बहस में एक दूसरे पर दोषारोपण के बजाय इस बात पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए कि आप क्यों अपसेट हैं? क्या गलत हुआ और उसे ठीक कैसे करें।
परस्पर संबंधों में ईर्ष्या भाव
अति ईर्ष्यालू पति अथवा पत्नी अपने पार्टनर को नियंत्रित करते प्रतीत होते हैं, और ऐसा करते हुए उसकी खुशियां चुरा लेते हैं।
अमूमन पति अपनी इस प्रवृत्ति की वजह से पत्नी के पहनने ओढ़ने, मेकअप करने, अपनी सहेलियों के साथ समय बिताने और घूमने, उनके फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट पर नजर रखते पाए जाते हैं। यह पत्नी को मानसिक रूप से तनावग्रस्त करता है, और उनके परस्पर संबंधों में जहर घोलता है।
दूसरी ओर पत्नी पति के दोस्तों से इसलिए खार खाती है, क्योंकि उनकी वजह से पति उसे कम समय देता है।
डॉक्टर सीमा कहती हैं कि पति पत्नी को इस के समाधान के लिए इस मसले पर खुल कर एक दूसरे से बात करनी चाहिए। एक दूसरे के असुरक्षा भाव के मुद्दे पर चर्चा करनी चाहिए।
अंतरंगता में कमी
परस्पर अंतरंगता में कमी के कारण पति और पत्नी के मध्य अनगिनत समस्याएं पनप सकती हैं। इसकी वजह से अगला पार्टनर स्वयं को आहत महसूस करता है। वह स्वयं को अगले पर अनचाहा या थोपा हुआ समझने लगता है।
डॉक्टर शर्मा कहती हैं कि सेक्सुअल इंटीमेसी सफल वैवाहिक जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है।
अतः इसे विवाहित जीवन के हर पड़ाव पर सप्रयास बनाए रखना चाहिए। वह कहती हैं कि यदि आप इस समस्या से जूझ रही हैं, तो अपने डॉक्टर अथवा मैरिज काउंसिलर से इस समस्या के लिए अवश्य परामर्श लीजिए।
गैर जिम्मेदाराना आचरण
पति पत्नी दोनों में से किसी एक का लापरवाह और गैर जिम्मेदार आचरण दोनों के मध्य मतभेद पैदा कर सकता है।
कई बार किसी कारणवश पति की नौकरी चली जाती है, और वह दिन दिन भर बस टीवी देखते, वीडियो गेम खेलते या यारी दोस्ती में समय जाया करता है, जबकि पत्नी घर गृहस्थी और नौकरी दोनों मोर्चे मुस्तैदी से संभालते हुए त्रस्त हो जाती है।
कभी-कभी इसके विपरीत होता भी पाया जाता है.
पति दिन-रात खटकर पत्नी के लिए सारी सुख सुविधाएं जुटाता है, और पत्नी अपनी किटी पार्टी, सहेलियों के साथ होटल, पिक्चर, पिकनिक के लिए आउटिंग के चलते बच्चों और गृहस्थी की जिम्मेदारियां ईमानदारी से निभाने में असफल रहती है। यह उन दोनों के मध्य टकराव की स्थिति पैदा करता है।
डॉक्टर सीमा के अनुसार इस मुद्दे के समाधान के लिए दोनों पार्टनर्स को मिल बैठ कर परस्पर सहमति से एक दूसरे को जिम्मेदारियाँ सौंपनी चाहिए।
एक दूसरे के परिवार अथवा मित्रों के लिए नापसंदगी
अमूमन देखने में आता है कि पति पत्नी की एक दूसरे के परिवार एवं दोस्तों के लिए नापसंदगी दोनों के बीच टकराव का अहम मुद्दा बन जाता है।
पत्नी पति के दोस्तों से इसलिए खिंची-खिंची रहती है क्योंकि उसके साथ पति की अड्डे बाजी की वजह से वह उसे बहुत कम समय दे पाता है। पति पत्नी के घरवालों से छत्तीस का आंकड़ा रखता है, क्योंकि उसे लगता है कि वे उसकी गृहस्थी में अनावश्यक हस्तक्षेप करके उसकी मानसिक शांति भंग करते हैं।
सीमाजी के अनुसार इसके हल के लिए पति पत्नी दोनों को एक दूसरे के रिश्तेदारों एवं दोस्तों के प्रति सहिष्णुता भाव में वृद्धि करनी होगी, एवं अपने विवेक से रिश्तेदारों, मित्रों एवं स्पाउस के मध्य संतुलन बनाना होगा।
आर्थिक समस्याएं
विवाहित दंपत्ति के मध्य आर्थिक समस्याएं उन दोनों के बीच मनमुटाव और झगड़े का प्रमुख कारण बन सकती हैं।
बचत एवं खर्च करने की आदतों में अंतर दोनों पार्टनरों के मध्य मतभेद का कारण बन सकता है। इसके अतिरिक्त पति और पत्नी की आय में बहुत ज्यादा अंतर भी दोनों के बीच तनातनी की स्थिति ला सकता है। अधिक कमाने वाले पति अथवा पत्नी अपनी कमाई पर अपना ज्यादा हक समझ सकते हैं, जिससे दोनों के बीच मतभेद पैदा हो सकते हैं। किसी एक पार्टनर की खर्चीली आदत और दूसरे की मितव्यई आदत होने की वजह से भी दोनों के मध्य तनाव पैदा हो सकता है।
सीमा जी कहती हैं कि पति पत्नी को एक दूसरे के समक्ष अपनी आर्थिक स्थिति का पूरा-पूरा खुलासा करना चाहिए। उन्हें एक दूसरे का पैसे को लेकर उनका निजी नजरिया समझना चाहिए, और अपने घर का बजट जरूर बनाना चाहिए। यह निश्चित ही उनकी आर्थिक समस्याओं में कमी लाएगा।
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