सभ्यता के विकास के साथ ही भारतीय मानस में प्रत्येक व्यक्ति ग्रहण को लेकर उत्सुक व सावधान भी रहता है। ग्रहण के समय और उसके पहले व बाद में की जाने वाली तैयारी करने के लिए सभी ग्रहण के बारे में अग्रिम जानकारी लेना चाहते हैं।
प्राचीन काल की मान्यता के अनुसार सूर्य व चंद्र ग्रहण का संबंध राहू-केतू नाम के राक्षस ग्रहों से जोड़ा जाता था। लेकिन शिक्षा के प्रचार-प्रसार ने इस अंधविश्वास को बेशक खत्म कर दिया है, लेकिन ग्रहण से संबन्धित जानकारी के प्रति उत्सुकता अभी भी यथावत है।
ग्रहण सामान्य रूप से एक खगोलीय घटना है। यह घटना उस समय घटित होती है जब ब्रह्मांड में सूर्य, चाँद व पृथ्वी अपनी-अपनी धुरी पर घूमते हुए एक दूसरे के सामने आ जाते हैं। इन तीनों खगोलीय पिंडों में से एक दूसरे के बीच में आ जाते हैं तब पृथ्वी पर ग्रहण की स्थिति बन जाती है।
जब पृथ्वी और चंद्रमा के बीच में सूर्य आता है तब चंद्रमा को पृथ्वी से देखा नहीं जा सकता है। यह स्थिति चंद्र ग्रहण की कहलाती है। लेकिन जब पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा आ जाता है तब सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक नहीं पहुंचता है और इस स्थिति को सूर्य ग्रहण कहते हैं।
सूर्य और चंद्र ग्रहण के खगोलीय प्रकार निम्न रूप में देखे जा सकते हैं:
1) पूर्ण ग्रहण : जब सूर्य या चंद्र का प्रकाश पृथ्वी पर पूरी तरह से आने में असमर्थ होता है तब यह स्थिति पूर्ण ग्रहण की कहलाती है।
2) आंशिक ग्रहण: जब सूर्य या चाँद का प्रकाश आंशिक रूप में पृथ्वी पर आता है और कुछ भाग छिपा रहता है तब यह स्थिति आंशिक ग्रहण की कहलाती है। इसे खग्रास ग्रहण भी कहते हैं।
3) वलय ग्रहण: यह ग्रहण मुख्य रूप से सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई देता है। जब पृथ्वी और सूर्य के मध्य चंद्रमा इस प्रकार आता है जिससे सूर्य का केवल बाहरी भाग दिखाई दे, तब पृथ्वी से सूर्य एक अंगूठी या कंगन के रूप में दिखाई देता है। इसे वलय ग्रहण कहा जाता है।
वर्ष 2019 में पड़ने वाले सूर्य व चंद्र ग्रहण की तिथि व समय की जानकारी इस प्रकार है:
2019 में आने वाले सूर्य ग्रहण :
विश्व में वर्ष 2019 में तीन सूर्य ग्रहण घटित होने वाले हैं। इनकी सम्पूर्ण जानकारी इस प्रकार है;
इन तीनों ग्रहणों में से केवल अंतिम सूर्य ग्रहण भारत में ही दिखाई देगा। इसलिए इस ग्रहण का सूतक समय 25 दिसंबर 2019 शाम 5.33 बजे से शुरू होकर 26 दिसंबर 2019 को सुबह 10.57 तक रहेगा। यहाँ दिये गए प्रत्येक ग्रहण के समय व तिथियाँ भारतीय समय के अनुसार हैं:
सूर्य-ग्रहण की तिथि सूर्य-ग्रहण का दिन सूर्य ग्रहण का समय सूर्य-ग्रहण का प्रकार
• 6 जनवरी 2019 रविवार 05:04:08 – 09:18:46 आंशिक
• 2-3 जुलाई 2019 मंगलवार 23:31:08 – 02:14:46 पूर्ण
• 26 दिसंबर 2019 गुरुवार 08:17:02-10:57:09 वलयाकार
➡ सूर्य का तापमान कितना है? – सतह का तापमान और अधिकतम तापमान डिग्री सेंटीग्रेड में
2019 में आने वाले चंद्र ग्रहण ग्रहण :
खगोलशास्त्रियों के अनुसार वर्ष 2019 में दो चंद्र ग्रहण आने की संभावना है। इनमें से दूसरा ग्रहण भारत में दिखाई देगा। इस ग्रहण का सूतक 16 जुलाई 2019 को शाम तीन बजे से शुरू होकर 17 जुलाई सुबह साड़े चार बजे तक रहेगा।
चंद्र-ग्रहण की तिथि चंद्र-ग्रहण का दिन चंद्र-ग्रहण का समय चंद्र -ग्रहण का प्रकार
• 21 जनवरी 2019 सोमवार 08:07:34-13:07:03 पूर्ण
• 16 जुलाई 2019 मंगलवार 01:31:43- 04:29:39 आंशिक
➡ चाँद धरती से कितना दूर है? चाँद तक पहुँचने में कितना समय लगता है?
सामान्य रूप से ग्रहण के समय बहुत कुछ करने या न करने के लिए कहा जाता है । लेकिन वैज्ञानिक तथ्य यह है कि ग्रहण के सूतक से लेकर ग्रहण की समाप्ति तक वातावरण में विकिरण का दुष्प्रभाव रहता है। इस कारण सामान्य रूप से व्यक्ति को कुछ भी खाने-पीने या गर्भवती स्त्री के लिए सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
➡ चंद्रग्रहण के नियम: उस दौरान क्या-क्या नहीं करना चाहिए?
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