वर्ष 2020 में वैश्विक महामारी के कारण लॉकडाउन प्राथमिक उपाय के रूप में देखा गया और आर्थिक गतिविधियों को वर्क फ्रोम होम विधि के अनुसार जारी रखने का प्रयास किया गया। इस पूरी प्रक्रिया में जो सबसे अधिक प्रभावित हुईं वो थीं महिलाएं जिनके ऊपर घर-परिवार और रसोई के साथ ही ऑफिस की ज़िम्मेदारी का भार भी आ गया था। ऐसे में अनेक महिलाओं ने सबसे पहला काम किया कुछ ऐसे उपायों को अपनाकर जिनसे किचन में लगने वाले समय को बचाया जा सकता था। तो आइये आज हम आपको बताते हैं 10 उपाय जो आपका किचन में लगने वाला समय बचा सकते हैं:
एक सुव्यवस्थित किचन वह होता है जहां सबकुछ इस तरह से रखा जाता है जिसके कारण न केवल आपको बल्कि घर के प्रत्येक सदस्य को मनचाही वस्तु मिल सकती है। इसके लिए आप अपने स्टोरेज बॉक्स, अगर संभव हो तो पारदर्शी रखें और नहीं तो आप उन पर चीजों के नाम के लेबल लगा दें।
अगर घर में 11-12 साल के बच्चे हों तब जैम, बटर और ब्रेड जैसी चीज़ें इनकी पहुँच में आने लायक जगह पर रखी जा सकती हैं।
हर प्रकार के किचन टूल्स को हो सके तो उनके उपयोग के निकटतम स्थान पर रखें। खाने के बर्तन जैसे प्लेट, कटोरी, चम्मच और कप आदि का स्टैंड बर्तन धोने वाले सिंक या डिश वाशर के पास रखने से आपके समय की काफी बचत हो सकती है।
संडे के दिन सभी सदस्यों के साथ बैठकर पूरे हफ्ते के ब्रेकफ़ास्ट-लंच और डिनर आदि की प्लानिंग कर लें। इसमें कोशिश करें कि सभी सदस्यों का योगदान रहे। यदि उस हफ्ते कोई विशेष दिन या कोई त्योहार आ रहा हो तब उसकी तैयारी का मेन्यू भी उसी समय बन सकता है। इसी प्लानिंग में प्रत्येक सदस्य द्वारा रसोई में दिये जाने वाले योगदान को भी उनकी सामर्थ्य और रुचि के अनुसार शामिल किया जा सकता है। अगर संभव हो तब इस साप्ताहिक मेन्यू का प्रिंट निकाल कर रसोई के सेंट्रल प्लेस में लगा लें। इससे ‘अब क्या बनेगा’ वाले सवाल से बहुत हद तक मुक्ति मिल सकती है।
आपके तैयार मेन्यू के हिसाब से अब आप सभी ज़रूरी चीजों की ख़रीदारी भी आप एक बार में ही कर सकती हैं। लॉकडाउन के कारण अब अधिकतर लोग ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे हैं। इसमें आपके आने-जाने के तो समय की बचत होती है साथ ही एक बार में ख़रीदारी करने से हर बार लगने वाला समय और डिलिवरी चर्जिस भी बच सकते हैं। इसके अलावा अगर आपके मेन्यू के अनुसार कुछ नहीं मिल पाया है तब आप अपने मेन्यू में उसी समय परिवर्तन करके बाद में लगने वाले समय को भी बचा सकती हैं।
रसोई के काम में परिवार के सदस्यों की मदद लेने में कोई बुराई नहीं है। अगर घर में माँ -सास आदि हैं तब आप उनकी इच्छा और सुविधानुसार सब्जी काटने और हरी पत्तेदार सब्जी को छाँटने के काम में उनकी मदद ले सकती हैं। इसी प्रकार युवा होते बच्चे भी धुले बर्तन को सही जगह पर रखने, खाने की तैयारी करने आदि में हाथ बंटा सकते हैं। अगर छोटे बच्चे अपने हाथ से ब्रेड पर बटर या जैम लगा कर खा सकते हैं। घर में विवाहित बच्चे हों तब आप उनके साथ मिलकर रसोई के काम का बंटवारा भी कर सकती हैं। इससे सबको अपने लिए भी उपयुक्त समय मिल सकता है।
अगर संभव हो तब खाना बनाने की तैयारी कुछ पहले से ही करके रख लें। जैसे:
अगर संभव हो तब रसोई में माइक्रोवेव, डिशवाशर, मिक्सी और हैंड ब्लैंडर के साथ फूड प्रोसेसर भी रखें। इन्हें आजकल किचन में विलासिता नहीं बल्कि ज़रूरत का सामान माना जाता है। एक कामकाजी महिला इन सबके साथ बहुत आसानी से किचन का काम पूरा करके अपने ऑफिस का काम भी देख सकती हैं।
अगर किसी प्रकार की विशेष परेशानी न हो तब रोज़ का खाना इस तरह से बनाएँ जो थोड़ा बच जाये। हमारी दादी-नानी कहती थीं, इतना खाना बनाओ जिससे एक मेहमान भी अचानक आए तो वो खा ले। आज के समय में इतना बना हुआ खाना पूरे परिवार के लिए एक दिन का खाना हो सकता है। इस तरह से न केवल सभी सदस्यों को अपनी मनपसंद डिश एक और बार खाने को मिलेगी बल्कि आपको भी किचन की सफाई का समय मिल जाएगा। इसके अलावा छोटे-बच्चे घर में हों तब उनकी अचानक लगी भूख को भी सरलता से शांत किया जा सकता है।
कुछ भोजन इस प्रकार के होते हैं जिन्हें पकने में एक जैसा समय लगता है, तब उन्हें एक ही बर्तन में एक साथ ही पकाया भी जा सकता है। जैसे राजमा के साथ आलू उबाले जा सकते हैं। मोमो के साथ नीचे के बर्तन में मटर और फूल गोभी को भी भाप में पकाया जा सकता है।
अगर कुछ ऐसा पकाना है जिसमें अधिक समय लगना है तब उसकी तैयारी पहले से शुरू कर सकती हैं। जैसे शाम को बनने वाले मटन कोफ्ते का मसाला, सुबह की सब्जी वाले मसाले के साथ ही बन सकता है। शाम की चाय के साथ क़ीमे को तैयार करके, रात को ग्रेवी में पकाए जा सकते हैं। इसी प्रकार गट्टे की सब्जी के लिए गट्टे सुबह बना कर उबाल लें, शाम की चाय के साथ तल कर रात को ग्रेवी में पका लें। इस तरह अपनाई गई विधि में आप सहज ही बच्चों और पतिदेव की मास्टर-शेफ और सासु माँ की अन्नपूर्णा बन सकती हैं।
वैसे तो खाने की हर चीज़ घर में बने उसे अच्छा मानते हैं। लेकिन घर के पिज्जा के लिए पिज्जा बेस और छोले-कुल्चे के लिए बाज़ार से पैक्ड कुल्चे, कभी-कभी आ जाएँ तो इसमें भी कोई बुराई नहीं है।
इसके अलावा सबसे ज़रूरी बात, कभी भी किचन या वहाँ इस्तेमाल किए किसी टूल और बर्तन को काम के बाद गंदा न छोड़ें। इससे तो आपकी रसोई हर समय साफ रहेगी और दूसरे अगली बार आपको काम शुरू करने से पहले सफाई नहीं करनी होगी।
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